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Delhi Liquor Scam: ED की रडार पर अब तक 17 राजनेता, CM-Deputy CM समेत पूर्व मंत्रियों के नाम भी शामिल

Delhi Liquor Scam:अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद एक बार फिर यह चर्चा हो रही है कि केंद्रीय जांच एजेंसी ED की रडार पर सीएम केजरीवाल के अलावा और कौन-कौन से राजनेता हैं।

Ashish Kumar Pandey
Published on: 22 March 2024 7:23 AM GMT (Updated on: 22 March 2024 7:29 AM GMT)
Arvind Kejriwal arrested
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Arvind Kejriwal arrested  (photo: social media )

Delhi Liquor Policy Scam: ईडी ने अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया है। दिल्ली आबकारी नीति-शराब घोटाला मामले में ईडी ने केजरीवाल को 10वीं बार समन भेजने के बाद गिरफ्तार किया। ईडी की जांच के दायरे में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल समेत देशभर के 17 मुख्यमंत्री या पूर्व मुख्यमंत्री हैं। ईडी दर्जनभर पूर्व मंत्री व उपमुख्यमंत्रियों के खिलाफ भी अलग-अलग मामलों की जांच कर रही है। इन सबके बीच यहां सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या 2024 लोकसभा चुनाव से पहले बड़ी मुसीबत में फंसने जा रहे हैं दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल?

दिल्ली हाईकोर्ट से राहत नहीं

दरअसल, ईडी के अफसर गुरुवार शाम करीब सात बजे 10वां समन लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास पर पहुंचे। रात करीब सवा नौ बजे उनकी गिरफ्तारी की बात सामने आई। सूत्रों का कहना है कि शराब घोटाले में 10वें समन पर दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल की गिरफ्तारी उनके साथ-साथ पूरी आम आदमी पार्टी (आप) की मुसीबत बढ़ा सकती है। बता दें कि गुरुवार को गिरफ्तारी से बचने के लिए केजरीवाल ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन उन्हें गिरफ्तारी से राहत नहीं मिली थी।


केजरीवाल ही नहीं ईडी की रडार पर कई और भी नेता

वहीं मुख्यमंत्री केजरीवाल के मामले में राजनीतिक प्रतिशोध के आरोप भी लग रहे हैं। इस बीच यहां यह जानना भी दिलचस्प हो जाता है कि पीएमएलए और दूसरे कानूनों के तहत अलग-अलग राज्यों के 17 मौजूदा एवं पूर्व मुख्यमंत्री प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी के रडार पर आ चुके हैं। इनमें कुछ मुख्यमंत्रियों से पूछताछ हो चुकी है तो कई राजनेताओं का नंबर लगना बाकी है। किसी मुख्यमंत्री को समन जारी हो रहा है। ईडी की जांच केवल मुख्यमंत्रियों तक ही सीमित नहीं है, बल्कि इसके दायरे में पूर्व केंद्रीय गृह-वित्त-रेलवे जैसे बड़े मंत्रालयों का कार्यभार संभाल चुके नेता भी रहे हैं। जांच एजेंसी की इस फेहरिस्त में चार मौजूदा एवं पूर्व डिप्टी सीएम भी शामिल हैं। इनके अलावा देश के अन्य सियासतदान व उनके परिजन भी जांच एजेंसी के दायरे में आ चुके हैं।


ये शीर्ष नेता कर चुके हैं ईडी जांच का सामना

ईडी की रडार पर आने वाले विपक्षी नेताओं में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे, लालू प्रसाद यादव और राकांपा संस्थापक शरद पवार जैसे कई दिग्गज नेता रहे हैं। गत वर्ष केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाने वाली कई विपक्षी पार्टियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक चिट्ठी लिखी थी। इनमें टीएमसी, आप, आरजेडी, नेशनल कांफ्रेंस, केसीआर की पार्टी, सपा और उद्धव बालासाहेब ठाकरे (यूबीटी) आदि दल शामिल थे। इन सभी दलों के नेता जांच एजेंसियों की रडार पर रहे हैं। अरविंद केजरीवाल ने कहा था, हमारे देश के प्रधानमंत्री ने ठान लिया है कि अगर बीजेपी को वोट नहीं दोगे और किसी दूसरी पार्टी को वोट दोगे तो उस सरकार को किसी भी हाल में काम नहीं करने दिया जाएगा। किसी राज्य में दूसरी पार्टी की सरकार बनती है तो उसके नेताओं के पीछे ईडी और सीबीआई छोड़ दी जाती है। केजरीवाल ने आरोप लगाया था कि उन पर भाजपा में शामिल होने का दबाव बनाया जा रहा है। आप विधायकों को लालच देने की कोशिश हो रही है।


रडार पर आए मौजूदा एवं पूर्व मुख्यमंत्री...

-बिहार के पूर्व सीएम एवं केंद्रीय रेल मंत्री रहे लालू प्रसाद यादव एवं उनके परिवार के सदस्यों से जमीन के बदले नौकरी, घोटाले में पूछताछ की जा रही है। यह मामला सीबीआई द्वारा दर्ज किया गया था, लेकिन बाद में ईडी ने भी इस मामले की जांच शुरु की।

-छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ भी ईडी की जांच चल रही है। इनमें कोयला ट्रांसर्पोटेशन व महादेव गेमिंग एप आदि शामिल हैं।

-हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा को मानेसर जमीन मामला और पंचकुला के ‘एजेएल‘ केस में ईडी जांच का सामना करना पड़ रहा है।

-राजस्थान के पूर्व सीएम अशोक गहलोत भी जांच एजेंसियों की रडार पर रहे हैं।

-यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के कार्यकाल में लिए गए कई फैसलों और विकास योजनाओं के मामले की जांच केंद्रीय एजेंसियां कर चुकी हैं।

-सपा प्रमुख और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी सीबीआई व ईडी के रडार पर रहे हैं। इनमें गोममी रिवर फ्रंट और माइनिंग घोटाला जैसे केस शामिल हैं।


ये मुख्यमंत्री-पूर्व सीएम भी जांच से अछूते नहीं...

ईडी पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से अवैध रेत खनन मामले में पूछताछ कर चुकी है।

-ईडी की जांच का जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती भी सामना कर रहे हैं। इन केसों में जम्मू कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन और जम्मू कश्मीर बैंक से जुड़ा मामला शामिल हैं।

-सीबीआई ने 2019 में अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री नेबाम टुकी के खिलाफ जांच शुरु की थी। उसी आधार पर ईडी ने भी मामले की जांच प्रारंभ की।

-मणिपुर के पूर्व सीएम ओकराम इबोबी पर भ्रष्टाचार के आरोप में पहले सीबीआई ने केस दर्ज किया था। उसके बाद ईडी ने पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया।

-सीबीआई और ईडी के रडार पर गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वघेला भी आ चुके हैं। उन पर केंद्रीय मंत्री रहते हुए मुंबई में जमीन घोटाले का आरोप लगा था। तत्कालीन केंद्रीय टेक्सटाइल मंत्री रहे वघेला पर जमीन की खरीद फरोख्त में सरकारी खजाने को 709 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाने का आरोप था।

-महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री रहे शरद पवार भी ईडी जांच के दायरे में आ चुके हैं।


ईडी की हिरासत में सोरेन तो कविता हुई गिरफ्तार...

-तेलंगाना के मुख्यमंत्री सीएम रेवंथ रेड्डी भी ईडी के रडार पर रहे हैं। उन पर आरोप था कि उन्होंने 2015 में एमएलसी इलेक्शन में पचास लाख रुपये की रिश्वत दी थी।

-झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पिछले दिनों मुख्यमंत्री का पद छोड़ा है। उन्हें जमीन घोटाले में ईडी ने गिरफ्तार कर लिया है। -तेलंगाना के पूर्व सीएम केसीआर की बेटी के. कविता को इसी सप्ताह ईडी ने दिल्ली के शराब घोटाले में गिरफ्तार किया है।

-केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन भी जांच एजेंसी की रडार पर रहे हैं। गोल्ड स्मगलिंग केस सहित दूसरे मामलों में वे ईडी जांच का सामना कर रहे हैं। हाल ही में उनकी बेटी वीणा विजयन की कंपनी के खिलाफ केंद्र सरकार ने जांच का आदेश दिया है। एसएनसी-लवलिन केरल जलविद्युत घोटाला, इस केस में भी पिनाराई विजयन को जांच का सामना करना पड़ा है।

-आंध्रप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी भी कई तरह के वित्तीय मामलों को लेकर ईडी जांच का सामना कर रहे हैं।


ईडी की रडार पर पूर्व केंद्रीय मंत्री व डिप्टी सीएम भी...

पूर्व केंद्रीय गृह-वित्त मंत्री पी. चिदंबरम, पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री पवन बंसल और पूर्व केंद्रीय रेल एवं श्रम और रोजगार मंत्री मल्लिकार्जुन खरगे को भी ईडी जांच का सामना करना पड़ा है।

-महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख, ईडी के मामले में जेल जा चुके हैं।

-कर्नाटक के वर्तमान डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार को भी ईडी जांच का सामना करना पड़ा है।

-बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से भी ईडी द्वारा पूछताछ की जा रही है। दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, ईडी के केस में जेल में हैं। महाराष्ट्र के मौजूदा डिप्टी सीएम अजीत पवार के खिलाफ भी ईडी का मामला रहा है।

इन्हें करना पड़ा जांच का सामना?

-ईडी केस में महाराष्ट्र में पूर्व मंत्री नवाब मलिक जेल जा चुके हैं। -पश्चिम बंगाल के शारदा चिटफंड घोटाले में सीबीआई व ईडी की जांच के दायरे की आंच, कई नेताओं तक पहुंच चुकी है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबियों को जांच का सामना करना पड़ा है। पश्चिम बंगाल पुलिस और ईडी की जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि 80 प्रतिशत जमाकर्ताओं के पैसे का भुगतान किया जाना बाकी है। जब सीबीआई टीम ने पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के खिलाफ कार्रवाई की तो जांच एजेंसी के अधिकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया। इस मामले में सीएम ममता बनर्जी धरने पर भी बैठी थीं।

-तेलंगाना के पूर्व मुख्यमंत्री की बेटी के. कविता, मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शरद पवार के पोते रोहित, पश्चिम बंगाल सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे पार्थ चटर्जी, शिवसेना के सांसद संजय राउत, टीएमसी सांसद अभिषेक, आरजेडी के एमएलसी सुनील सिंह, सांसद अशफाक करीम, फैयाज अहमद और पूर्व एमएलसी सुबोध राय भी जांच एजेंसी की रडार पर रहे हैं।

रडार पर 95 फीसदी विपक्षी नेता...

-कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन के मुताबिक, विपक्षी नेताओं के पीछे जांच एजेंसी लगी रहती है। नतीजा, कई नेता, भाजपा की शरण में चले गए। आज उनसे जांच एजेंसी पूछताछ नहीं कर रही। -एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की रिपोर्ट बताती है कि गत आठ वर्ष में लगभग 225 चुनावी उम्मीदवारों ने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी।

-45 फीसदी नेताओं ने भाजपा का दामन थाम लिया है। पार्टी छोड़ने वालों में हार्दिक पटेल, अश्विनी कुमार, आरपीएन सिंह, गुलाम नबी आजाद, जयवीर शेरगिल, ज्योतिरादित्या सिंधिया, सुनील जाखड़, जितिन प्रसाद, सुष्मिता देव, कीर्ति आजाद, अदिति सिंह, कैप्टन अमरिंदर सिंह, उर्मिला मातोंडकर, हिमंत बिस्व सरमा, हरक सिंह रावत, जयंती नटराजन, एन बिरेन सिंह और दिवंगत अजित जोगी आदि शामिल हैं।

-माकन का कहना था कि मोदी सरकार में ईडी ने जिन राजनेताओं के यहां पर रेड की है या उनसे पूछताछ की है, उनमें 95 फीसदी विपक्ष के नेता हैं। इसमें सबसे ज्यादा रेड तो कांग्रेस पार्टी के नेताओं के घरों और दफ्तरों पर की गई हैं। पार्टी ने आशंका जताई है कि 2024 के लोकसभा चुनाव तक, विपक्ष के अनेक नेता, केंद्रीय जाँच एजेंसियों के जाल में फँस सकते हैं।

-असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा, कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा, नारायण राणे, रमन सिंह, मुकुल रॉय और सुवेंदु अधिकारी आदि नेताओं के पीछे अब ईडी नहीं है। जनता सब समझती है कि ये नेता, अब ईडी की जाँच से क्यों बच हुए हैं।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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