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Delhi ED Raids: दिल्ली में ईडी की 25 जगहों पर छापेमारी
Delhi ED Raids: अब तक कई छापेमारी की हैं और मामले में पिछले महीने शराब व्यवसायी और शराब निर्माण कंपनी इंडोस्पिरिट के प्रबंध निदेशक समीर महेंदरू को भी गिरफ्तार किया था।
Delhi ED Raids: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी में कम से कम 25 स्थानों पर छापेमारी की, जो अब खत्म हो चुकी दिल्ली आबकारी नीति की चल रही मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत है। अधिकारियों ने कहा कि तलाशी अभियान के तहत शामिल परिसर शराब डीलरशिप और डिस्ट्रीब्यूटरशिप से जुड़ी निजी संस्थाओं के हैं।
संघीय एजेंसी ने इस मामले में अब तक कई छापेमारी की हैं और मामले में पिछले महीने शराब व्यवसायी और शराब निर्माण कंपनी इंडोस्पिरिट के प्रबंध निदेशक समीर महेंदरू को भी गिरफ्तार किया था। मनी लॉन्ड्रिंग का मामला सीबीआई की एक प्राथमिकी से उपजा है जिसमें दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को एक आरोपी के रूप में नामित किया गया था।
दिल्ली एलजी द्वारा दिल्ली की आबकारी नीति 2021-22 के कार्यान्वयन में कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच की सिफारिश के बाद यह योजना जांच के दायरे में आई। उन्होंने इस मामले में 11 आबकारी अधिकारियों को सस्पेंड भी किया था।
सितंबर में 40 ठिकानों पर पड़े थे छापे
16 सितंबर को प्रवर्तन निदेशालय ने इस मामले में दिल्ली – एनसीआर, हैदराबाद, बेंगलुरू, चेन्नई और नेल्लोर समेत देशभर के 40 ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान हैदराबाद में केवल 25 ठिकानों पर रेड मारी गई थी। इसके बाद सात अक्टूबर को दिल्ली, पंजाब और हैदराबाद में ईडी ने 35 ठिकानों पर छापा मारा था। इस कथित शराब घोटाले में अब तक तीन गिरफ्तारिय़ां हो चुकी हैं। इनमें आम आदमी पार्टी के आईटी हेड विजय नायर, जाने-माने शराब कारोबारी समीर महेंद्रू और अभिषेक बोइनपल्ली के नाम शामिल हैं।
सीबीआई रेड के बाद ईडी ने दर्ज किया था मामला
दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 में हुई कथित अनियमितताओं की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। उन्होंने इस मामले में 11 अधिकारियों को सस्पेंड भी किया था। सीबीआई द्वारा मामले में प्राथमिकी दर्ज किए जाने के बाद ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था।
वहीं, ईडी-सीबीआई के रेड पर दिल्ली के सीएम और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल निशाना साध चुके हैं। उन्होंने कहा था, 500 से ज़्यादा रेड, 3 महीनों से CBI/ED के 300 से ज़्यादा अधिकारी 24 घंटे लगे हुए हैं- एक मनीष सिसोदिया के ख़िलाफ़ सबूत ढूँढने के लिए। कुछ नहीं मिल रहा। क्योंकि कुछ किया ही नहीं अपनी गंदी राजनीति के लिए इतने अधिकारियों का समय बर्बाद किया जा रहा है। ऐसे देश कैसे तरक़्क़ी करेगा ?
बता दें कि आबकारी नीति घोटाले को लेकर दिल्ली में पिछले दिनों सत्ताधारी आप और विपक्षी बीजेपी के बीच जमकर सियासी उठापटक हुई थी। अरविंद केजरीवाल और आप नेताओं ने बीजेपी पर उनकी पार्टी के विधायकों को खरीदने की कोशिश करने का आरोप लगाया था। डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा था कि उन्हें बीजेपी के एक नेता ने दिल्ली का सीएम बनने का ऑफर दिया था। हालांकि, उन्होंने उस भाजपा नेता के नाम का उल्लेख नहीं किया।