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Delhi Election Result 2025: आप का पतन, दिल्ली के मिडिल क्लास ने फेर लिया मुंह
Delhi Election Result 2025: मिडिल क्लास कभी दिल्ली में आम आदमी पार्टी का मजबूत समर्थन बेस माना जाता था लेकिन इस चुनाव में ये आधार खिसक गया है।
Delhi Election Result 2024 middle class turns its back on AAP party (Photo: Social Media)
Delhi Election Result 2025: मिडिल क्लास कभी दिल्ली में आम आदमी पार्टी का मजबूत समर्थन बेस माना जाता था लेकिन इस चुनाव में ये आधार खिसक गया है। कई सालों से भ्रष्टाचार विरोधी उपायों और कल्याणकारी स्कीमों के "आप" के वादे दिल्ली के मिडिल क्लास के साथ मजबूती से जुड़े रहे हैं। लेकिन भ्रष्टाचार के आरोपों, गंदगी, ट्रैफिक और वायु प्रदूषण की बुरी हालत और "आप" में नए और आकर्षक विचारों की कमी सहित हाल के घटनाक्रमों ने इस महत्वपूर्ण मतदाता वर्ग के बीच पार्टी के प्रभाव को बहुत घटा दिया है।
मिडिल क्लास की रहनुमा
बरसों से भारतीय मिडिल क्लास खुद को मजबूर, दबा कुचला और बोझिल महसूस करता रहा है। उसकी आय का एक बड़ा हिस्सा टैक्स में चला जाता है जबकि बदले में उसे न्यूनतम सरकारी सहायता मिलती है। 2012 में अपनी स्थापना के बाद से ही "आप" ने खुद को एक ऐसी राजनीतिक ताकत के रूप में स्थापित किया है जो मिडिल क्लास के संघर्षों को अच्छी तरह से पहचानती है, उसकी रहनुमा है।
2023 में "आप" ने अपना "मिडिल क्लास घोषणापत्र" लॉन्च किया, जिसमें बेहतर टैक्स राहत की बात कही गई और बढ़ती जीवन लागत, प्रदूषण और बुनियादी ढांचे के विकास जैसी समस्याओं को संबोधित किया गया। लेकिन आप का घोषणापत्र भाजपा के प्रतिस्पर्धी वादों के सामने आप के मिडिल क्लास सपोर्ट को फिर से मजबूत करने में विफल रहा।
वेतन आयोग, टैक्स राहत
- आप ने जहां मुफ़्त बिजली और मुफ़्त बस यात्रा जैसी वेलफेयर योजनाओं पर ध्यान केंद्रित किया, वहीं भाजपा ने मिडिल क्लास को लुभाने के लिए एक अलग तरीका अपनाया। पिछले केंद्रीय बजट में टैक्स राहत के वादे विशेष रूप से, 12 लाख रुपये तक की आय को टैक्स फ्री बनाने के वादे - ने मिडिल क्लास के मतदाताओं को प्रभावित किया है।
- भाजपा ने चुनावों से पहले 8वें वेतन आयोग की घोषणा करके सरकारी कर्मचारियों को साधा। इससे भाजपा के मतदाता बेस को और प्रोत्साहन मिला।
- सबसे महत्वपूर्ण बदलाव भाजपा द्वारा आप की कल्याणकारी योजनाओं को जारी रखने के वादे के साथ आया। साथ ही महिलाओं को 2,500 रुपये प्रति माह देने और आयुष्मान भारत योजना के तहत स्वास्थ्य कवरेज का विस्तार करने जैसी अपनी खुद की योजनाएं भी शुरू कीं।
- इससे आप के कार्यक्रमों से लाभान्वित हुए मतदाताओं में ये मैसेज गया कि उन्हें जो मिल रहा है वो तो बना रहेगा साथ में एक्स्ट्रा बेनिफिट और मिलेंगे। सो भाजपा की पेशकश को नज़रअंदाज़ करना मुश्किल हो गया।
- आप ने स्वच्छ शासन और शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा जैसी सेवाओं पर प्रमुखता से ध्यान दिया लेकिन वायु प्रदूषण, जल आपूर्ति और बुनियादी ढाँचे जैसे प्रमुख मुद्दों पर इसका पिछला रिकॉर्ड विवाद का विषय बन गया है। दिल्ली का मिडिल क्लास जो लंबे समय से प्रदूषण और सार्वजनिक सेवाओं की बेहाल स्थिति से पीड़ित है, उसकी चिंताओं को दूर करने में आप की विफलता रही और ये सब मिडिल क्लास के मोहभंग का एक महत्वपूर्ण कारण बन गई।
इस बढ़ते असंतोष ने भाजपा के लिए आप के पारंपरिक मतदाता आधार में सेंध लगाने का रास्ता खोल दिया, खासकर पश्चिमी दिल्ली, पूर्वी दिल्ली और दक्षिण दिल्ली जैसे मध्यम वर्ग के वर्चस्व वाले निर्वाचन क्षेत्रों में। ये क्षेत्र लंबे समय से आप के गढ़ रहे हैं, लेकिन इनमें भाजपा की ओर उल्लेखनीय झुकाव देखा गया।
अपने मिडिल क्लास के आधार को फिर से हासिल करने के प्रयास में अरविंद केजरीवाल और आप नेताओं ने अपना "मिडिल क्लास घोषणापत्र" पेश किया, जिसमें ज्यादा कर छूट की मांग की गई और शहर के बुनियादी ढांचे में सुधार पर ध्यान केंद्रित किया गया।
हालांकि, यह कदम बहुत देर से उठाया गया। मध्यम वर्ग के मतदाता - जो दिल्ली के मतदाताओं का लगभग 40% हिस्सा हैं - प्रमुख मुद्दों पर आप के काम से असंतुष्ट लग रहे थे। कुल मिला कर मिडिल क्लास ने मैसेज दे दिया है कि उसे काम और रिजल्ट चाहिए। ये सभी पार्टियों के लिए एक चेतावनी भी है।