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Delhi Elections: दिल्ली चुनाव के लिए BJP की बड़ी तैयारी, हर सीट का गहराई से आकलन, आप के प्रमुख चेहरों को घेरने की रणनीति

Delhi Elections: आप की रणनीति को नाकाम बनाने के लिए भाजपा इस बार अपने बड़े चेहरों को भी चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी में जुटी हुई है। पार्टी का मानना है कि बड़े नेताओं के चुनाव मैदान में उतरने से पार्टी कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ेगा।

Anshuman Tiwari
Published on: 22 Dec 2024 9:15 AM IST (Updated on: 22 Dec 2024 11:05 AM IST)
Arvind Kejriwal
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Arvind Kejriwal (PHOTO: Social media )

Delhi Elections: दिल्ली के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी को घेरने के लिए भाजपा भी मजबूत रणनीति तैयार करने में जुटी हुई है। आप ने दिल्ली की सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित करते हुए चुनावी तैयारी के मामले में भाजपा और कांग्रेस को भले ही पीछे छोड़ दिया हो मगर भाजपा भी हर सीट का अलग-अलग आकलन करके मजबूत उम्मीदवार घोषित करने की प्रक्रिया में जुटी हुई है।

भाजपा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि हर सीट के लिए उम्मीदवारों का पैनल तैयार कर लिया गया है। अब प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवारों की ताकत को नाप-तोल कर जातीय समीकरण साधते हुए उम्मीदवार घोषित करने की तैयारी है। आप के बड़े चेहरों के खिलाफ मजबूत उम्मीदवार उतार कर उन्हें अपने चुनाव क्षेत्र में बांधे रखने की भी रणनीति तैयार की गई है। जानकारों का कहना है कि कई नेताओं को अपने चुनाव क्षेत्र में सक्रिय होने का ग्रीन सिग्नल भी दे दिया गया है।

सभी सीटों पर उम्मीदवारों का पैनल तैयार

दिल्ली विधानसभा का चुनाव इस बार आप और भाजपा दोनों के लिए काफी अहम माना जा रहा है। भाजपा इस बार दिल्ली की सत्ता पर लंबे समय से काबिज आप को सत्ता से बेदखल करने के लिए पूरी ताकत लगाने की तैयारी में जुटी हुई है। दूसरी ओर आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भाजपा को सत्ता में आने से रोकने के लिए हर रोज बड़े-बड़े ऐलान करके समीकरण साधने की कोशिश कर रहे हैं।

भाजपा सूत्रों का कहना है कि दिल्ली की सभी 70 विधानसभा सीटों पर संभावित उम्मीदवारों का पैनल तैयार कर लिया गया है। हर सीट पर दो से चार दावेदारों के नाम रखे गए हैं। अब पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की ओर से इनमें से किसी एक नाम पर अंतिम मुहर लगाई जाएगी।

उम्मीदवारों का पैनल तैयार करने में प्रतिद्वंद्वी दलों के उम्मीदवारों की ताकत को भी ध्यान में रखा गया है। इसी हिसाब से पार्टी के प्रत्याशी का फैसला किया जाएगा। भाजपा के लिए अच्छी बात यह है कि आप ने सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं और ऐसे में पार्टी को विरोधी प्रत्याशी की ताकत आंकने का पूरा मौका मिल गया है।

क्षेत्र के जातीय समीकरण पर विशेष फोकस

भाजपा की ओर से आप के बड़े चेहरों को घेरने की रणनीति तैयार की गई है। आप ने सभी 70 विधानसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं जबकि कांग्रेस की ओर से भी 21 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया गया है। कांग्रेस ने अभी 49 सीटों पर अपने पत्ते नहीं खोले हैं मगर कांग्रेस के भी संभावित उम्मीदवारों की ताकत का अध्ययन किया गया है।

आप और कांग्रेस के बड़े चेहरे को घेरने के लिए भाजपा की ओर से प्रभावशाली और क्षेत्र में असर रखने वाले नेताओं को मैदान में उतारने की तैयारी है। विरोधी दलों के उम्मीदवारों की जाति और क्षेत्र के जातीय समीकरण का भी विस्तृत अध्ययन किया गया है और इसी आधार पर उम्मीदवारों के नाम को हरी झंडी दिखाई जाएगी। क्षेत्र के जातीय समीकरण को ध्यान में रखते हुए अनुसूचित जाति, ओबीसी और सवर्ण बिरादरी से ताल्लुक रखने वाले नेताओं को पैनल में स्थान दिया गया है।

अरविंद केजरीवाल को घेरने की तैयारी

आप की रणनीति को नाकाम बनाने के लिए भाजपा इस बार अपने बड़े चेहरों को भी चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी में जुटी हुई है। पार्टी का मानना है कि बड़े नेताओं के चुनाव मैदान में उतरने से पार्टी कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ेगा और इसके साथ ही मतदाताओं में पार्टी की पैठ बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।

इसी के तहत नई दिल्ली विधानसभा सीट पर आप के सबसे बड़े चेहरे अरविंद केजरीवाल के खिलाफ दो बार के सांसद प्रवेश वर्मा को उतारने की तैयारी है। प्रवेश वर्मा पहले से ही इस चुनाव क्षेत्र में सक्रिय बने हुए हैं। उल्लेखनीय बात यह है कि कांग्रेस ने भी इस सीट पर अपने बड़े चेहरे और पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित को चुनाव मैदान में उतार दिया है।

गठबंधन टूटने का फायदा उठाने की कोशिश

आप के अन्य बड़े नेताओं मनीष सिसोदिया,आतिशी और गोपाल राय आदि के खिलाफ भी प्रभावशाली उम्मीदवार उतारने की तैयारी है। भाजपा की रणनीति से साफ हो गया है कि इस बार पार्टी विधानसभा चुनाव में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ना चाहती।

लोकसभा चुनाव के दौरान आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन था। आप ने चार और कांग्रेस ने तीन सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे मगर इसके बावजूद भाजपा ने सभी सातों सीटों पर जीत हासिल की थी। इस बार दोनों दलों का गठबंधन टूट चुका है और ऐसे में भाजपा विधानसभा चुनाव के दौरान इस मौके का फायदा उठाने की कोशिश में जुटी हुई है।



Ragini Sinha

Ragini Sinha

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