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Delhi Election Result: दिल्ली चुनाव में क्यों डूब गई AAP की लुटिया, केजरीवाल की हार के बड़े कारण

Delhi Election Result 2025: मध्यम वर्ग को आकर्षित करने के सियासी दांव ने भी काफी असर दिखाया। मुस्लिम बहुल इलाकों मैं भी आप को झटका लगा है और पार्टी ने अलग-अलग वर्गों में अपना जनाधार खोया है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 8 Feb 2025 2:45 PM IST
Delhi Election Result: दिल्ली चुनाव में क्यों डूब गई AAP की लुटिया, केजरीवाल की हार के बड़े कारण
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Reasons to Loss AAP (Photo: Social Media)

Reasons to Loss AAP: दिल्ली के विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने बड़ी जीत हासिल करते हुए आम आदमी पार्टी को करारा झटका दिया है। आप मुखिया अरविंद केजरीवाल और पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया समेत आप के कई दिग्गजों को हार का सामना करना पड़ा है। चुनाव के रुझानों की शुरुआत से ही भाजपा ने आप को बैकफुट पर धकेल दिया था। अधिकांश एग्जिट पोल में भी भाजपा की बड़ी जीत का ही अनुमान लगाया गया था।

दिल्ली में आम आदमी पार्टी की करारी हार के बाद अब उन कारणों को जानना जरूरी है जिनकी वजह से पार्टी को इतनी बड़ी हार का सामना करना पड़ा। जानकारों का मानना है कि भाजपा शीशमहल और शराब घोटाले को मुद्दा भुनाने में कामयाब रही। इसके साथ ही पार्टी का मध्यम वर्ग को आकर्षित करने के सियासी दांव ने भी काफी असर दिखाया। मुस्लिम बहुल इलाकों मैं भी आप को झटका लगा है और पार्टी ने अलग-अलग वर्गों में अपना जनाधार खोया है।

बिजली,पानी और यमुना की सफाई का मुद्दा

आम आदमी पार्टी पर आई आपदा का एक बड़ा कारण यह माना जा रहा है कि पार्टी बिजली, पानी, सड़क और यमुना की सफाई जैसे प्रमुख मुद्दों पर बुरी तरह फेल साबित हुई। बदहाल सड़कों और पानी के मुद्दे को लेकर लोगों में जबरदस्त नाराजगी दिख रही थी और इस नाराजगी ने आम आदमी पार्टी की विदाई तय कर दी। गलियों में पाइपों में आ रहे गंदे पानी से लोग काफी त्रस्त थे।

दिल्ली के तमाम इलाकों में सड़कों पर बने गड्ढों ने भी लोगों की नाराजगी बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाई। आम आदमी पार्टी के नेता मुफ्त की स्कीमों की तो खूब चर्चा कर रहे थे मगर जनता से जुड़े मूलभूत मुद्दों की उन्होंने अनदेखी की।



शराब घोटाले और शीशमहल के गंभीर आरोप

भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन छेड़कर ही आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की सत्ता हासिल की थी और भ्रष्टाचार के आरोपी के कारण ही आम आदमी पार्टी को करारी हार का भी सामना करना पड़ा। दिल्ली के शराब घोटाले और शीशमहल जैसे मुद्दों ने केजरीवाल और आप नेताओं की छवि बिगाड़ने में बड़ी भूमिका निभाई। शराब घोटाले के कारण केजरीवाल और सिसोदिया समेत आप के कई नेताओं को जेल की हवा खानी पड़ी।

आप नेताओं पर जो गंभीर आरोप लगे, उस नैरेटिव को पार्टी खत्म नहीं कर सकी। शराब घोटाले के मुद्दे को भुनाने में भाजपा नेताओं ने कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी और इस मामले में आप भाजपा को जवाब देने में कामयाब नहीं हो सकी। शीशमहल को लेकर हुए पैदा हुए विवाद ने भी मुख्यमंत्री की छवि को काफी ठेस पहुंचाई।

मुस्लिम बहुल इलाकों में भी लगा झटका

मुस्लिम बहुल इलाकों में इस बार आप एकतरफा समर्थन हासिल करने में कामयाब नहीं हो सकी। कई मुस्लिम बहुल इलाकों में लोगों को इस बात की आमतौर पर शिकायत थी कि 2020 के दिल्ली दंगे के दौरान अरविंद केजरीवाल ने उनका साथ नहीं दिया। इसके अलावा कोरोना काल में भी मुसलमानों को बदनाम किया गया मगर केजरीवाल उनकी छवि सुधारने के लिए आगे नहीं आए।

हालांकि यह भी सच्चाई है कि कांग्रेस और असदुद्दीन ओवैसी ने भी मुस्लिम वोटो में बंटवारा किया है मगर भाजपा ने सोची समझी रणनीति के तहत मुस्लिम बहुल इलाकों की कई सीटों पर जीत हासिल करके केजरीवाल को बड़ा झटका दिया है। पहले के चुनाव में केजरीवाल को मुस्लिम समुदाय का भारी समर्थन मिलता रहा है मगर इस बार वैसी स्थिति नहीं दिखी।



भाजपा की इन घोषणाओं ने भी दिखाया असर

भाजपा ने सरकारी कर्मचारियों और मध्यम वर्ग का समर्थन हासिल करने के लिए इस बार बड़े ऐलान किए थे जिसका इस विधानसभा चुनाव में बड़ा असर दिखा है। यहां तक कि केजरीवाल को नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में हार का सामना करना पड़ा है जहां काफी संख्या में सरकारी कर्मचारी रहते हैं। आरके पुरम जैसे सरकारी कर्मचारियों के इलाके में भी भाजपा भारी पड़ी है। ऐसे में माना जा रहा है कि सरकारी कर्मचारियों ने भाजपा को समर्थन दिया है।

आठवें वेतन आयोग और यूनिफाइड पेंशन स्कीम के जरिए भाजपा सरकारी कर्मचारियों को लुभाने में कामयाब हुई है। इसके साथ ही वोटिंग से पहले आए बजट में 12 लाख रुपए तक की आय को पूरी तरह टैक्स फ्री कर दिया गया। जानकारों का कहना है कि मोदी सरकार के इस ऐलान का भी इस चुनाव में काफी असर दिखा है।

आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन नहीं

दिल्ली के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन न होना भी आप की हार का बड़ा कारण माना जा रहा है। इससे पहले हरियाणा के विधानसभा चुनाव में भी दोनों दलों के बीच गठबंधन नहीं हो सका था और कम मार्जिन से कांग्रेस को बड़ा सियासी नुकसान उठाना पड़ा था। इसके बावजूद कांग्रेस और आप के शीर्ष नेतृत्व ने कोई सबक नहीं लिया। इंडिया गठबंधन में होने के बावजूद दोनों दलों ने एक दूसरे के खिलाफ जमकर तीर चलाए। इसे लेकर जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने तंज भी कसा है।

मुख्यमंत्री पद को लेकर सस्पेंस

दिल्ली के शराब घोटाले के सिलसिले में केजरीवाल को जेल की हवा खानी पड़ी थी। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत देते हुए शर्त लगाई थी कि वे मुख्यमंत्री तो रह सकते हैं मगर किसी फाइल पर दस्तखत नहीं कर सकते। इसे लेकर भी मतदाताओं में ऊहापोह की स्थिति बनी रही कि आप के चुनाव जीतने पर आखिर मुख्यमंत्री कौन बनेगा। आप नेताओं की ओर से लगातार केजरीवाल के फिर मुख्यमंत्री बनने की बात कही गई मगर लोगों का मानना था कि वे फिर मुख्यमंत्री नहीं बन पाएंगे। तमाम लोगों का यह भी मानना था कि यदि वे मुख्यमंत्री बन भी गए तो कोई काम नहीं कर पाएंगे।



अपने नेताओं ने भी पहुंचाया नुकसान

दिल्ली में चुनाव की घोषणा के बाद आम आदमी पार्टी के तमाम नेताओं ने पार्टी से इस्तीफा दिया। दिल्ली में इस बार आप ने 20 से अधिक विधायकों के टिकट काट दिए थे। इनमें से कई विधायकों ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। टिकट काटने के बाद कई विधायकों ने अपने क्षेत्र में पार्टी की नैया डूबने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी। केजरीवाल समेत आप नेताओं की ओर से लगातार यह बात कही गई कि सबकुछ ठीक-ठाक है मगर मतदाताओं को इन बयानों पर कोई भरोसा नहीं हुआ।



Snigdha Singh

Snigdha Singh

Leader – Content Generation Team

Hi! I am Snigdha Singh, leadership role in Newstrack. Leading the editorial desk team with ideation and news selection and also contributes with special articles and features as well. I started my journey in journalism in 2017 and has worked with leading publications such as Jagran, Hindustan and Rajasthan Patrika and served in Kanpur, Lucknow, Noida and Delhi during my journalistic pursuits.

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