×

Delhi Election 2025: दिल्ली में आखिर AAP के लिए कैसे पैदा हुआ खतरा, कौन सा फैक्टर केजरीवाल के लिए पड़ सकता है भारी

Delhi Election 2025: चुनावी जानकारों का कहना है कि हरियाणा और महाराष्ट्र के बाद अब दिल्ली में भी कमल खिलता नजर आ रहा है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिरकार दिल्ली में केजरीवाल की लुटिया क्यों डूबती नजर आ रही है।

Anshuman Tiwari
Published on: 6 Feb 2025 10:17 AM IST
Arvind Kejriwal
X

Arvind Kejriwal ((Photo: Social Media)

Delhi Election 2025: दिल्ली के विधानसभा चुनाव में इस बार आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगने की संभावना जताई जा रही है। अधिकांश एग्जिट पोल में अनुमान लगाया गया है कि 27 साल बाद दिल्ली की सत्ता में भाजपा की वापसी हो सकती है। चुनावी जानकारों का कहना है कि हरियाणा और महाराष्ट्र के बाद अब दिल्ली में भी कमल खिलता नजर आ रहा है। ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिरकार दिल्ली में केजरीवाल की लुटिया क्यों डूबती नजर आ रही है।

जानकारों का मानना है कि दिल्ली के चुनाव में कांग्रेस तो लड़ाई में नहीं दिख रही है मगर पार्टी ने केजरीवाल की लुटिया डूबोने की मुकम्मल व्यवस्था जरूर कर दी है। एग्जिट पोल में विभिन्न दलों को मिलने वाले वोट प्रतिशत के अनुमान से भी यह बात सही साबित होती दिख रही है। इसके साथ ही यह भी सच्चाई है कि आप के वोट प्रतिशत में गिरावट और भाजपा के वोट प्रतिशत में बढ़ोतरी की संभावना से भी दिल्ली की तस्वीर बदलती हुई नजर आ रही है।


केजरीवाल को लग सकता है इसलिए झटका

मैट्रिज के एग्जिट पोल के मुताबिक भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच काफी कड़ा मुकाबला है मगर भाजपा भारी पड़ सकती है। भाजपा को 35 से 40 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है जबकि आप को 32-37 सीटें मिल सकती हैं। इस एग्जिट पोल के मुताबिक कांग्रेस काफी कमजोर स्थिति में है और पार्टी को 0-1 सीट मिलने की संभावना जताई गई है।

इस एग्जिट पोल में आप को 44 फ़ीसदी वोट मिलने का अनुमान लगाया गया है जबकि 2020 के विधानसभा चुनाव में आप 53.8 फ़ीसदी वोट पाने में कामयाब हुई थी। दूसरी ओर भाजपा को 46 फीसदी वोट मिलने की संभावना जताई गई है जबकि 2020 के चुनाव में भाजपा को 38.5 फीसदी वोट मिले थे। कांग्रेस को पिछले चुनाव में 4.23 फीसदी वोट मिले थे मगर इस बार के चुनाव में पार्टी को आठ फ़ीसदी वोट मिल सकते हैं।


इस तरह देखा जाए तो भाजपा के वोट में करीब आठ फ़ीसदी और कांग्रेस के वोट में करीब चार फ़ीसदी की बढ़ोतरी दिख रही है। दूसरी ओर आप का वोट करीब 10 फीसदी घट सकता है। इसी ने बहुत बड़ा अंतर पैदा कर दिया है जिससे आठ तारीख के चुनाव नतीजे में आप को बड़ा झटका लगने की संभावना जताई जा रही है।

केजरीवाल को पहले ही सता रहा था डर

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आप मुखिया अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में वोटिंग से ठीक पहले अपने समर्थकों से 15 फीसदी वोट का मार्जिन लेने की अपील की थी। उनका कहना था कि भाजपा की ओर से 10 फीसदी वोट ईवीएम के जरिए मैनेज करने की कोशिश की जा रही है। उनका कहना था कि हमारे समर्थकों को 15 फीसदी का मार्जिन हासिल करना होगा ताकि दस फ़ीसदी की गड़बड़ी होने पर भी पांच फीसदी वोटों से जीत हासिल की जा सके।

दूसरी ओर चुनाव आयोग ने ईवीएम में किसी भी प्रकार की छेड़छाड़ या गड़बड़ी की आशंका को पूरी तरह खारिज कर दिया था। अब दिल्ली में वोटिंग खत्म होने के बाद संभावना जताई जा रही है कि भाजपा और कांग्रेस ने केजरीवाल का वोट काटने में बड़ी भूमिका निभाई है। कांग्रेस का वोट प्रतिशत दोगुना होने की उम्मीद है तो भाजपा भी बड़ी छलांग लगाती हुई दिख रही है। भाजपा ने 1993 में 42.8 फ़ीसदी वोट हासिल किए थे मगर इस बार पार्टी उससे भी आगे निकल सकती है।


मुस्लिम बहुल इलाकों में हो गया खेल

दिल्ली के मुस्लिम बहुल इलाकों में कांग्रेस ने आप को नुकसान पहुंचाने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी है। मुस्लिम बहुल इलाकों में वोट बंटने की आशंका भी जताई जा रही है। इसके साथ ही आप को कांग्रेस ने उन सीटों पर भी भारी नुकसान पहुंचाया है जहां 2020 के विधानसभा चुनाव में आप को कम वोटों से जीत हासिल हुई थी। ऐसी सीटों पर कड़े मुकाबले के बीच भाजपा इस बार बाजी मारती हुई दिख रही है।

भाजपा के बूथ मैनेजमेंट का भी दिखेगा असर

इसके अलावा सियासी जानकारों का यह भी मानना है कि भाजपा के बूथ और माइक्रो मैनेजमेंट ने भी काफी असर दिखाया है। भाजपा कई महीने से इसकी तैयारी में जुटी हुई थी। पार्टी ने इसके लिए कार्यकर्ताओं को सक्रिय कर रखा था और इस मामले में आप और कांग्रेस दोनों सियासी दल पिछड़ते हुए दिख रहे हैं।

अगर एग्जिट पोल के नतीजे सही साबित हुए तो हरियाणा और महाराष्ट्र के बाद दिल्ली में भी भाजपा के बूथ मैनेजमेंट को बड़ा श्रेय हासिल होगा। हरियाणा और महाराष्ट्र में भी भाजपा ने बूथ मैनेजमेंट के मामले में कांग्रेस और अन्य दलों को पीछे छोड़ दिया था और अब वही स्थिति दिल्ली में भी बनती हुई दिख रही है।



Ragini Sinha

Ragini Sinha

Next Story