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Delhi Liquor Scam Case: 50 दिन बाद 'सुप्रीम' फैसले से केजरीवाल आएंगे जेल से बाहर, मिली अंतरिम जमानत
Arvind Kejriwal Bail: कोर्ट के फैसले को भांपते ही ईडी ने बीते 9 मई को फैसला आने से एक दिन पूर्व सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल करते हुए केजरीवाल की जमानत का विरोध किया था। बेंच की अगुआई कर रहे जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि हम 10 मई को केजरीवाल की जमानत पर फैसला सुनाएंगे और इस पर आज अपना फैसला सुनाया।
Delhi Liquor Scam Case: आबकारी घोटाले मामले में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को देश की शीर्ष अदालत से बड़ी राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा चुनाव को देखते हुए अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत पर अपनी मुहर लगा दी है। कोर्ट ने केजरीवाल को 1 जून तक अंतरिम जमानत दी है। जमानत मिलने के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को 51 दिन बाद जेल से बाहर आए हैं। जमानत मिलने के बाद अब केजरीवाल लोकसभा चुनाव के बीच चार चरणों के चुनाव में पार्टी के चुनाव प्रचार में हिस्सा ले सकेंगे। शीर्ष अदालत ने शुक्रवार को केजरीवाल की ईडी द्वारा की गई गिरफ्तारी की चुनौती याचिका पर लगातार तक चार दिन तक सुनवाई करने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री को 1 जून तक अंतरिम जमानत प्रदान की दी। हालांकि पिछली सुनवाई में कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को लोकसभा चुनाव को देखते हुए चुनाव प्रचार के लिए अंतरिम जमानत के संकेत दिये थे। ईडी ने केजरीवाल की इस जमानत का विरोध किया था।
2 जून को करना होगा सरेंडर
सुनवाई के दौरान पीठ ने कहा कि चुनावों से 48 घंटे पहले हम केजरीवाल को पर्याप्त समय दे रहे हैं। केजरीवाल के चुनाव प्रचार पर कोई पाबंदी नहीं है, लेकिन उन्हें दो जून को सरेंडर करना होगा। केजरीवाल की अंतरिम जमानत पर कोर्ट ने फैसला पहले ही सुरक्षित रख लिया था, शुक्रवार को पीठ सुनवाई के लिए बैठ तो कुछ देर में केजरीवाल पर जमानत पर अपना फैसला सुना दिया।
जमानत पर ईडी का विरोध, दिये ये तर्क
दिल्ली के मुख्यमंत्री की अंतरिम जमानत याचिका का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में ईडी ने एक नया हलफनामा दायर किया। ईडी का यह हफनामा केजरीवाल की जमानत याचिका पर आने वाले फैसले से पहले डाला। कोर्ट में दायर ईडी ने अपने नए हलफनामे में कहा कि आज तक किसी भी राजनेता को चुनाव प्रचार के लिए अंतिरम जमानत नहीं मिली है। चाहे जेल में बंद उम्मीदवार क्यों न हो। यहां पर केजरीवाल तो कोई उम्मीदवार भी नहीं है। ईडी ने ये भी कहा कि ऐसे कई अपराधी हैं जो जेल में रहते हुए चुनाव डाले और जीते भी, लेकिन उन्हें किसी भी आधार में जमानत नहीं मिली। चुनाव प्रचार न तो संवैधानिक अधिकार है और न ही किसी व्यक्ति का मौलिक अधिकार। यदि ऐसा होता है तो कानून का उल्लंघन करने वाला हर अपराधी को राजनीतिज्ञ बनने और हर साल चुनाव के मोड में रहने का प्रोत्साहन मिलेगा।
अंतरिम जमानत के मिले संकेत
ईडी ने नए हलफमाने में कहा कि राजनेता आम आदमी से ऊपर होने और विशेष दर्जे का दावा नहीं कर सकता है। दरअसल, बीते मंगलवार को हुई सुनवाई में कोर्ट केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि इस मामले की सुनवाई जल्द होने की उम्मीद नहीं है, इसलिए चुनाव को देखते हुए उनकी अंतिरम जमानत याचिका पर विचार किया जा सकता है। कोर्ट ने केजरीवाल की अंतरिम जमानत देने पर कुछ शर्त भी रखी और कहा कि जमानत पर बाहर आए मुख्यमंत्री न कोई सरकार काम की बैठक में हिस्सा लेगें और न ही किसी भी फाइल में साइन करेंगे।
फैसले के एक पूर्व ईडी ने दायर किया हलफनामा
कोर्ट के फैसले को भांपते ही ईडी ने बीते 9 मई को फैसला आने से एक दिन पूर्व सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल करते हुए केजरीवाल की जमानत का विरोध किया था। 7 मई को बेंच इस मामले में बिना फैसला सुनाए उठ गई थी। बेंच की अगुआई कर रहे जस्टिस संजीव खन्ना ने 8 मई को कहा कि हम 10 मई को केजरीवाल की जमानत पर फैसला सुनाएंगे। 10 मई को फैसला देते हुए शीर्ष ने केजरीवाल की अंतरिम जमानत याचिका पर अपनी मुहर लग दी और 1 जून तक केजरीवाल को बेल दे दी।
21 मार्च को हुए थे केजरीवाल गिरफ्तार
ED ने शराब नीति केस में केजरीवाल को 21 मार्च को अरेस्ट किया था। ED ने 22 मार्च को सीएम को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने दिल्ली सीएम को 28 मार्च तक ED रिमांड पर भेजा था। इसके बाद 1 अप्रैल तक रिमांड अवधि बढ़ा दी थी। 1 अप्रैल को ईडी ने केजरीवाल को कोर्ट में किया और कोर्ट ने उन्हें पहली बार 1 अप्रैल को उन्हें 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में तिहाड़ जेल भेज दिया था। इसके बाद अब आज तक केजरीवाल की चार बार न्यायिक हिरासत बढ़ चुकी है। अभी वे जेल में हैं। जमानत याचिका पर निचली अदालत और हाईकोर्ट से राहत नहीं मिलने के बाद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट राहत मिली।