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राफेल डील: रक्षा मंत्री का राहुल पर पलटवार, कहा- विदेशी ताकतों के हाथों खेल रही कांग्रेस

राफेल डील को लेकर उठा विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। अब एक अंग्रेजी अखबार में छपी रिपोर्ट को लेकर भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) और कांग्रेस में जंग छिड़ गई है। अखबार ने तत्कालीन रक्षा सचिव के एक नोटिंग के हवाले से दावा किया है कि प्रधानमंत्री कार्यालय(पीएमओ) इस मामले में समानांतर बातचीत कर रहा था।

Dharmendra kumar
Published on: 8 Feb 2019 2:15 PM IST
राफेल डील: रक्षा मंत्री का राहुल पर पलटवार, कहा- विदेशी ताकतों के हाथों खेल रही कांग्रेस
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नई दिल्ली: राफेल डील को लेकर उठा विवाद थमता नजर नहीं आ रहा है। अब एक अंग्रेजी अखबार में छपी रिपोर्ट को लेकर भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) और कांग्रेस में जंग छिड़ गई है। अखबार ने तत्कालीन रक्षा सचिव के एक नोटिंग के हवाले से दावा किया है कि प्रधानमंत्री कार्यालय(पीएमओ) इस मामले में समानांतर बातचीत कर रहा था। इस बारे में रक्षा मंत्रालय की ओर से इस समानांतर बातचीत पर आपत्ति और चिंता व्यक्त की गई थी।

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इसी रिपोर्ट पर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला। इसके बाद रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में इस अखबार की रिपोर्ट पर ही सवाल खड़े कर दिएं और उसे एकपक्षीय करार दिया।

रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि नोटिंग के नीचे ही तत्कालीन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने जबाव दिया था, जिसे अखबार ने एकपक्षीय रिपोर्ट करते हुए नहीं छापा। रक्षा मंत्री ने संसद में सरकार की तरफ से जवाब दिया। रक्षामंत्री ने अखबार की रिपोर्ट से सरकार पर हमलावर कांग्रेस को जवाब देते हुए कहा कि अखबार ने पूरी सच्चाई सामने नहीं रखी।

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उन्होंने कहा कि अखबार को डिफेंस सेक्रटरी के कॉमेंट पर रक्षा मंत्री के जवाब को भी छापना चाहिए था। सीतारमण ने कहा कि तत्कालीन रक्षा मंत्री पर्रिकर ने डिफेंस सेक्रटरी की फाइल नोटिंग के जवाब में कहा था कि चिंता की कोई बात नहीं है, सब ठीक हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस विदेशी ताकतों के हाथों खेल रही है और देश को नुकसान पहुंचा रही है।

रक्षा मंत्री ने कहा, 'मैंने सदन में दिए गए अपने जवाब में भी सारी चीजें साफ की हैं। डील पर पीएमओ के जानकारी मांगने को मामले में हस्तक्षेप नहीं कहा जा सकता है।' रक्षा मंत्री ने कहा, 'वे मरे घोड़े पर चर्चा कर रहे हैं। वे मल्टी नेशनल कॉरपोरेशन के साथ खेल रहे हैं। वे भारत की वायु सेना को मजबूत नहीं होने देना चाहते हैं।'

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तत्कालीन डिफेंस सेक्रटरी जी मोहन कुमार ने भी तत्काल सफाई देते हुए कहा कि जो भी मीडिया रिपोर्ट प्रकाशित हुई है उसका राफेल डील में कीमतों से कुछ लेना-देना नहीं था।



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