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Delhi Assembly Election: केजरीवाल के खिलाफ कांग्रेस के बाद BJP भी करेगी खेला,इस दिग्गज को उतारने की तैयारी
Delhi Election 2025: कांग्रेस के कुछ नेता दिल्ली में आप के साथ गठबंधन की पैरोकारी में जुटे हुए थे मगर संदीप दीक्षित इसके पूरी तरह खिलाफ थे। अब कांग्रेस ने दिल्ली में पार्टी के बड़े चेहरे को अरविंद केजरीवाल के खिलाफ ही चुनावी अखाड़े में उतार दिया है।
Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली के विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी सियासी जंग नई दिल्ली विधानसभा सीट पर लड़ी जाएगी। आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सीट पर कांग्रेस ने भी मजबूत Candidates उतार कर अपने इरादे साफ कर दिए हैं। पार्टी ने इस सीट पर दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के बेटे और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संदीप दीक्षित को उतार दिया है। लोकसभा चुनाव के दौरान दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन था मगर विधानसभा चुनाव के दौरान दोनों दल एक-दूसरे को पटखनी देने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी भी अरविंद केजरीवाल को मजबूती से घेरने की तैयारी में जुटी हुई है। जानकार सूत्रों का कहना है कि पार्टी की ओर से इस सीट पर कद्दावर हिंदू चेहरे प्रवेश वर्मा पर दांव लगाया जा सकता है। प्रवेश वर्मा दो बार पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट से सांसद रह चुके हैं और मजे की बात यह है कि उनके पिता साहिब सिंह वर्मा भी दिल्ली के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। ऐसे में नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में हाई प्रोफाइल मुकाबले की बिसात बिछ गई है।
केजरीवाल पर हमेशा हमलावर रहे हैं संदीप दीक्षित
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ते रहे हैं। अपनी मजबूत पकड़ के दम पर उन्होंने पिछले चुनावों में इस सीट पर कब्जा बनाए रखा है। दिल्ली के अगले विधानसभा चुनाव के दौरान भी केजरीवाल इस विधानसभा क्षेत्र से ही चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटे हुए हैं। कांग्रेस ने गुरुवार को दिल्ली विधानसभा के लिए 21 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की।
इस सूची में सबसे उल्लेखनीय नाम संदीप दीक्षित का है जिन्हें पार्टी ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ नई दिल्ली सीट से अखाड़े में उतार दिया है। उल्लेखनीय बात यह है कि संदीप दीक्षित कांग्रेस के उन नेताओं में शामिल हैं जो शुरुआत से ही अरविंद केजरीवाल और आप के खिलाफ हमलावर रहे हैं। दिल्ली के शराब घोटाले को लेकर उन्होंने केजरीवाल पर लगातार हमले किए थे।
कांग्रेस के कुछ नेता दिल्ली में आप के साथ गठबंधन की पैरोकारी में जुटे हुए थे मगर संदीप दीक्षित इसके पूरी तरह खिलाफ थे। अब कांग्रेस ने दिल्ली में पार्टी के बड़े चेहरे को अरविंद केजरीवाल के खिलाफ ही चुनावी अखाड़े में उतार दिया है। कांग्रेस का यह कदम केजरीवाल को झटका देने की रणनीति के तहत उठाया गया है।
कांग्रेस ने साफ कर दिए अपने इरादे
संदीप दीक्षित की उम्मीदवारी के साथ ही दिल्ली में कांग्रेस ने अपने इरादे भी जाहिर कर दिए हैं। केजरीवाल ने हाल में दिल्ली के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से गठबंधन से साफ तौर पर इनकार कर दिया था। इससे पहले हरियाणा के विधानसभा चुनाव के दौरान आप और कांग्रेस में कई दौर की बातचीत के बावजूद गठबंधन नहीं हो सका था। हालांकि, लोकसभा चुनाव के दौरान दिल्ली और हरियाणा दोनों राज्यों में कांग्रेस और आप के बीच गठबंधन हुआ था। कांग्रेस के इस दांव से साफ हो गया है कि केजरीवाल को इस बार अपने विधानसभा क्षेत्र में समय देने के साथ ही मेहनत भी करनी होगी।
आप को कांग्रेस ने दी एक और चोट
आम आदमी पार्टी को चोट देने के लिए कांग्रेस ने एक और कदम उठाया है। कांग्रेस ने सीलमपुर विधानसभा सीट पर मौजूदा विधायक अब्दुल रहमान को टिकट दिया है। अब्दुल रहमान ने एक दिन पहले ही आप से इस्तीफा दिया था। 2019 में उन्होंने आप के टिकट पर सीलमपुर सीट पर चुनाव जीता था मगर केजरीवाल ने इस बार उनका टिकट काटकर कांग्रेस से आए मतीन अहमद के बेटे जुबैर अहमद को चुनाव मैदान में उतारा है। अब कांग्रेस ने अब्दुल रहमान को टिकट देकर आप को जवाब देने का प्रयास किया है। टिकट काटे जाने के बाद अब्दुल रहमान ने आप मुखिया केजरीवाल पर कई बड़े आरोप लगाए थे।
भाजपा लगा सकती है इस दिग्गज पर दांव
दूसरी ओर भाजपा भी मजबूत उम्मीदवार उतार कर केजरीवाल को घेरने की कोशिश में जुटी हुई है। भाजपा से जुड़े हुए सूत्रों का कहना है कि पार्टी की ओर से इस सीट पर दो बार के सांसद प्रवेश वर्मा को लड़ाया जा सकता है। प्रवेश वर्मा के पिता दिल्ली के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। उनके पिता साहिब सिंह वर्मा 1996 से 1998 तक दिल्ली के मुख्यमंत्री रहे और वे खुद पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट से दो बार सांसद रह चुके हैं। उनकी छवि एक कद्दावर हिंदू नेता की रही है।हाल के दिनों में प्रवेश वर्मा ने इस विधानसभा क्षेत्र में अपनी सक्रियता बढ़ा दी है जिससे उनके चुनाव लड़ने के संकेत मिल रहे हैं। लोकसभा चुनाव के दौरान टिकट कटने के बावजूद प्रवेश वर्मा ने पार्टी के कार्यक्रमों में लगातार सक्रियता बनाए रखी है। हाल के दिनों में उन्होंने पार्टी के कार्यकर्ताओं और आम मतदाताओं के साथ संवाद और बैठक का सिलसिला शुरू किया है।
दो बार सांसद रह चुके हैं प्रवेश वर्मा
इससे पहले प्रवेश वर्मा दिल्ली की महरौली विधानसभा सीट से विधायक रह चुके हैं। 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्हें पार्टी ने पश्चिमी दिल्ली लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाया था और उन्होंने जीत हासिल की थी। 2019 के चुनाव में वे लगातार दूसरी बार जीत हासिल करने में कामयाब हुए थे मगर 2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने उनका टिकट काट दिया था। 2024 में भाजपा ने प्रवेश वर्मा की जगह कमलजीत सहरावत को टिकट दिया था।
पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा ने मनोज तिवारी को छोड़कर सभी छह लोकसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी बदल दिए थे। भाजपा को इस बात का फायदा भी मिला था और पार्टी सभी सातों लोकसभा सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब हुई थी। ऐसे में सियासी जानकारों का मानना है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान सबसे बड़ी सियासी जंग नई दिल्ली विधानसभा सीट पर लड़ी जाएगी जिसमें तीनों पार्टियों के दिग्गज उम्मीदवारों के बीच कड़ा मुकाबला होने की संभावना जताई जा रही है।