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Delhi election 2025: केजरीवाल ने डाले जाट बिरादरी पर डोरे, दिल्ली चुनाव में चला आरक्षण दांव, पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी
Delhi election 2025: केजरीवाल ने कहा कि पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने चार बार जाट समुदाय को ओबीसी लिस्ट में जोड़ने का वादा किया मगर यह वादा आज तक पूरा नहीं किया गया। केजरीवाल ने जाटों के साथ ही पांच अन्य जातियों को भी ओबीसी लिस्ट में शामिल करने का अनुरोध किया है।
Delhi election 2025:आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा सियासी दांव चल दिया है। केजरीवाल ने आरक्षण कार्ड खेलते हुए दिल्ली के जाट समुदाय को केंद्र की ओबीसी सूची में शामिल करने का अनुरोध किया है। उन्होंने इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले 10 वर्षों से केंद्र सरकार की ओर से लगातार जाट समुदाय के साथ धोखा किया जा रहा है।
केजरीवाल ने कहा कि पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने चार बार जाट समुदाय को ओबीसी लिस्ट में जोड़ने का वादा किया मगर यह वादा आज तक पूरा नहीं किया गया। केजरीवाल ने जाटों के साथ ही पांच अन्य जातियों को भी ओबीसी लिस्ट में शामिल करने का अनुरोध किया है। दिल्ली के विधानसभा चुनाव के मद्देनजर केजरीवाल का यह कदम सियासी नजरिए से काफी अहम माना जा रहा है।
दिल्ली के जाट समुदाय को नहीं मिल रहा लाभ
केजरीवाल की ओर से उठाए गए इस कदम को जाट समुदाय और अन्य जातियों को रिझाने की बड़ी कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। केजरीवाल ने गुरुवार को एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि केंद्र सरकार के संस्थानों में राजस्थान के जाटों को आरक्षण दिया जाता है मगर दिल्ली के जाट समुदाय को इससे वंचित रखा गया है। उन्होंने इसे दिल्ली के जाट समुदाय के साथ बड़ा अन्याय बताया।
केजरीवाल ने कहा कि यदि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी तो दिल्ली के जाट समुदाय को आरक्षण दिलाने के लिए आप की ओर से बड़ा संघर्ष किया जाएगा। जाट समुदाय के अलावा केजरीवाल ने रौनियार,राय तंवर, चारण, रावत और ओड जातियों का भी जिक्र किया।
पीएम और गृहमंत्री ने नहीं पूरा किया वादा
केजरीवाल की ओर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे गए पत्र में कहा गया है कि केंद्र सरकार की आरक्षण संबंधी नीतियों में तमाम तरह की विसंगतियां हैं। केजरीवाल ने कहा कि आपने और गृह मंत्री अमित शाह ने जाटों से कई बार वादा किया कि उन्हें केंद्र की ओबीसी लिस्ट में शामिल किया जाएगा मगर इस वादे को पूरा नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि राजस्थान के जाट युवाओं को दिल्ली विश्वविद्यालय में ओबीसी आरक्षण का लाभ मिल रहा है जबकि दिल्ली के जाट युवाओं को यह लाभ नहीं मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि दिल्ली में जाट समाज को ओबीसी आरक्षण होने के बावजूद केंद्र की लिस्ट में शामिल नहीं किया गया है। मोदी सरकार की ओर से दिल्ली के जाट समाज की ओर से बड़ा धोखा किया गया है और यह धोखा पिछले 10 वर्षों से लगातार जारी है।
केजरीवाल का बड़ा सियासी दांव
केजरीवाल ने अपने पत्र में लिखा कि सिर्फ जाट समाज ही नहीं रावत, रौनियार, राय तंवर, चारण व ओड, इन सभी जातियों को दिल्ली सरकार ने ओबीसी दर्जा दिया हुआ है, लेकिन केंद्र सरकार इन जातियों को दिल्ली में मौजूद अपने संस्थानों में ओबीसी आरक्षण का लाभ नहीं दे रही है। केंद्र सरकार की गलत नीतियों के कारण दिल्ली में ओबीसी समाज के हजारों युवाओं के साथ अन्याय हो रहा है।
आप नेता ने कहा कि केंद्र सरकार को ओबीसी सूची की इन तमाम विसंगतियों को दूर करने की दिशा में ठोस पहल करनी चाहिए। दिल्ली में ओबीसी दर्जा प्राप्त सभी जातियों को आरक्षण का लाभ मिलना चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर जवाब की उम्मीद भी जताई है।
चुनावी माहौल के बीच केजरीवाल की ओर से लिखे गए इस पत्र को बड़ा सियासी दांव माना जा रहा है। जानकारों का मानना है कि केजरीवाल ने दिल्ली के जाट समुदाय के साथ ही अन्य जातियों को रिझाने की कोशिश की है और अब यह देखने वाली बात होगी कि चुनाव में उनकी इस कोशिश का क्या असर पड़ता है।
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