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राजनाथ सिंह ने रचा इतिहास, राफेल में उड़ान भरने वाले बने देश के पहले रक्षा मंत्री

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह राफेल की पिछली सीट पर बैठे थे। उड़ान भरते समय राजनाथ ने थम्स अप का निशान दिखाया। उन्होंने ने करीब आधे घंटे तक राफेल में उड़ान भरी। इसके साथ ही राजनाथ सिंह देश के पहले रक्षा मंत्री बन गए हैं जिन्होंने राफेल में उड़ान भरी है। 

Dharmendra kumar
Published on: 24 July 2023 10:28 AM GMT (Updated on: 24 July 2023 9:44 AM GMT)
राजनाथ सिंह ने रचा इतिहास, राफेल में उड़ान भरने वाले बने देश के पहले रक्षा मंत्री
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नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना के लिए मंगलवार का दिन ऐतिहासिक है। भारत को पहला राफेल विमान मिल गया है। फ्रांस ने भारत को RB 001 राफेल विमान सौंप दिया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भारत के पहले राफेल विमान की शस्त्र पूजा की।

इसके अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह राफेल में उड़ा भरी। वह राफेल की पिछली सीट पर बैठे थे। उड़ान भरते समय राजनाथ ने थम्स अप का निशान दिखाया। उन्होंने करीब आधे घंटे तक राफेल में उड़ान भरी। इसके साथ ही राजनाथ सिंह देश के पहले रक्षा मंत्री बन गए हैं जिन्होंने राफेल में उड़ान भरी है। इससे पहले राजनाथ ने तेजस में भी उड़ान भरकर इतिहास रचा था। पहली बार किसी रक्षा मंत्री ने तेजस में उड़ान भरी थी।

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इसके पहले रक्षा मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि इंडियन एयरफोर्स के बेड़े में राफेल के शामिल होने से हमारी क्षमता बढ़ेगी। रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत-फ्रांस के राजनीतिक रिश्ते मजबूत हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि राफेल विमानों की डिलीवरी तय समय पर की जाएगी।

राफेल लड़ाकू विमान मिलने के बाद रक्षा मंत्री ने कहा कि राफेल वायु क्षेत्र में भारत की ताकत को तेजी से बढ़ाएगा। उन्होंने कहा कि इससे पहले फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों के साथ विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की।

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देश के रक्षा मंत्री ने कहा कि उनकी इस यात्रा का उद्देश्य भारत और फ्रांस के बीच 'रणनीतिक साझेदारी' को बढ़ावा देना है।

गौरतलब है कि भारत ने 2016 में 59,000 करोड़ रुपये में फ्रांस सरकार से 36 लड़ाकू विमान खरीदने की डील की थी। भारत में राफेल की पहली खेप मई 2020 में आएगी। इससे भारत के पायलटों और वायुसेना के अधिकारियों को फ्रांस में जरूरी ट्रेनिंग दी जाएगी।

बता दें कि राफेल को लेकर खूब विवाद हुआ था। राहुल गांधी और कांग्रेस समेत कई विपक्षियों दलों ने इसे 2019 के चुनाव में अपना मुद्दा बनाया था।

Dharmendra kumar

Dharmendra kumar

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