×

स्कॉर्पीन पनडुब्बी डाटा लीक की जांच के आदेश, दुश्मन जान गए खासियत

By
Published on: 24 Aug 2016 7:11 AM GMT
स्कॉर्पीन पनडुब्बी डाटा लीक की जांच के आदेश, दुश्मन जान गए खासियत
X

नई दिल्लीः नौसेना की स्कॉर्पीन क्लास सबमरीन के तमाम सीक्रेट लीक होने से इस पनडुब्बी की खासियत भारत के दुश्मनों को पता चल गई हैं। रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने नेवी चीफ से मामले की जांच के आदेश दिए हैं। बता दें कि आस्ट्रेलिया के अखबार 'द ऑस्ट्रेलियन' ने पनडुब्बी से जुड़े 22 हजार 400 पेज के डाटा उजागर कर दिए। नौसेना का फौरी तौर पर कहना है कि भारत से डाटा लीक नहीं हुआ है।

फ्रांस के सहयोग से बन रही सबमरीन

बता दें कि स्कॉर्पीन सबमरीन को भारत फ्रांस के कॉन्ट्रैक्टर डीसीएनएस की मदद से बना रहा है। मुंबई के मझगांव पोर्ट में इस श्रेणी की छह पनडुब्बियां बनाने का काम चल रहा है। एक पनडुब्बी कलवरी का ट्रायल भी बीते मई में हो चुका है। कुल 23 हजार 400 करोड़ रुपए इन पनडुब्बियों को बनाने में खर्च हो रहे हैं। स्कॉर्पीन दुनिया की सबसे ताकतवर और सुरक्षित पनडुब्बियों में से एक है।

क्या जानकारियां लीक हुई हैं?

जो डाटा लीक हुआ है, उससे पनडुब्बी के राडार की पकड़ में न आने की जानकारी मिलती है। इसके अलावा फ्रीक्वेंसी, अलग-अलग रफ्तार पर उसकी आवाज, कितनी गहराई और दूरी तक जा सकने की क्षमता, पनडुब्बी की मैग्नेटिक, इलेक्ट्रोमैग्नेटिक और इन्फ्रा रेड इन्फॉर्मेशन, टॉरपीडो दागे जाने संबंधी जानकारी और क्रू के सदस्यों की बातचीत की किसी और देश को भनक न लगने संबंधी जानकारियां लीक हुई हैं।

आधी रात जागे पर्रिकर

पनडुब्बी की जानकारियां लीक होने की जानकारी आधी रात को रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर को नींद से जगाकर दी गईं। पर्रिकर ने बताया कि ये जानना जरूरी है कि ये भारत से जुड़ा मसला है या नहीं। उन्होंने कहा कि लगता नहीं कि ये सौ फीसदी लीक डाटा है। फिर भी नौसेना चीफ को जांच के लिए कहा गया है। वहीं, डीसीएनएस का कहना है कि खुलासे की जांच नेशनल सिक्योरिटी अथॉरिटी ने शुरू कर दी है। डीसीएनएस के मुताबिक सारा डाटा फ्रांस से 2011 में ही हटा लिया गया था। एक सब क्रॉन्ट्रैक्टर के जरिए ये कुछ कंपनियों तक पहुंचा और ऑस्ट्रेलिया की एक कंपनी के हाथ लगा।

Next Story