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Delhi High Court ने कहा- 'जब दंपति योग्य और समान रूप से कमा रहे हों, तो पत्नी अंतरिम भरण-पोषण की हकदार नहीं'
Delhi High Court News: दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक अहम निर्णय में कहा है कि अगर पति और पत्नी समान योग्यता रखते हों और समान रूप से कमा रहे हों, तो हिंदू विवाह अधिनियम-1955 की धारा- 24 के तहत पत्नी को अंतरिम भरण-पोषण नहीं दिया जा सकता।
Delhi High Court News: दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने एक अहम फैसले में कहा है कि, 'अगर पति और पत्नी समान योग्यता रखते हों और समान रूप से कमा रहे हों तो हिंदू विवाह अधिनियम-1955 (Hindu Marriage Act-1955) की धारा- 24 के तहत पत्नी को अंतरिम भरण-पोषण नहीं दिया जा सकता। जस्टिस सुरेश कुमार कैत (Justice Suresh Kumar Kait) और जस्टिस नीना कृष्णा बंसल (Justice Neena Krishna Bansal) की दो सदस्यीय पीठ ने इस मामले की सुनवाई की।
दोनों जजों ने इस तथ्य पर जोर दिया कि धारा- 24 (Section-24) का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि, पति-पत्नी में से किसी को भी वित्तीय बाधाओं से परेशानी का सामना ना करना पड़े। हालांकि, जब दोनों समान रूप से कमा रहे हों, तो भरण-पोषण नहीं दिया जा सकता।
बच्चों के भरण-पोषण का निर्देश, मगर पत्नी को नहीं
दिल्ली हाईकोर्ट ने ये टिप्पणी पारिवारिक न्यायालय (Family Court) के फैसले के खिलाफ पति और पत्नी की अपील पर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दी। फैमिली कोर्ट ने पति को बच्चे के भरण-पोषण के लिए प्रति माह 40 हजार रुपए देने का निर्देश दिया था। मगर, भरण-पोषण के लिए पत्नी के अनुरोध को अस्वीकार कर दिया।
क्या है मामला?
ये मामला एक दंपति का है जिसकी शादी वर्ष 2014 में हुई थी। साल 2016 में दोनों को एक बेटा हुआ। दोनों वर्ष 2020 में अलग हो गए। एक तरफ जहां पति ने बच्चे के लिए देय भरण-पोषण की धनराशि कम करने की मांग की है। वहीं, पत्नी ने अपने भरण-पोषण के लिए दो लाख रुपए और बच्चे के भरण-पोषण की राशि 40 हजार रुपए से बढ़ाकर 60 हजार करने का अनुरोध किया था।
दोनों की कमाई सामान,...तो संयुक्त जिम्मेदारी
हालांकि, हाईकोर्ट ने दोनों पक्ष की दलील सुनी। अदालत ने पाया कि पत्नी और पति दोनों उच्च योग्यता रखते हैं। पत्नी 2.5 लाख रुपए प्रतिमाह वेतन पाती है, वहीं पति की कमाई भी पत्नी की आय के समान ही है। कोर्ट ने कहा कि, पति भले ही डॉलर में कमाता है, मगर इस बात को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि उसका खर्च भी डॉलर में होता है। ऐसे में पत्नी और पति दोनों की आय को ध्यान में रखते हुए और बच्चे के भरण-पोषण की 'संयुक्त जिम्मेदारी' (Joint Responsibility) को मान्यता दी जाती है। जिसके तहत अदालत ने बच्चे के लिए पति द्वारा दिए जाने वाले अंतरिम भरण-पोषण को 40 हजार से घटाकर 25 हजार रुपए कर दिया।