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जानिए कौन हैं जया जेटली, जिन्हें 20 साल पुराने घोटाला केस में हुई 4 साल की सजा?
समता पार्टी की पूर्व अध्यक्ष जया जेटली और उनके दो अन्य सहयोगियों को राउज एवेन्यू कोर्ट ने 4-4 साल कैद की सजा सुनाई है।कोर्ट ने तीनों पर 1-1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
नई दिल्ली: समता पार्टी की पूर्व अध्यक्ष जया जेटली और उनके दो अन्य सहयोगियों को राउज एवेन्यू कोर्ट ने 4-4 साल कैद की सजा सुनाई है।कोर्ट ने तीनों पर 1-1 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
साथ कि कोर्ट ने आज शाम 3 बजे तक तीनों को सरेंडर करने का आदेश दिया है। उन सभी को 20 साल पुराने रक्षा सौदा भ्रष्टाचार के मामले में पहले ही दोषी करार दिया जा चुका है। उनके खिलाफ कोर्ट से 7 साल की सजा की मांग की है।
सीबीआई की तरफ से ये मांग की गई है कि जया जेटली और उनकी ही पार्टी के पूर्व सहयोगी गोपाल पचेरलवाल व मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) एसपी मुरगई की सजा को लेकर कोई नरमी ना बरतें।
बुधवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दोषियों की सजा को लेकर अभियोजन और बचाव पक्ष दोनों की बातें सुनी। इसके बाद कोर्ट ने अपना फैसला बृहस्पतिवार के लिए रिजर्व रख लिया।
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तहलका ने किया था स्टिंग
यहां बताते चले कि इस मामले में न्यूज पोर्टल तहलका ने जनवरी 2001 में ‘ऑपरेशन वेस्टएंड’ नामक स्टिंग ऑपरेशन था। इसमें झूठे नाम से कम्पनी बनाकर सेना के लिए हाथ से संचालित होने वाले थर्मल इमेजर्स की आपूर्ति ऑर्डर के लिए दोषियों को रिश्वत लेते दिखाया गया था।
जया जेटली ने तत्कालीन रक्षा मंत्री जार्ज फर्नांडीज के आधिकारिक आवास पर कंपनी का प्रतिनिधि बनकर आए मैथ्यू सैम्युअल से 2 लाख रुपये की घूस ली थी, जबकि मुरगई ने 20 हजार रुपए लिए थे। एक अन्य आरोपी सुरेंदर कुमार सुरेखा बाद में इस मामले की गवाह बन गई थीं।
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वाजपेयी सरकार को देना पड़ा था इस्तीफा
इस मामले का खुलासा होने के बाद रक्षा मंत्री फर्नांडीज को तत्कालीन अटल बिहारी वाजपेयी सरकार से इस्तीफा देना पड़ा था। इस केस में भाजपा के तत्कालीन अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण का भी नाम सामने आया था लेकिन उन्हें बाद में क्लीन चिट दे दी गई थी। इससे पहले 25 जुलाई को राउज एवेन्यू कोर्ट ने जया जेटली और अन्य दोनों आरोपियों को भ्रष्टाचार और आपराधिक साजिश का दोषी ठहराया था।
आज विशेष सीबीआई जज वीरेंदर भट के समक्ष सीबीआई की ओर से पेश वकील ने कोर्ट से कहा कि दोषियों को अधिक से अधिक सजा देनी चाहिए, क्योंकि उनके द्वारा किए गए अपराध प्रकृति भी बेहद गंभीर है। सीबीआई ने कहा कि तहलका न्यूज पोर्टल के स्टिंग ऑपरेशन के बाद इस मामले में आरोपियों की भूमिका खुलेतौर पर सबके सामने आई।
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