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Delhi Air Pollution: चोक हुई दिल्ली, सांस लेना दूभर, एक्यूआई गम्भीर लेवल पर पहुंचा
Delhi Air Pollution: कंस्ट्रक्शन गतिविधियों को प्रतिबंधित कर दिया गया है और स्कूलों को दो दिनों के लिए बंद करने का आदेश दिया गया है। दिल्ली ही नहीं, पड़ोस के नोएडा का भी बुरा हाल है।
Delhi Air Pollution: राष्ट्रीय राजधानी की हवा खराब है। जहरीली धुंध की मोटी परत फैली हुई है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) कई हिस्सों में "गंभीर" श्रेणी में पहुंच गया। जिसकी वजह से कंस्ट्रक्शन गतिविधियों को प्रतिबंधित कर दिया गया है और स्कूलों को दो दिनों के लिए बंद करने का आदेश दिया गया है। दिल्ली ही नहीं, पड़ोस के नोएडा का भी बुरा हाल है। नोएडा में कई स्थानों पर एक्यूआई भी 'गंभीर' श्रेणी में पहुंच गया है। सेक्टर 62, सेक्टर 1 और सेक्टर 116 में क्रमशः 483, 413 और 415 एक्यूआई दर्ज किया गया।
क्या है एक्यूआई
वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) विभिन्न प्रदूषकों के जटिल वायु गुणवत्ता डेटा को बताता है।
- 0 से 100 तक एक्यूआई को अच्छा माना जाता है।
- 100 से 200 तक मध्यम।
- 200 से 300 तक खराब।
- 300 से 400 तक बहुत खराब।
- 400 से 500 या इससे ऊपर एक्यूआई को गंभीर माना जाता है जो स्वस्थ लोगों को प्रभावित करता है लेकिन किसी मौजूदा बीमारियों से ग्रस्त लोगों को बहुत गंभीर रूप से प्रभावित करता है।
हर साल यही हाल
ठंड के मौसम में भारी हवा के कारण निर्माण धूल, वाहन उत्सर्जन और पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने से निकलने वाले धुएं के कारण हर सर्दियों में दिल्ली धुएं की परत में ढंक जाता है, जिससे शहर के 2 करोड़ लोगों में सांस संबंधी बीमारियों में वृद्धि होती है।
दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर
स्विस समूह IQAir द्वारा संकलित दुनिया के सबसे प्रदूषित शहरों की 3 नवम्बर की रियल टाइम सूची में नई दिल्ली टॉप पर है। लिस्ट में दिल्ली के 611 एक्यूआई को 'खतरनाक' श्रेणी में रखा है।
दिल्ली के वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने कहा है कि - प्रतिकूल मौसम संबंधी परिस्थितियां, खेतों में आग लगने की घटनाओं में अचानक वृद्धि और प्रदूषक तत्वों को दिल्ली की ओर ले जाने वाली उत्तर-पश्चिमी हवाएं एक्यूआई में अचानक वृद्धि का प्रमुख कारण हैं। अधिकारियों ने प्राथमिक या प्रारंभिक स्कूलों को 3 और 4 नवम्बर को बंद रखने का आदेश दिया है, जबकि क्षेत्र मंं अधिकांश निर्माण कार्य निलंबित कर दिए गए हैं।
क्षेत्र में एयर फिल्टर के कुछ सप्लायर ने बताया कि उपकरणों की कमी हो गई है क्योंकि मांग अचानक बढ़ गई है। इस साल, बिगड़ती वायु गुणवत्ता पर ध्यान भारत द्वारा आयोजित क्रिकेट विश्व कप पर छाया हुआ है, साथ ही वित्तीय राजधानी मुंबई भी प्रदूषण के स्तर में वृद्धि से पीड़ित है।