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कोरोना मरीज बने आफत, अस्पतालों में हुई बेड की कमी, जारी हुआ ये आदेश

दिल्ली के 33 निजी अस्पतालों में कोरोना मरीजों के लिए ICU बिस्तर क्षमता 220 तक बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।

Shreya
Published on: 31 March 2021 3:41 PM IST
कोरोना मरीज बने आफत, अस्पतालों में हुई बेड की कमी, जारी हुआ ये आदेश
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कोरोना मरीज बने आफत, अस्पतालों में हुई बेड की कमी, जारी हुआ ये आदेश (फोटो- सोशल मीडिया)

नई दिल्ली: देश में एक बार फिर से कोरोना वायरस (Corona Virus) के चलते संकट गहरा गया है। भारत में लगातार सक्रिय मामलों की संख्या बढ़ती जा रही है।राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भी महामारी की वजह से हालात बदतर हैं। इस बीच दिल्ली के 33 प्राइवेट अस्पतालों में कोविड -19 संक्रमित मरीजों के लिए आईसीयू बिस्तर क्षमता 220 तक बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।

33 निजी अस्पतालों को ICU बेड बढ़ाने के निर्देश

दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने ये फैसला कुछ प्राइवेट हॉस्पिटल्स में कोरोना वायरस मामलों में स्पाइक और आईसीयू बेड की कमी के मद्देनजर लिया है। राज्य की आप सरकार ने दिल्ली के 33 निजी अस्पतालों को कोरोना मरीजों के लिए आईसीयू बेड बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।

निजी अस्पतालों में थी बेड्स की कमी

मामले में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि हमने निजी अस्पतालों को आईसीयू बिस्तरों की संख्या 220 से बढ़ाने के आदेश दिए हैं। हमने बड़े प्राइवेड हॉस्पिटल्स को भी अपने वार्डों में बेड्स की संख्या को 838 तक बढ़ाने के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि तीन से चार हॉस्पिटल्स में ICU बेड्स की कमी थी, इसलिए सरकार ने बिस्तरों की संख्या बढ़ाने के लिए कहा है।

(फोटो- सोशल मीडिया)

ऐसे है राज्य में अस्पतालों की स्थिति

स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने ये भी कहा कि सरकार द्वारा संचालित अस्पतालों में आईसीयू और सामान्य बेड दोनों उपलब्ध थे, ऐसे में वहां पर बिस्तर की कमी होने की स्थिति नहीं है। दिल्ली सरकार के कोरोना वायरस ऐप के अनुसार, राज्य में कोरोना मरीजों के लिए बिस्तर की कुल संख्या पांच हजार 815 है, जिनमें से एक हजार 799 बेड भरे हुए हैं। इसी तरह वेंटिलेटर वाले 787 कोरोना आईसीयू बेड पर 298 मरीज भरे हुए हैं। जबकि 489 खाली हैं।

गौरतलब है कि देश में एक बार फिर से कोरोना वायरस महामारी अपने पैर पसार रही है। देश में मंगलवार को एक दिन में 56 हजार से ज्यादा मामले दर्ज किए गए हैं। देश के दस जिलों में सबसे ज्यादा एक्टिव केसेस हैं, इनमें से महाराष्ट्र के ही आठ जिले हैं। वहीं इस लिस्ट में दिल्ली को भी एक जिले के तौर पर शामिल किया गया है।



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