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Delhi liquor scam case: केजरीवाल के इशारे पर हुआ था शराब नीति में बदलाव, CBI का बड़ा दावा
Delhi liquor scam case: CBI ने अपने अरोप में कहा है कि अरविंद केजरीवाल शराब नीति के निर्माण और इसमें बदलाव के लिए आपराधिक साजिश में शामिल थे।
Delhi liquor scam case: कथित दिल्ली शराब नीति घोटाले के मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। इस मामले में CBI ने पांचवीं और अंतिम चार्जशीट दाखिल कर दी है। इसके साथ ही जांच एजेंसी ने अपनी जांच पूरी करते हुए अरविंद केजरीवाल को इस मामले का मुख्य साजिशकर्ता भी बताया है।
CBI की ओर से कोर्ट में दायर पूरक आरोपपत्र में खुलासा हुआ है कि जब दिल्ली शराब नीति बनाने की शुरुआत हुई तो उसी समय से अरविंद केजरीवाल इसमें शामिल थे। वे शराब नीति के निर्माण और इसमें बदलाव के लिए आपराधिक साजिश में शामिल थे।
इस मामले में अपनी जांच पूरी कर ली है
बता दें कि दिल्ली शराब नीति मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने अपनी पांचवीं और अंतिम चार्जशीट दाखिल करने के साथ ही इस मामले में अपनी जांच पूरी कर ली है। सीबीआई ने आरोप लगाया है कि अरविंद केजरीवाल के पास पहले से ही आबकारी नीति का निजीकरण करने का पूर्व-निर्धारित विचार था। जिसे भ्रष्टाचार के आरोपों के सामने आने के बाद रद्द कर दिया गया।
आरोप में कहा गया है कि केजरीवाल ने मार्च 2021 में अपनी पार्टी आप के लिए मौद्रिक समर्थन की मांग की, जब सह-आरोपी मनीष सिसोदिया की अध्यक्षता वाले GoM द्वारा नीति तैयार की जा रही थी। CBI ने अपने आरोप में कहा है कि उनके करीबी सहयोगी और आरोपी विजय नायर के मीडिया और संचार प्रभारी दिल्ली आबकारी व्यवसाय के विभिन्न हितधारकों से संपर्क कर रहे थे। अनुकूल आबकारी नीति के बदले उनसे अवैध रिश्वत की मांग कर रहे थे।
जमानत पर फैसला सुरक्षित
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े CBI भ्रष्टाचार मामले में जमानत के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की तरफ से दायर याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच ने दिल्ली के मुख्यमंत्री की जमानत याचिका पर सुनवाई की है। वहीं वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने केजरीवाल का पक्ष रखा था।