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Manish Sisodia: साधारण पत्रकार से CBI के घेरे तक, जानिए इनकी अब तक की राजनीतिक यात्रा
Manish Sisodia Biography : मनीष सिसोदिया और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के रिश्ते सिर्फ अच्छे 'बॉस' और उनके 'मातहत' के रूप में नहीं है, बल्कि उसे भी ज्यादा गहरे और पुराने हैं।
Manish Sisodia Biography : दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) और उनकी आबकारी नीति पर इन दिनों घमासान मचा है। मनीष सिसोदिया के घर पड़े सीबीआई छापे (CBI Raids on Manish Sisodia) ने उन्हें सुर्ख़ियों में ला दिया। कभी राजनीति को 'कीचड़' बताने वाले मनीष जब खुद 'दलदल' में फंसे हैं तो चर्चा होना स्वाभाविक है। मनीष की पहचान दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बेहद करीबी और खास लोगों में रही है। 'अन्ना आंदोलन' के वक्त मनीष कैमरे की नजर में आये थे। कभी पत्रकार के रूप में करियर शुरू करने वाले मनीष आज जब सीबीआई के शिकंजे में आये हैं तो उनके अब तक के सफर पर एक नजर।
मनीष सिसोदिया और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के रिश्ते सिर्फ अच्छे 'बॉस' और उनके 'मातहत' के रूप में नहीं है, बल्कि उसे भी ज्यादा गहरे और पुराने हैं। अन्ना आंदोलन के दौरान, आम आदमी पार्टी के गठन और दिल्ली के उप मुख्यमंत्री बनने तक के सफर में सिसोदिया ने इस बात को अच्छी तरह समझ लिया था कि काम करने का सबसे सही तरीका क्या है।
AAP में दूसरा सबसे अहम चेहरा
आम आदमी पार्टी (AAP) में संयोजक अरविंद केजरीवाल के बाद मनीष सिसोदिया दूसरा सबसे बड़ा चेहरा हैं। मनीष ने राजनीति की राह तो बाद में पकड़ी उससे पहले बतौर सामाजिक कार्यकर्ता उन्होंने लंबी पारी खेली। आपको बता दें, कि मनीष सिसोदिया का जन्म 1972 में उत्तरप्रदेश में हापुड़ जिले में हुआ था। उनका ताल्लुक एक मध्यमवर्गीय परिवार से है। उनके पिता पेशे से शिक्षक थे।
पत्रकारिता से करियर की शुरुआत
बहुत लोगों को नहीं पता होगा कि मनीष सिसोदिया ने अपने करियर की शुरुआत एक पत्रकार के रूप में की थी। उन्होंने राजधानी दिल्ली स्थित भारतीय विद्या भवन से पत्रकारिता की पढ़ाई की थी। जिसके बाद उन्होंने विभिन्न संस्थानों में समाचार के क्षेत्र में काम किया। मनीष कुछ समय के लिए ऑल इंडिया रेडियो (All India Radio) से जुड़कर भी काम किया। मगर, उनकी पहचान तब बनी जब वो जी न्यूज़ से जुड़े। जी न्यूज़ में उन्होंने 2001 तक काम किया।
केजरीवाल के साथ 1999 में बनाया 'परिवर्तन'
इस वक़्त तक मनीष सिसोदिया और अरविंद केजरीवाल एक-दूसरे को जानने-समझने लगे थे। दोनों में दोस्ती भी हो चुकी थी। दोनों ने मिलकर 1999 में 'परिवर्तन' नाम से एक एनजीओ बनाया। यह एनजीओ सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में काम करता था। धीरे-धीरे मनीष सिसोदिया को अरविंद केजरीवाल साथ भाने लगा। अब मनीष पत्रकारिता को पूरी तरह छोड़ केजरीवाल और सामाजिक कार्यों को लेकर समर्पित हो चुके थे।
'आरटीआई कैंपेन' और 'कबीर' के लिए अहम मनीष
मनीष सिसोदिया अब केजरीवाल के 'आरटीआई कैंपेन' (RTI campaign) से भी जुड़े चुके थे। यहां आपको बता दूं कि सिसोदिया उन चंद लोगों में से थे, जिन्हें अरुणा रॉय (Aruna Roy) ने 'सूचना का अधिकार' (Right to information) कानून का ड्रॉफ्ट बनाने के लिए चुना था। इस दौरान केजरीवाल से उनका साथ बना रहा। इस दौरान 'परिवर्तन' एनजीओ के प्रबंधन का काम मनीष सिसोदिया ही देखते थे। साल 2006 में मनीष सिसोदिया ने अरविन्द केजरीवाल के साथ मिलकर 'पब्लिक कॉज रिसर्च फाउंडेशन' (Public Cause Research Foundation) का गठन किया। मनीष 'कबीर' नाम के एक एनजीओ में भी अहम भूमिका निभा रहे थे।
'जनलोकपाल बिल' और अन्ना आंदोलन से बनी पहचान
फिर आया साल 2011 जब मनीष सिसोदिया को वो पहचान मिली जिससे वो अब तक दूर-दूर थे। इसी साल वो अरविंद केजरीवाल के साथ मिलकर 'जनलोकपाल बिल' (Jan Lokpal Bill) का एक अहम चेहरा बने। इस बिल के समर्थन में विरोध-प्रदर्शनों के दौरान मनीष को हिरासत में भी लिया गया। फिर देश में एक बड़ी क्रांति आई। 'अन्ना की आंधी' में पूरा देश बह चला था। अन्ना आंदोलन के दौरान 'सत्य की मशाल' लिए जो एक टीम आगे बढ़ी मनीष उसमें अहम थे। यह मशाल की लौ केवल दिल्ली में ही नहीं जली बल्कि पूरे देश में जली। तब अन्ना की जीत की राह भले ही आसान नहीं थी, मगर उन 12 दिनों में हुए घटना क्रम ने देश को एक नया राजनीतिज्ञ मनीष सिसोदिया के रूप में दिया।
...और बन गए राजनेता
साल 2012 में जब आम आदमी पार्टी का गठन हुआ तो मनीष सिसोदिया इसकी राजनीतिक मामलों की समिति (Political Affairs Committee) के सदस्य बन गए। वर्ष 2013 में हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में वो पटपड़गंज विधानसभा सीट से मैदान में उतरे। इस चुनाव में उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी नकुल भारद्वाज को हराया। फिर, 2015 के इसी विधानसभा सीट से जीतकर आए। साल 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में सिसोदिया तीसबी बार पटपड़गंज सीट से चुनकर आए। दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार में सिसोदिया हमेशा ही नंबर दो पर रहे। पिछली सरकार में उनके पास वित्त, शिक्षा, राजस्व, ऊर्जा प्रशासनिक सुधार जैसे के विभाग थे।
पत्नी ने छोड़ दी थी नौकरी
मनीष सिसोदिया की पत्नी का नाम सीमा सिसोदिया (Seema Sisodia) हैं। सीमा सॉफ्टवेयर क्षेत्र में काम करती थीं। मगर, पारिवारिक वजहों से कई साल पहले उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी थी। मनीष और सीमा सिसोदिया को एक बेटा है। मनीष के बेटे का नाम मीर सिसोदिया है। मनीष को पुराने गानों और दक्षिण भारतीय व्यंजनों का शौक है।
हालिया मामले में सीबीआई ने उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के घर छापेमारी की है। सीबीआई रेड चीफ सेक्रेटरी नरेश कुमार की जांच को आधार बनाकर किया गया है। मनीष इस मामले में मुख्य आरोपी हैं। जुलाई में जांच के बाद पाया गया था कि आबकारी नीति 2021-22 को लागू करने में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां हुई थी। शराब लाइसेंसियों को फायदा पहुंचाने के लिए प्रक्रिया को ताक पर रख दिया गया। फिलहाल इस मामले पर राजनीति तेज हो चली है। बीजेपी मनीष और आम आदमी पार्टी को लगातार घेर रही है।