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Nupur Sharma: हथियार लेकर चलेंगी पैगंबर विवाद वाली नूपुर शर्मा, प्रशासन ने किया ये काम

Nupur Sharma: टीवी चैनल पर डिबेट के दौरान पैगंबर के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी करने को लेकर विवादों में आईं बीजेपी की निष्कासित प्रवक्ता नूपुर शर्मा को दिल्‍ली प्रशासन ने हथियार का लाइसेंस दे दिया है।

Snigdha Singh
Written By Snigdha SinghReport Prashant Dixit
Published on: 13 Jan 2023 3:00 AM GMT (Updated on: 13 Jan 2023 3:00 AM GMT)
Former BJP spokesperson Nupur Sharma
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Former BJP spokesperson Nupur Sharma (Social Media)

Nupur Sharma: एक टीवी चैनल पर डिबेट के दौरान पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी करने को लेकर विवादों में आईं बीजेपी की निष्कासित प्रवक्ता नूपुर शर्मा को दिल्‍ली प्रशासन ने हथियार का लाइसेंस दे दिया है। नूपूर शर्मा को दिल्ली प्रशासन की तरफ से यह लाइसेंस उनको आत्‍मरक्षा के लिए दिया गया है। दरअसल, इस बयान के बाद नुपूर को लगातार जान से मारने की कई धमकियां मिल रही थी, जिसके बाद उनको यह आर्म लाइसेंस दिया गया है।

भारतीय जनता पार्टी ने किया निष्कासित

आपको बता दें, कि एक टीवी चैनल पर डिबेट के दौरान नुपूर शर्मा ने पैगंबर मोहम्‍मद पर कथित विवादित टिप्‍पणी की थी। जिसके बाद विवादों एक लंबा दौर चला और नुपूर को तमाम जगहों से जान से मारने की धमकी दी गईं थी। इस विवादित बयान के बाद भारतीय जनता पार्टी ने अपनी राष्ट्रीय प्रवक्ता नूपुर शर्मा को पार्टी से निलंबित कर दिया था। उनके अलावा दिल्ली इकाई के मीडिया प्रमुख नवीन कुमार जिंदल को भी पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। उनके खिलाफ मुकदमे भी दर्ज किए गए थें।

नूपुर का समर्थन करने पर हत्याएं

देश के कई राज्यों में नूपुर शर्मा पर धार्मिक भावनाओं को भड़काने के आरोप में केस भी दर्ज हुए हैं। राजस्थान के उदयपुर में टेलर कन्हैयाल और पुणे में केमिस्ट उमेश कोल्हे की नूपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट करने पर हत्या भी कर दी गई। सुप्रीम कोर्ट ने नूपुर शर्मा को बड़ी राहत देते हुए उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी और इसके साथ ही देशभर में उनके खिलाफ दायर केसों को भी एक जगह ट्रांसफर कर दिया था।

जानें नूपुर शर्मा के बारें में

नूपुर शर्मा ने दिल्ली यूनिवर्सिटी के क़ानून विभाग से अपनी पढ़ाई की है। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत साल 2008 में उस वक्त की जब वो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की उम्मीदवार के तौर पर दिल्ली यूनिवर्सिटी छात्रसंघ की अध्यक्ष चुनी गईं। आपको बता दें एबीवीपी हिंदू राष्ट्रवादी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की छात्र शाखा है।

इंटरनेशनल बिज़नेस लॉ में मास्टर्स करने के बाद वो भारत लौटीं। जिसके बाद साल 2011 में उनके राजनीतिक कैरियर का ग्राफ़ तेज़ी से आगे बढ़ने लगा। अंग्रेज़ी और हिंदी दोनों ही भाषाओं में स्पष्ट तरीके से अपने नज़रिए को सामने रख सकने की अपनी क्षमता की वजह से 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में बीजेपी की मीडिया कमिटी में उन्होंने जगह बनाई।

Prashant Dixit

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