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Delhi Liquor Scam: अरविंद केजरीवाल ने की अंतरिम जमानत और बढ़ाने की मांग, SC में डाली याचिका
Kejriwal Interim Bail: सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने केजरीवाल को अंतरिम जमानत देते हुए पांच शर्तें लगाई थीं। केजरीवाल को बीते 10 मई को जमानत मिली थी।
Kejriwal Interim Bail: लोकसभा चुनाव 2024 के चुनाव प्रचार के जेल से बाहर आए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने देश की शीर्ष अदालत और राहत की मांग की है। आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में अंतरिम जामन बढ़ाने की मांग के लिए एक याचिका दायर की है। इस याचिका में सीएम केजरीवाल ने अंतरिम जमानत को सात दिन और बढ़ाने की मांग की है। बता दें कि शीर्ष अदालत ने चुवान प्रचार के लिए केजरीवाल को जमानत दी है। 1 जून इसकी आखिरी डेट है।
मेडिकल टेस्ट के लिए डाली अर्जी
शीर्ष अदालत में दी गई अंतरिम जमानत अर्जी में केजरीवाल ने कहा कि उन्हें पीईटी-सीटी स्कैन और अन्य परीक्षणों से गुजरना होगा और स्वास्थ्य जांच पूरी करने के लिए सात दिन का समय मांगा है। बता दें कि दिल्ली दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बीते 10 मई को आरोपित सीएम केजरीवाल को सशर्त 21 दिन की अंतरिम जमानत दी थी। यह अंतरिम जमानत 1 जून को समाप्त खत्म हो रही है और उनको 2 जून को सरेंडर करने का आदेश है। हालांकि उससे पहले केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी अंतरिम जमानत बढ़ाने की मांग को लेकर अर्जी डाल दी है।
क्या कोर्ट बढ़ाएगा केजरीवाल की जमानत?
अब देखा यह होगा कि क्या शीर्ष अदालत मेडिकल आधार पर डाली गई अंतरिम जमानत बढ़ाने की मांग लोकर याचिका के मामले पर केजरीवाल को राहत देता है या फिर उन्हें 2 जून को सरेंडर वाले आदेश पर अडिग रहता है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने केजरीवाल को अंतरिम जमानत देते हुए पांच शर्तें तय कीं, जिनमें से एक में उन्हें मामले में शामिल किसी भी गवाह से संपर्क करने से रोक दिया गया। इसके अलावा केजरीवाल को मुख्यमंत्री कार्यालय और दिल्ली सचिवालय दोनों में जाने पर रोक के साथ सरकारी फाइलों में साइन करने को मना किया गया था। 50 हजार रुपए की जमानत राशि भरने का आदेश दिया था, जिसको केजरीवाल ने पूरा किया।
लगी हैं ये शर्तें
कोर्ट ने आदेश में ये भी कहा था कि जनामत के दौरान दिल्ली के मुख्यमंत्री तब तक आधिकारिक फाइलों पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे, जब तक कि यह आवश्यक न समझा जाए और उपराज्यपाल वीके सक्सेना से मंजूरी प्राप्त करने के लिए आवश्यक न हो। उन्हें उत्पाद नीति मामले में उनकी संलिप्तता के संबंध में कोई भी टिप्पणी करने से प्रतिबंधित किया गया है। इसके अलावा कोर्ट ने केजरीवाल को इस मामले में शामिल किसी भी गवाह के साथ बातचीत करने या कार्यवाही से संबंधित आधिकारिक फाइलों तक पहुंचने से रोक दिया गया है।
अंतरिम जमानत देते समय शीर्ष अदालत ने कहा था कि इसमें कोई शक नहीं, गंभीर आरोप लगाए गए हैं, लेकिन उसे दोषी नहीं ठहराया गया है। उसका कोई आपराधिक इतिहास नहीं है। वह समाज के लिए खतरा नहीं हैं। वह दिल्ली के मुख्यमंत्री हैं और एक राष्ट्रीय पार्टी के नेता हैं। इस समय देश में लोकसभा चुनाव का माहौल है, ऐसे में यह मामला काफी लंबा चलेगा तो उन्हें जमानत दिया जा सकता है।
50 दिन बाद केजरीवाल आए थे जेल से बाहर
केजरीवाल को दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति में कथित घोटाले के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था। बाद में उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। वह दिल्ली तिहाड़ जेल से 10 मई को बाहर आए थे। केजरीवाल कुल 50 दिन तक जेल में रहे। केजरीवाल को 2 जून को फिर सरेंडर करना होगा।