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Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली के जाट समाज को ओबीसी लिस्ट में शामिल करने के लिए केजरीवाल ने प्रधानमंत्री को लिखी चिट्ठी

Delhi Assembly Election 2025 Update: केजरीवाल ने कहा कि उसके बाद 8 फरवरी, 2017 को अमित शाह ने उप्र चुनाव से पहले चौधरी बीरेन्द्र सिंह के घर पर दिल्ली और देश के जाट नेताओं की बैठक बुलाई और उनसे वादा किया कि स्टेट लिस्ट में जो ओबीसी जातियां हैं

Manvendra Kumar
Published on: 9 Jan 2025 4:13 PM IST
Delhi Assembly Election 2025 Update Kejriwal letter to PM Modi
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Delhi Assembly Election 2025 Update Kejriwal letter to PM Modi

Delhi Assembly Election 2025 Update: नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के जाट समाज को केंद्र की ओबीसी लिस्ट में शामिल किए जाने की मांग को लेकर आम आदमी पार्टी (आआपा) के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चिट्ठी लिखी है। केजरीवाल ने लिखा है कि 10 साल पहले आपने जो वादा किया था, उसे याद दिलाने के लिए यह पत्र लिख रहा हूं। मेरी हाल ही में दिल्ली के जाट समाज के कई प्रतिनिधियों से पिछले कुछ दिनों में मुलाकात हुई। इन सभी ने केंद्र की ओबीसी लिस्ट में दिल्ली के जाट समाज की अनदेखी किए जाने पर चिंता जताई। जाट समाज के प्रतिनिधियों ने मुझे बताया कि आपने 26 मार्च, 2015 को दिल्ली के जाट समाज के प्रतिनिधियों को अपने घर बुलाकर ये वादा किया था कि जाट समाज, जो दिल्ली की ओबीसी लिस्ट में है, उसे केंद्र की ओबीसी लिस्ट में भी जोड़ा जाएगा ताकि उन्हें दिल्ली में मौजूद केंद्र सरकार के कालेजों और नौकरियों में आरक्षण का लाभ मिल सके।

केजरीवाल ने कहा कि उसके बाद 8 फरवरी, 2017 को अमित शाह ने उप्र चुनाव से पहले चौधरी बीरेन्द्र सिंह के घर पर दिल्ली और देश के जाट नेताओं की बैठक बुलाई और उनसे वादा किया कि स्टेट लिस्ट में जो ओबीसी जातियां हैं, उनको केंद्र की लिस्ट में जोड़ा जाएगा। आआपा नेता ने कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले दिल्ली में फिर भाजपा सांसद प्रवेश वर्मा के आवास पर अमित शाह जाट नेताओं से मिले और उन्होंने फिर वादा किया कि दिल्ली के जाट समाज को केंद्र की ओबीसी लिस्ट में शामिल किया जाएगा लेकिन चुनाव के बाद इस पर कोई काम नहीं हुआ।

उन्होंने कहा कि आरक्षण को लेकर केंद्र की नीतियों में कई विसंगतियां हैं, जिनकी तरफ मैं आपका ध्यान दिलाना चाहता हूं। मुझे पता चला है कि केंद्र की ओबीसी लिस्ट में होने की वजह से राजस्थान से आने वाले जाट समाज के युवाओं को दिल्ली विश्वविद्यालय में ओबीसी आरक्षण का लाभ मिलता है लेकिन दूसरी तरफ दिल्ली के ही जाट समाज के युवाओं को दिल्ली विश्वविद्यालय में ओबीसी आरक्षण का लाभ नहीं मिल रहा है, क्योंकि केंद्र सरकार ने दिल्ली में जाट समाज को ओबीसी आरक्षण होने के बावजूद उन्हें केंद्रीय ओबीसी लिस्ट में शामिल नहीं किया है।

केजरीवाल ने इसे दिल्ली के जाट समाज के साथ धोखा करार देते हुए कहा कि यह पिछले एक दशक से हो रहा है। उन्होंने कहा कि जाट समाज के अलावा रावत, रौनियार, राय तंवर, चारण व ओड जातियों को दिल्ली सरकार ने ओबीसी दर्जा दिया हुआ है लेकिन केंद्र सरकार इन्हें दिल्ली में अपने संस्थानों में ओबीसी आरक्षण का लाभ नहीं दे रही है।

उन्होंने कहा कि राजधानी में केंद्र सरकार के सात विश्वविद्यालय और उनके दर्जनों कालेज हैं। दिल्ली पुलिस, एनडीएमसी, डीडीए, एम्स, सफदरजगं, आरएमएल जैसे केंद्र सरकार के कई संस्थानों में नौकरियां हैं, जिनमें केंद्र सरकार के नियम लागू होते हैं। ऐसे में केंद्र सरकार की इस वादाखिलाफी की वजह से दिल्ली के ओबीसी समाज के हजारों युवाओं के साथ अन्याय हो रहा है। इसलिए केंद्र सरकार के तुरंत केंद्रीय ओबीसी सूची की विसंगतियों में सुधार कर दिल्ली में ओबीसी दर्जा प्राप्त सभी जातियों को केंद्र सरकार के संस्थानों में भी आरक्षण लाभ देना चाहिए।



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