दिल्ली की हवा में जहर: खतरे में लोगों की जान, प्रदूषण से बिगड़े हालात

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के वायु गुणवत्ता निगरानी संगठन वायु गुणवत्ता प्रणाली एवं मौसम पूर्वानुमान व शोध (सफर) ने बताया था कि स्थिति में तब तक सुधार होने की संभावना नहीं है जब तक कि पराली जलाने की घटनाओं में भारी कमी नहीं आती है।

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Published on: 9 Nov 2020 5:31 AM GMT
दिल्ली की हवा में जहर: खतरे में लोगों की जान, प्रदूषण से बिगड़े हालात
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दिल्ली की हवा में जहर: खतरे में लोगों की जान, प्रदूषण से बिगड़े हालात

नई दिल्ली: दिल्ली को भारत की राजधानी कहते हैं। जहां देश के हर हिस्से से लोग रोजगार की तलाश में पहुंचते हैं। दिल्ली पिछले कई सालों से प्रदूषण की समस्या से गुजर रहा है। दिल्ली सरकार द्वारा इस समस्या को दूर करने के लिए कई नियम लागू किये गए लेकिन प्रदूषण की समस्या दूर नहीं हो रही है। आज यानि कि सोमवार इलाकों में हवा की गुणवत्ता अर्थात (AQI) बेहद ही गंभीर पर पहुंच गया है।

इन इलाकों में बीमारियों के होने का खतरा

बता दें की हवा की गुणवत्ता अर्थात (AQI) का स्तर बढ़ने से लोगों को सांस लेने में कठिनाई के साथ ही आंखों में जलन की समस्या हो रही है। खासकर बुजुर्गों और बच्चों के लिए यह स्थिति बहुत खतरनाक है। आनंद विहार (Anand Vihar) में तो AQI का लेवल 484, मुंडका में 470, ओखला फेज 2 में 465 और वजीरपुर में वायु गुणवत्ता सूचकांग 468 पाया गया। इसे सीवियर कैटेगरी माना जाता है और इसकी वजह से कई तरह की बीमारियों के होने का खतरा बना रहत है।

Delhi AQI Update

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आस-पास के ग्रामीण क्षेत्र में पराली जलाने से बढ़ रही है समस्या

मिली जानकारी के अनुसार पंजाब और आसपास के क्षेत्रों में पराली को कथित रूप से जलाए जाने के बीच रविवार को राष्ट्रीय राजधानी की वायु गुणवत्ता (Air Quality) 'गंभीर' श्रेणी में दर्ज की गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मोबाइल ऐप 'समीर' के मुताबिक, दिल्ली का समग्र वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 426 दर्ज किया गया था जो 'गंभीर' श्रेणी में आता है। पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के वायु गुणवत्ता निगरानी संगठन वायु गुणवत्ता प्रणाली एवं मौसम पूर्वानुमान व शोध (सफर) ने बताया था कि स्थिति में तब तक सुधार होने की संभावना नहीं है जब तक कि पराली जलाने की घटनाओं में भारी कमी नहीं आती है।

Delhi AQI Update-3

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अभी सुधार होने की संभावना नहीं-सफर

सफर के मुताबिक, सतही हवाएं शांत हो गई हैं जो अब तक मध्यम थी और अगले दो दिन तक इनके हल्का रहने का अनुमान है। यही प्रमुख कारण है कि तेजी से सुधार होने की संभावना नहीं है और सुधार तभी हो पाएगा जब पराली जलाने की घटनाओं में कमी आए।

सफर के मुताबिक, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और आसपास के इलाकों में शनिवार को पराली जलाने की घटनाएं 3780 थी। दिल्ली के पीएम 2.5 में इसकी हिस्सेदारी रविवार को अनुमानित तौर पर करीब 29 प्रतिशत रही। यह अनुमानित तौर पर शनिवार को 32 फीसदी थी।

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