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Delhi Liquor Policy: आबकारी नीति को लेकर उपराज्यपाल का कड़ा एक्शन, 11 अधिकारियों को किया निलंबित

Delhi Liquor Policy: दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने आबकारी नीति में घोटाले को लेकर कार्रवाई करते हुए विजिलेंस की रिपोर्ट सामने आने के बाद 11 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है।

Krishna Chaudhary
Published on: 6 Aug 2022 2:35 PM IST (Updated on: 6 Aug 2022 3:41 PM IST)
Delhi Lieutenant Governor suspends 11 officers over excise policy
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 दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना: Photo- Social Media

Delhi Liquor Policy: दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना (VK Saxena) ने आबकारी नीति में घोटाले को लेकर सख्त कार्रवाई की है। उन्होंने विजिलेंस की रिपोर्ट सामने आने के बाद 11 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है। इनमें आबकारी आयुक्त आरव गोपी कृष्ण और तत्कालीन आबाकारी आयुक्त दानिक्स आनंद कुमार तिवारी भी शामिल हैं।

एलजी ने अधिकारियों पर डिसिप्लेनरी कार्रवाई की मंजूरी दे दी है। बता दें कि नई आबाकारी नीति (new excise policy) पर सवाल उठने के बाद सरकार ने इसे वापस ले लिया है। स्वयं डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया भी मान चुके हैं कि नई नीति से सरकार के राजस्व को हजारों करोड़ रूपय का नुकसान हुआ है।

सिसोदिया ने पूर्व एलजी अनील बैजल पर लगाए आरोप

नई आबकारी नीति को लेकर घिरी अरविंद केजरीवाल सरकार बीजेपी के निशाने पर है। सीएम अरविंद केजरीवाल स्वयं भी कह चुके हैं बीजेपी उनके डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को फंसाने की कोशिश कर रही है। इस बीच मनीष सिसोदिया ने खत लिखकर पूर्व एलजी अनील बैजल की भूमिका पर सवाल उठाते हुए सीबीआई जांच की मांग की है। सिसोदिया ने आज प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि दिल्ली में नई एक्साइज पॉलिसी को रोक कर सरकार को नुकसान पहुंचाया गया। नई पॉलिसी के लॉन्च से 48 घंटे पहले एलजी दफ्तर से फाइल वापस भेजी गई।

दिल्ली सरकार को हजारों करोड़ का हुआ नुकसान- डिप्टी सीएम

दिल्ली सरकार से इसमें एक बड़ा बदलाव करने के लिए कहा गया। एलजी ने कहा कि अनाधिकृत कॉलोनियों में शराब की दुकानों को अनुमति देने के लिए हमें दिल्ली विकास प्राधिकरण यानी डीडीए और नगर निगम से अनुमति लेनी होगी। डिप्टी सीएम ने कहा कि इस वजह से दिल्ली सरकार को हजारों करोड़ का नुकसान हुआ।

क्योंकि अनाधिकृत कॉलोनियों में खुलने वाली करीब 350 दुकानें खुल ही नहीं सकीं, जिसका फायदा दिल्ली में शराब दुकानें खोलने में कामयाब रहीं कुछ कंपनियों को हुआ। उन्होंने खूब मुनाफा कमाया, जबकि अन्य को नुकसान हुआ। ऐसे में 48 घंटे पहले क्यों यह फैसला बदल गया, इसकी पूरी जांच के लिए हम सीबीआई को लिख रहे हैं।



Shashi kant gautam

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