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Rajnath Singh Statement On Sanatan Dharma: सनातन को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कही बड़ी बात, संस्कृत पढ़ने वालों की कम होती संख्या को लेकर जताई चिंता
Rajnath Singh Statement On Sanatan Dharma: हरिद्वार स्थित पतंजलि योग पीठ के 29वां स्थापना दिवस और स्वामी दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती के साथ ही गुरुकुल के संस्थापक स्वामी दर्शनानंद की जयंती पर हरिद्वार में कार्यक्रम आयोजित किया गया। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने यहां पतंजलि गुरुकुलम् की आधारशिला रखी।
Rajnath Singh Statement On Sanatan Dharma: हमारे देश में जो सिख धर्म है, वह शिष्य शब्द से ही निर्मित है। भारत में कई सारे ऐसे धर्म और संप्रदाय हैं, जो गुरुवाणी के आधार पर ही कायम है। यदि भारतीय संस्कृति जीवित है और यह सनातन बनी हुई है, तो इसकी जीवंतता को बनाए रखने में इस देश के गुरुओं का सबसे बड़ा योगदान है।
यह बाते केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को हरिद्वार में पतंजलि गुरूकुलम् एवं आचार्यकुलम् शिलान्यास‘ समारोह में अपने संबोधन के दौरान कही। इससे पूर्व उन्होंने पतंजलि गुरुकुलम् की आधारशिला रखी।
देश के गुरुकुल आगे आएं-
रक्षा मंत्री ने कहा कि योग दर्शन भी महर्षि पतंजलि ने संस्कृत में ही लिखा था। उन्होंने संस्कृत पढ़ने लिखने और बोलने वालों की कम होती संख्या को लेकर चिंता भी जताई। उन्होंने कहा कि संस्कृत के संरक्षण और संवर्धन के लिए देश के गुरुकुल आगे आएं। रक्षा मंत्री ने कहा कि संस्कृत वैज्ञानिक भाषा है। दुनिया के कई विद्वानों ने प्रकृति और सृष्टि को समझने के लिए संस्कृत का ही अध्ययन किया, संस्कृत का अहम स्थान है।
बोले-देवभाषा की यह स्थिति देखकर मन में पीड़ा होती है-
रक्षा मंत्री ने कहा कि देवभाषा की यह स्थिति देखकर मन में पीड़ा होती है। उन्होंने कहा कि योग गुरु बाबा रामदेव वेद और योग को सरलता से जनमानस तक पहुंचा रहे हैं इसके लिए वह बधाई के पात्र हैं। गुरु शिष्य परंपरा पर बोलते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि गुरुओं के नाम पर ही सनातन की पहचान है। सभी धर्म में मतभेद हो सकता है लेकिन गुरु को सभी ने स्वीकार किया है।
संस्कृत के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में करेंगे काम
रक्षामंत्री ने कहा कि गुरुकुल परंपरा ने भारत का पूरे विश्व में स्थान दिलाया है। उन्होंने संस्कृत के संरक्षण और संवर्धन की दिशा में काम करने की भी बात कही। जिससे आने वाली पीढ़ी संस्कृति के महत्व को समझ सके इसमें देश के गुरुकुल महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। नई शिक्षा नीति पर बोलते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि कई राज्यों ने नई शिक्षा नीति के तहत अपनी प्रक्रिया शुरू कर दी है। कहा कि इसमें अचानक परिवर्तन संभव नहीं है। मैकाले शिक्षा पद्धति ने देश को राजनीतिक और मानसिक रूप से गुलाम बनाया। स्वामी दर्शनानंद ने गुरुकुल की स्थापना कर इस दिशा में प्रकाश फैलाया जो आज भी युवाओं को प्रकाशित कर रहा है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सुबह सबसे पहले जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचे। यहां कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने उनका पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया। इसके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ स्वामी दर्शनानंद गुरुकुल महाविद्यालय में ‘गुरुकुलम एवं आचार्यकुलम‘ के शिलान्यास समारोह में शामिल होने पहुंचे। जहां रक्षामंत्री ने पतंजलि गुरुकुलम् की आधारशिला रखी।
पतंजलि योग पीठ का 29वां स्थापना दिवस
यह कार्यक्रम पतंजलि योग पीठ के 29वां स्थापना दिवस और स्वामी दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती तथा गुरुकुल के संस्थापक स्वामी दर्शनानंद की जयंती के अवसर पर आयोजित किए जा रहे हैं। 118 साल पहले स्वामी दर्शनानंद द्वारा तीन बीघे जमीन, तीन ब्रह्मचारी और तीन चवन्नियों के साथ शुरू किए गए गुरुकुल का नाम स्वामी दर्शनानंद गुरुकुल महाविद्यालय ज्वालापुर होगा। 10 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले पतंजलि गुरुकुलम के नए सात मंजिला परिसर में करीब 1500 छात्रों के लिए आवासीय सुविधाएं भी होंगी।
हर जगह हो रहा काम-सीएम धामी
कार्यक्रम में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में भगवान राम फिर से अयोध्या में विराजमान हो रहे हैं। आज चाहे काशी विश्वनाथ के भव्य कॉरिडोर का निर्माण हो या बद्रीनाथ का मास्टर प्लान और केदारनाथ का पुनर्निर्माण हो। हर जगह काम हो रहा है।