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Delhi Election Result 2025: दिल्ली में कांग्रेस शून्य, क्या सीखेगी कुछ सबक?
Delhi Election Result 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला है। इस चुनाव में आम आदमी के साथ गठबंधन करने से कांग्रेस के इनकार ने राष्ट्रीय राजधानी में उसकी संभावनाओं को बुरी तरह प्रभावित किया है।
Congress preparations for reshuffle After loss delhi election 2025 (Photo: Social Media)
Delhi Election Result 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला है। इस चुनाव में आम आदमी के साथ गठबंधन करने से कांग्रेस के इनकार ने राष्ट्रीय राजधानी में उसकी संभावनाओं को बुरी तरह प्रभावित किया है। 1998 से 2013 तक दिल्ली में प्रमुख खिलाड़ी रही कांग्रेस पिछले दो चुनावों में कोई भी सीट जीतने में विफल रहने के बाद एक बार फिर गर्त में है।
कांग्रेस दिल्ली में लगातार चौथी बार अपमानजनक हार में है लेकिन उसे आम आदमी पार्टी की हार में एक उम्मीद की किरण भी दिख रही है। कांग्रेस का मानना है कि आप का खात्मा ही राष्ट्रीय राजधानी में लंबे समय तक उसके पुनरुद्धार का एकमात्र रास्ता है, जो कभी उसका गढ़ हुआ करता था। हालांकि, कांग्रेस का मानना है कि राष्ट्रीय स्तर पर फिर से उभरने के लिए पार्टी को राज्यों में वापसी करनी होगी। दिल्ली के लिए इसका मतलब है आप को बाहर करना है। अभी तक लगता है कि कांग्रेस ने आप के वोट शेयर में बहुत ज़्यादा कमी नहीं की है, जो पिछली बार मिले 4.26% से बमुश्किल ही ज़्यादा है। कांग्रेस के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि आप के खिलाफ़ आक्रामक होने का उनका फ़ैसला सही था क्योंकि उन्हें आप के खिलाफ़ गुस्सा बढ़ता हुआ महसूस हुआ था। दिल्ली चुनाव प्रचार के आखिरी दिनों में, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा सहित कांग्रेस के सभी शीर्ष नेताओं ने आप पर हमला किया था।
जानते हैं कि किस तरह दलों की आपसी कलह ने कांग्रेस को इस तरह प्रभावित किया है
1. कांग्रेस अपने दिल्ली अभियान में आक्रामक रही है और आप की आलोचना करती रही है। 2. कांग्रेस और आप के बीच सीट बंटवारे को लेकर बातचीत विफल रही।
3. आप चाहती थी कि कांग्रेस दिल्ली में उसका समर्थन करे, लेकिन कांग्रेस ने मना कर दिया।
4. कांग्रेस के नेता दिल्ली में आप को मुख्य प्रतिद्वंद्वी के रूप में देख रहे थे।
5. आप नेतानकांग्रेस की आलोचना करते रहे कि वह भारत ब्लॉक को कमजोर कर रही है।
6. आप ने कांग्रेस पर वोटों को विभाजित करके भाजपा की मदद करने का भी आरोप लगाया।
7. दोनों पार्टियां मतदाताओं के समान वर्गों को अपने पक्ष में करने की होड़ में लगी रहीं।
8. इस प्रतिद्वंद्विता ने आखिरकार विपक्ष के वोटों के बंटवारे के कारण भाजपा को लाभ पहुंचाया।