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Delhi Liquor Case : सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल की जमानत पर फैसला रखा सुरक्षित
Delhi Liquor Case : सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली शराब नीति से जुड़े मामले की सुनवाई करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत पर फैसले को सुरक्षित रख लिया है।
Delhi Liquor Case : दिल्ली शराब घाेटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तिहाड़ जेल में बंद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की जमानत याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल की जमानत पर फैसले को सुरक्षित रख लिया है। अब इस मामले में 10 सितंबर, 2024 को फैसला आएगा।
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जवल भुइयां की पीठ ने इस मामले पर सुनवाई की। सीएम केजरीवाल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी और सीबीआई की तरफ से एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (ASG) एसवी राजू ने पक्ष रखा। पीठ ने दोनों पक्षों (सीबीआई और अरविंद केजरीवाल) की दलीलें सुनने के बाद जमानत पर फैसले का सुरक्षित रखा लिया है, इस पर 10 सितम्बर को फैसला सुनाया जाएगा।
दोनों पक्षों ने रखीं दलीलें
- दिल्ली के मुख्यमंत्री अरिवंद केजरीवाल की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने जमानत का अनुरोध किया। उन्होंने कोर्ट से कहा कि वह एक संवैधानिक पद हैं, उनके फरार होने का खतरा नहीं है। उनकी इस दलील को विरोध करते हुए सीबीआई की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि कानून में कोई आम और खास आदमी नहीं है, यह सबके लिए बराबर है।
- अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट से कहा कि सीबीआई ने दो साल तक उन्हें (अरिवंद केजरीवाल) गिरफ्तार नहीं किया, लेकिन जैसे ही ईडी की ओर से दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत मिली, उसके बाद गिरफ्तार कर लिया। सीबीआई ने उन्हें 26 जून को गिरफ्तार किया है। उन्होंने कहा कि गिरफ्तारी से पहले सीबीआई की ओर से कोई नोटिस भी नहीं दिया गया था।
- वहीं, सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने सुप्रीम कोर्ट में जमानत का विरोध किया। उन्होंने अपनी दलील पेश करते हुए कहा कि मुझे यह बताया गया कि कोर्ट ने भी चार्जशीट का संज्ञान लिया है, इससे स्पष्ट है कि प्रथम दृष्टया मामला बनता है। ऐसे में यदि केजरीवाल को जमानत मिलती है तो हाईकोर्ट के लिए मनोबल गिराने वाली बात होगी।
- इस मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम जमानत पर कब तक सुनवाई करेंगे, क्या आम नागरिक को भी इतना ही समय मिलता है। इस पर अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि कुछ समय और लूंगा। उन्होंने आगे कहा कि जमानत का फैसला खुद ही हल हो जाएगा, जब गिरफ्तारी अवैध है।
- सिंघवी की ओर से दी गईं दलीलों पर एएसजी एसवी राजू ने कड़ी आपत्ति जताई है। उन्होंने कहा कि मुझे (सीबीआई) को भी पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए, उनकी दलीलें जमानत पर हैं या गिरफ्तार पर। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति पहले से हिरासत पर है, उसे नोटिस क्यों दी जाएगी।