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Arvind Kejriwal News: अरविंद केजरीवाल की असली मुश्किलें अब, जानिए कैसे?
Arvind Kejriwal News: दिल्ली शराब घोटाला मामले में 15 दिन के लिए जेल भेजे गए केजरीवाल को अब बेल मिलने की संभावना भी कम होती जा रही है और शिकंजा भी और कड़ा होता जा रहा है।
Arvind Kejriwal News: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ( CM Arvind Kejriwal) की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। जेल जाने के बाद अब उनकी मुश्किलें बढ़नी तय है! केजरीवाल की ईडी रिमांड सोमवार को खत्म हो गई। दिल्ली शराब घोटाले में ईडी हिरासत में हुई पूछताछ के बाद अब उन्हें पीएमएलए कोर्ट ने 15 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। अब वे जेल चले गए हैं। जेल जाना खुद में एक बहुत बड़ी कठिनाई होती है पर अब अरविंद केजरीवाल के लिए और बड़ी मुश्किलें सामने आने वाली हैं। ईडी का कहना है कि केजरीवाल जानबूझकर जांच एजेंसियों को सहयोग नहीं कर रहे हैं। यह गंभीर मुद्दा बन सकता है। विशेषकर बेल मिलने में परेशानी हो सकती है। इसके अलावा शराब घोटाले में जिस तरह की तस्वीर बन रही है उससे यही लगता है कि उनके बचे दो खास सहयोगी आतिशी और सौरभ भारद्नाज पर भी जल्द ही शिकंजा कस सकता है। वहीं अब आम आदमी पार्टी भी अरविंद केजरीवाल की अनुपस्थिति के चलते संकट में पड़ सकती है।
जेल से सरकार चलाना होगा मुश्किल
किसी भी व्यक्ति के लिए जेल का जीवन सामान्य नहीं होता है। शायद यही कारण है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी हर संभव प्रयास किया कि उन्हें बेल मिल जाए। हालांकि उनके पास एक ऑप्शन यह भी था कि वे खुद को जनता की सहानभुति पाने के लिए जेल जाने के पहले ही कह सकते थे कि वो बेल के लिए कोर्ट नहीं जाएंगे यानी अप्लाई नहीं करेंगे। कोर्ट से बेल न मिलने से तो बढ़िया यही होता। क्योंकि इससे उनके प्रति लोगों की ज्यादा हमदर्दी पैदा होती। अन्ना आंदोलन के दौरान गिरफ्तारी होने पर एक बार अरविंद केजरीवाल ऐसा कर भी चुके थे। पर इस बार केजरीवाल ऐसा नहीं कर सके और अब यह भी तय हो गया है कि वे जेल से जल्दी बाहर आने वाले नहीं हैं।
जिस तरह शराब घोटाले (Delhi Liquor Scam Case) में जेल गए उनके पूर्ववर्तियों को बेल नहीं मिल सकी है उसके आधार पर तो यही कहा जा सकता है कि केजरीवाल को अभी काफी दिनों जेल में रहना होगा। ईडी हिरासत में रहते हुए उनको बाहर के लोगों से मिलने का थोड़ा-बहुत टाइम मिल भी जाता था पर अब वह भी संभव नहीं होगा। इस तरह यह कहना भी अब मुश्किल होगा कि उन्होंने दिल्ली की जनता के लिए यह आदेश जारी किया है।
जेलों में कैदियों के लिए कुछ मैनुअल होता है। उसके अनुसार ही लोगों से मिलना जुलना होता है। विशेषकर तिहाड़ (Tihar Jail) में तो सशरीर मुलाकात भी संभव नहीं होता है। दो मुलाकातियों के बीच शीशे की दिवार होती है। स्पीकर के माध्यम से दो लोगों के बीच बातचीत होती है। जाहिर है कि कॉन्फिडेंशल बात नहीं हो सकेगी।
अगला नंबर आतिशी और सौरभ का भी हो सकता है!
बताया जा रहा है कि ईडी से पूछताछ में अरविंद केजरीवाल ने विजय नायर की रिपोर्टिंग से इनकार किया है। केजरीवाल ने कहा है कि शराब घोटाले का आरोपी विजय नायर आम आदमी पार्टी नेता सौरभ भारद्वाज और आतिशी को रिपोर्ट करता रहा है। ईडी की तरफ से कोर्ट को बताया गया कि केजरीवाल गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। ईडी ने अदालत को बताया कि केजरीवाल ने पूछताछ में बताया कि विजय नायर आतिशी और सौरभ भारद्वाज को रिपोर्ट करते थे, तो इस दौरान केजरीवाल चुप रहे। यह पहली बार है जब उन्होंने कोर्ट में दो मंत्रियों का नाम लिया। खास बात ये है कि जब ईडी अदालत को यह बता रही थी तो केजरीवाल ने इसका खंडन तक नहीं किया और चुप्पी साधे रखी। आपको बता दें कि आतिशी गोवा विधानसभा चुनाव के दौरान गोवा की प्रभारी भी रही हैं। अरविंद केजरीवाल इस सवाल का जवाब देने से बचते रहे कि आखिर क्यों नायर ने सीएम कैंप कार्यालय में काम करने वाले लोगों के बारे में जानकारी नहीं होने का दावा किया था जबकि उसने सीएम के कैंप कार्यालय से काम किया था।
अब सीबीआई भी मांग सकती है केजरीवाल की हिरासत
कहा जा रहा है कि ईडी की हिरासत खत्म होने के बाद सीबीआई दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की हिरासत मांग सकती है। केजरीवाल की गिरफ्तारी का ग्राउंड भी सीबीआई की जांच के आधार पर ही तय हुआ था। सीबीआई ने सबसे पहले आबकारी घोटाले में मनीष सिसोदिया, शराब कंपनियों और उनके मालिकों के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
सीबीआई द्वारा नौ घंटे तक पूछताछ की गई थी
सीबीआई (CBI) पहली केंद्रीय एजेंसी है जिसने ये केस दर्ज किया था, जिसकी जांच आगे बढ़ी तब ईडी ने सीबीआई की एफआईआर के आधार पर मामला दर्ज किया। अप्रैल 2023 में केजरीवाल से शराब नीति 2021-22 के निर्माण और कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार की जांच के संबंध में सीबीआई द्वारा नौ घंटे तक पूछताछ की गई थी। पूछताछ के दौरान सीबीआई मामले में गिरफ्तार लोगों द्वारा किए गए कुछ खुलासों और एक गायब फाइल के ठिकाने के बारे में जानकारी चाहती है। इसमें यह भी जानने का इरादा है कि क्या केजरीवाल ने गिरफ्तार शराब कारोबारी समीर महेंद्रू से फेसटाइम पर बात की थी और उन्हें आप के गिरफ्तार संचार प्रभारी विजय नायर के निर्देशों का पालन करने के लिए कहा था। शराब घोटाले के अलावा सीबीआई दिल्ली जल बोर्ड में कथित अनियमितताओं के मामले की भी जांच कर रही है। यही एकमात्र विभाग था जो केजरीवाल के पास थोड़े समय के लिए था।
आप के लिए बड़ी चुनौती, बिखर सकती है पार्टी...
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल अगर जल्दी ही जेल से बाहर नहीं आते हैं तो सबसे बड़ा संकट आम आदमी पार्टी पर पड़ने वाला है। केजरीवाल की अनुपस्थिति के चलते ही पंजाब से आम आदमी पार्टी के एकलौते सांसद ने पार्टी छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया। वे अकेले नहीं गए बल्कि एक मौजूदा विधायक को भी अपने साथ बीजेपी में ले गए।
वर्तमान में जिस तरह की स्थितियां बन रही हैं उसे देखकर तो यही लग रहा है कि आम आदमी पार्टी ताश के महल की भांति भरभराकर गिर सकती है। क्योंकि अरविंद केजरीवाल ने अपने नीचे कोई सशक्त दूसरी लाइन तैयार नहीं होने दी और जिस पर भरोसा था वो लोग मनीष सिसौदिया, संजय सिंह और सत्येंद्र जैन सभी जेल के अंदर हैं। इनमें से किसी के भी अभी बाहर आने की कोई उम्मीद नहीं है।
वहीं कद्दावर लोगों को बहुत पहले ही पार्टी छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया गया। अब तो यहां तक खबरें आ रही हैं कि पार्टी के राज्यसभा सांसद और अरविंद केजरीवाल के काफी करीबी राघव चड्ढा भी उनसे किनारा कर रहे हैं। ऐसे मौके पर जब पार्टी को सबसे अधिक मजबूत लोगों की जरूरत है कोई नहीं दिख रहा है। राघव चड्ढा लंदन में हैं और स्वाति मालिवाल अमेरिका में हैं। जिस तरह केजरीवाल मंत्रिमंडल के साथी कैलाश गहलोत शुक्रवार को ईडी से हुई पूछताछ के बाद मीडिया से बात कर रहे थे उनकी विश्वसनीयता भी सवाल खड़े किए जा रहे हैं। कैलाश गहलोत स्वीकार कर रहे हैं कि उनको अलॉट सरकारी कोठी में वो खुद नहीं विजय नायर रह रहा था।
क्या केजरीवाल ही मुख्यमंत्री रहेंगे?
अब अरविंद केजरीवाल तो इतनी जल्दी जेल से बाहर आने वाले नहीं लगते वहीं आतिशी (Atishi) और सौरभ भारद्वाज (Saurabh Bhardwaj) पर भी जांच एजेंसी का शिकंजा कस गया तो आप की स्थिति क्या होगी यह तो समय ही बताएगा। वहीं अब एक प्रश्न यह भी उठने लगा है कि क्या केजरीवाल ही मुख्यमंत्री रहेंगे? या दिल्ली का सीएम बदला जाएगा। यह तो आने वाले दिनों में ही पता चल पाएगा, लेकिन इतना तो तय है कि जेल से सरकार चलाना संभव नहीं है।