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Delhi Liquor Scam Updates: मनीष सिसोदिया की याचिका खारिज, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- सीधे यहां क्यों आये, हाईकोर्ट जाएं

Delhi Liquor Scam Updates: मनीष सिसोदिया ने शराब घोटाला मामले में अपनी गिरफ्तारी और सीबीआई जांच के तरीके को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। उनके वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने पैरवी करते हुए एससी से याचिका पर जल्द सुनवाई की मांग की है।

Prashant Dixit
Report Prashant DixitWritten By aman
Published on: 28 Feb 2023 11:42 AM GMT (Updated on: 28 Feb 2023 12:47 PM GMT)
DCM Manish Sisodia
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Delhi DCM Manish Sisodia (Photo: Social Media)

Delhi Liquor Scam Manish Sisodia Updates: दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कथित शराब घोटाला मामले में अपनी गिरफ्तारी और सीबीआई जांच के तरीके को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान सिसोदिया की याचिका को ख़ारिज कर दिया। डिप्टी सीएम के वकील अभिषेक मनु सिंघवी (Abhishek Manu Singhvi) ने पैरवी करते हुए सुप्रीम कोर्ट में अपनी दलीलें पेश की। जिसे सुप्रीम कोर्ट ने ख़ारिज करते हुए कहा, आप हाईकोर्ट जाइये। इससे पहले, शीर्ष अदालत ने सिसोदिया की याचिका स्वीकार करते हुए आज (28 फ़रवरी) सुनवाई का समय दिया था। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री ने अपनी याचिका में कहा था कि, जब वो CBI जांच में सहयोग कर रहे थे, तो गिरफ्तारी क्यों की गई? वहीं, मंगलवार शाम को मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन ने मंत्रीपद से इस्तीफा दे दिया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दोनों के इस्तीफे मंजूर कर लिया है।

मनीष सिसोदिया की तरफ से कोर्ट में सीनियर लॉयर अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए। मुख्य न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ (CJI D.Y. Chandrachud) और जस्टिस पी. एस. नरसिम्हा (Justice P.S. Narasimha) की पीठ से याचिका पर सुनवाई की। अदालत ने मामले को सुनने से इनकार करते हुए सिसोदिया को हाई कोर्ट जाने के लिए कहा है। AAP नेता मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) फिलहाल सीबीआई (CBI) की हिरासत में हैं।

अर्नब गोस्वामी और विनोद दुआ का दिया हवाला

चीफ जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, 'आप सीधे सुप्रीम कोर्ट से जमानत सहित अन्य राहत की मांग रहे हैं। आपने अर्णब गोस्वामी (Arnab Goswami) और विनोद दुआ (Vinod Dua) केस का हवाला दिया। मगर, वो मामले इससे बिल्कुल अलग थे। आपको निचली अदालत से बेल लेनी चाहिए। एफआईआर रद्द करवाने के लिए हाई कोर्ट जाना चाहिए।'

सुप्रीम कोर्ट ने कहा- हाईकोर्ट जाएं

सर्वोच्च न्यायालय ने इससे पहले कहा था कि, 'जेल में बंद आम आदमी पार्टी (AAP) नेता दंड प्रक्रिया संहिता यानी सीआरपीसी के तहत जमानत के लिए दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) का रुख कर प्राथमिकी रद्द करने का अनुरोध कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने कहा, कोर्ट ने हाल ही में कांग्रेस नेता पवन खेड़ा (Pawan Khera) की जमानत याचिका पर सुनवाई की थी। चूंकि, उसमें दो राज्यों में दर्ज प्राथमिकियां जोड़ी गई थी। ज्ञात हो कि, प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ कांग्रेस नेता खेड़ा ने विवादित टिप्पणी की थी। जिससे संबंधित मामले में उन्हें अंतरिम जमानत दी गई। खंडपीठ ने कहा, 'उसमें प्राथमिकियों को जोड़ने का अनुरोध किया गया था। लेकिन, आप एफआईआर रद्द करवाने या बेल के लिए दिल्ली हाईकोर्ट का रुख कर सकते हैं।’

मनीष सिसोदिया से पूछताछ शुरू

सीबीआई ने रिमांड मिलने के बाद मनीष सिसोदिया से पूछताछ शुरू कर दी है। सीबीआई ने सिसोदिया के लिए एक सवालों की लंबी लिस्ट तैयार की है। आपको बता दे, जांच एजेंसी मनीष सिसोदिया से गिरफ्तारी के बाद पहली बार पूछताछ कर रही है। सीबीआई नए सिरे से अब पूछताछ करेगी और पिछली पूछताछ के दौरान जिन सवालों के जवाब देने से बचे थे, उनसे ये सवाल फिर से पूछे जाएंगे। इस दौरान सीबीआई को मनीष सिसोदिया से सभी जरूरी सवालों के जबाव मिलने की उम्मीद होगी।

सीबीआई हिरासत में मनीष सिसोदिया

सीबीआई ने 2021-22 की आबकारी नीति को लागू करने में कथित भ्रष्टाचार के सिलसिले में रविवार को मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया था। जहां सीबीआई ने सोमवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया। अदालत में एक घंटे से अधिक समय तक चली सुनवाई के दौरान, सिसोदिया के वकील ने कहा कि उपराज्यपाल ने आबकारी नीति में बदलावों को मंजूरी दी थी, लेकिन केंद्रीय जांच एजेंसी निर्वाचित सरकार के पीछे पड़ी है। जिस सुनवाई के बाद कोर्ट ने सिसोदिया को 5 दिन की सीबीआई हिरासत में भेज दिया है।

हिरासत में भेजते हुए जज की टिप्पणी

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सीबीआई की कस्टडी में सौंपते हुए जज ने कहा, वह इससे पहले भी दो मौंकों पर जांच में शामिल हुए हैं लेकिन पूछताछ के दौरान ज्यादातर सवालों के जवाब नहीं दे सके हैं और उनके अधीनस्थों के बयान के कारण उनके खिलाफ कुछ दस्तावेजी सबूत सामने आ चुके हैं। ऐसे में उचित और निष्पक्ष जांच के लिए यह जरूरी हो जाता है कि उनसे पूछे गए सवालों के उचित और वैध जवाब मिलें। इसलिए अदालत उनको पांच दिन की सीबीआई हिरासत में भेजने जा रही है।

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