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Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली की हॉट सीट जंगपुरा, आइए जाने यहां कौन किस पर भारी ?

Delhi Jangpura Assembly Election 2025: इस इलाके में कुल मतदाता की संख्या 1,47,785 है जिसमें पुरुष मतदाता 79,510 तो महिला मतदाता की संख्या 68,271 है।

Manvendra Kumar
Published on: 9 Jan 2025 2:26 PM IST
Delhi Jangpura Assembly Election 2025
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Delhi Jangpura Assembly Election 2025

Delhi Assembly Election 2025 Update: दिल्ली विधानसभा में जिस सीट पर इस बार सबकी नजर है वह है जंगपुरा सीट। इस सीट पर दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पटपड़गंज सीट छोड़कर जंगपुरा पहुंच गए हैं। वहीं भाजपा ने भी मजबूत उम्मीदवार तरविंदर सिंह मारवाह को यहां से टिकट दिया है। कांग्रेस ने फरहाद सूरी को टिकट देकर मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने की कोशिश में लग गई है। खास बात यह है कि इस विधानसभा क्षेत्र में सिख और मुस्लिम मतदाताओं की संख्या ज्यादा है। आम आदमी पार्टी के पहले विधानसभा स्पीकर इसी इलाके से हैं मनींदर सिंह धीर। हालांकि वे बाद में भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली थी जहां वे पहले भी थे। खैर, आम आदमी पार्टी ने इस इलाके में 2013 से 2020 तक जबरदस्त जीत दर्ज की।

इस इलाके में कुल मतदाता की संख्या 1,47,785 है जिसमें पुरुष मतदाता 79,510 तो महिला मतदाता की संख्या 68,271 है। जहां तक 2020 के जंगपुरा विधानसभा परिणामों की चर्चा करें तो आम आदमी पार्टी को 45,086 वोट हासिल हुए थे वहीं भाजपा को महज 28,995 वोट हासिल हुए थे। कांग्रेस को 13,548 वोट मिल थे। उस समय कांग्रेस के उम्मीदवार तरविंदर सिंह मारवाह ही थे जो अब भाजपा के उम्मीदवार हैं। उनकी टक्कर आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार प्रवीण कुमार से हुई थी। तरविंदर सिंह मारवाह वहां से विधायक रह चुके हैं लेकिन अब यहां के समीकरण में काफी बदलाव आ चुका है। तरविंदर सिंह मारवाह की विशेषता है कि वे अपने प्रचार बड़े जोर शोर से करते हैं। खुद लोगों से सीधे जुड़े हुए हैं। लेकिन अब उनके सामने मनीष सिसोदिया हैं। मनीष सिसोदिया को भरोसा ज्यादा मुस्लिम वोटर से है। हालांकि यहां के स्थानीय मुस्लिम वोटर आम आदमी पार्टी से नाराज भी है। कोरोना के समय इस इलाके में ही निजामुद्दीन जब विवाद में आया था तो उस समय इनके विरोध में आम आदमी पार्टी का बयान आया था। इसका खामियाजा मनीष सिसोदिया को झेलना पड़ सकता है। इस इलाके में तब्लीगी जमात को लेकर काफी चर्चा में रहा है। जहां से करीब दस बस तब्लीगी को गिरफ्तार कर लिया गया था। इनके बचाव में आम आदमी पार्टी आगे नहीं आई।

हालांकि मनीष सिसोदिया इस इलाके को पटपड़गंज इलाके में किए गए शिक्षा पर कार्य का सब्जबाग दिखा रहे हैं। जंगपुरा में कई ऐतिहासिक स्थल, पॉश इलाके, बाजार और दरियागंज में प्रकाशकों के कई संस्थान है। निजामुद्दीन, हुमायू का मकबरा, लाजपत नगर सहित तमाम व्यस्त इलाकों में पार्किंग को लेकर आए दिन समस्या होती रहती है। लाजपत नगर में जहां पार्किंग की व्यवस्था की गई है लेकिन आज भी बाजार जाने के रास्ते काफी समस्या देखने को मिल जाएगी जिसका कोई समाधान नहीं है। वहीं भोगल, अमर कॉलोनी, दरियागंज सहित अन्य इलाकों में अवैध निर्माण से परेशानी है। वहीं श्रीनिवासपुरी, निजामुद्दीन ईस्ट सहित कई इलाकों में जलभराव और सीवेज की समस्या से स्थानीय निवासी परेशान हैं। जहां तक प्रदूषण की बात है तो हजरत निजामुद्दीन और श्रीनिवासपुरी में इस समस्या का हल निकालने की जरूरत है। आश्रम निवासी अभिषेक नरुका का कहना है कि इस इलाके में पार्किंग, जाम और प्रदूषण से रोज जूझना पड़ रहा है। बार-बार स्थानीय जनप्रतिनिधियों से कहने पर भी इसका समाधान नहीं निकल पाया है। अभिषेक नरुका का कहना है कि उनका ऑफिस भी इसी इलाके में है, जहां आए दिन पार्किंग के लिए मशक्कत करना पड़ता है। वहीं निजामुद्दीन निवासी इकबाल अहमद का कहना है कि कुछ इलाके तो यहां पॉश हैं जहां निगम भी ध्यान रखती है। लेकिन निजामुद्दीन के निचले इलाके में देखेंगे तो स्थिति बेहद खराब है जहां बारिश होने पर जल भराव की भारी समस्या से जुझना पड़ता है।

जंगपुरा विधानसभा दिल्ली की ऐतिहासिक और आधुनिक विशेषताओं का सम्मिश्रण है। यह विधानसभा क्षेत्र में 1993 से 2008 तक कांग्रेस के उम्मीदवार जीत दर्ज की है जबकि 2013 से 2020 तक चुनाव में आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार चुनकर आए।

आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार मनीष सिसोदिया पटपड़गंज इलाके में भी बहुत कम अंतर से जीत हासिल की थी ऐसे में यहां भी उनके लिए काफी कठिन राह है। जिन पांच सीट पर भाजपा जोर लगा रही है उसमें जंगपुरा भी है। ऐसे में मनीष सिसोदिया को इस इलाके में मुस्लिम और सिख वोटरों से तालमेल बनाकर लगातार कार्य करना पड़ेगा जहां तरविंदर सिंह मारवाह उन्हें जबरदस्त टक्कर देने को तैयार हैं।

बहरहाल आम आदमी पार्टी ने 2015 एवं 2020 में संपन्न विधानसभा चुनावों में प्रचंड जीत हासिल कर जो इतिहास रचा था उसे आगामी विधानसभा चुनावों में भी दोहराने के लिए वह कोई कसर बाकी नहीं रख रही है लेकिन वह खुद भी इस हकीकत से अच्छी तरह वाकिफ है कि दिल्ली में इस समय जो राजनीतिक माहौल है वह पिछले दो‌ विधानसभा चुनावों से काफी अलग है। इन चुनावों में एक ओर जहां उसे भाजपा कड़ी चुनौती देने के लिए कमर कसकर तैयार हो चुकी है वहीं दूसरी ओर कांग्रेस उसकी चुनावी संभावनाओं को धूमिल करने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है



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