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Delhi Liquor Scam: दिल्ली का शराब घोटाला बना केजरीवाल के लिए बड़ी मुसीबत, मनीष सिसोदिया के बाद इस मामले में कैसे फंसे आप नेता संजय सिंह
Delhi Liquor Scam: भाजपा नेताओं का कहना है कि अब इस मामले की आंच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तक पहुंच गई है और देर सबेर उनकी भी शराब घोटाले में गर्दन फंसना तय है।
Delhi Liquor Scam: आम आदमी पार्टी के नेता और सांसद संजय सिंह की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली का शराब घोटाला एक बार फिर काफी चर्चाओं में है। प्रवर्तन निदेशालय की ओर से दिल्ली के शराब घोटाले की पिछले 15 महीने से गहन जांच पड़ताल की जा रही है। इस मामले में गत 26 फरवरी को दिल्ली के तत्कालीन डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को भी गिरफ्तार किया गया था। अब इस मामले में ईडी ने संजय सिंह पर भी शिकंजा कर दिया है। डेढ़ साल के भीतर दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी के तीसरे बड़े नेता की गिरफ्तारी के बाद सियासत भी गरमा गई है।
संजय सिंह आम आदमी पार्टी के लिए सड़क से लेकर संसद तक मोर्चा संभालते रहे हैं और उनकी गिरफ्तारी आप के लिए बड़ा झटका मानी जा रही है। भाजपा नेताओं का कहना है कि अब इस मामले की आंच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तक पहुंच गई है और देर सबेर उनकी भी शराब घोटाले में गर्दन फंसना तय है।
सत्येंद्र जैन और मनीष सिसोदिया के बाद अब संजय सिंह की गिरफ्तारी से आप मुखिया अरविंद केजरीवाल की मुसीबतें बढ़ गई हैं। दिल्ली का शराब घोटाला केजरीवाल के गले की फांस बन गया है और माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में पार्टी को इसकी बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि दिल्ली का शराब घोटाला क्या है जिसमें आखिरकार मनीष सिसोदिया के बाद अब संजय सिंह भी फंस गए हैं।
दिल्ली सरकार की नई शराब नीति
दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली आप सरकार साल 2021-22 में नई शराब नीति लेकर आई थी। इस नई शराब नीति के तहत सरकार ने शराब की खुदरा बिक्री से हाथ खींच लिया और प्राइवेट लाइसेंसधारियों को भी स्टोर चलाने की अनुमति दी। इस नई नीति के पीछे सरकार की दलील थी कि कालाबाजारी पर रोक लगाने और राजस्व बढ़ाने के मकसद से यह कदम उठाया गया है।
पिछले साल 2022 के जुलाई महीने में दिल्ली के मुख्य सचिव ने नई शराब नीति में कई नियमों के उल्लंघन का हवाला देते हुए शराब लाइसेंसधारियों को गलत लाभ पहुंचाने का बड़ा आरोप लगाया। उन्होंने शराब के लाइसेंस से शुल्क में 144 करोड़ की छूट का मामला भी सामने रखा। मुख्य सचिव की रिपोर्ट के आधार पर उपराज्यपाल ने दिल्ली शराब घोटाले की सीबीआई जांच की सिफारिश की थी। नई शराब नीति को लेकर हंगामा मचाने के बाद दिल्ली सरकार ने इसे वापस लेने का ऐलान कर दिया था।
शराब घोटाले में क्या है ईडी का आरोप
दिल्ली में जिस समय नई शराब नीति को लागू किया गया था, उस समय उपमुख्यंत्री मनीष सिसोदिया के पास ही दिल्ली का आबकारी विभाग भी था। घोटाले के आरोपों की वजह से यह नई शराब नीति दिल्ली सरकार के लिए बड़ी मुसीबत बन गई। ईडी ने आरोप लगाया कि साउथ ग्रुप और आम आदमी पार्टी के बीच ऐसी सहमति बनी थी जिसके तहत साउथ ग्रुप ने गोवा के विधानसभा चुनाव के दौरान अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली पार्टी को धन मुहैया कराया था।
ईडी के मुताबिक साउथ ग्रुप को दिल्ली में अपने नियंत्रण वाले शराब कारोबार के जरिए यह रकम वसूलनी थी। इस शराब घोटाले में सबसे बड़ी कार्रवाई गत फरवरी महीने के दौरान हुई थी जब ईडी ने मनी लांड्रिंग के मामले में दिल्ली के तत्कालीन डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया था। मनीष सिसोदिया को तमाम कोशिशों के बावजूद अभी तक जमानत नहीं मिल सकी है और शराब घोटाले में घिरने के बाद उन्हें डिप्टी सीएम पद से भी इस्तीफा देना पड़ा।
घोटाले में कैसे आया संजय सिंह का नाम
पिछले साल दिसंबर महीने के दौरान इस बहुचर्चित शराब घोटाले के साथ आप सांसद संजय सिंह का भी नाम जुड़ गया। दरअसल ईडी ने शराब कारोबारी दिनेश अरोड़ा के बयान के आधार पर अपनी चार्जशीट में संजय सिंह का भी नाम शामिल किया कर लिया। ईडी की चार्जशीट के मुताबिक दिनेश अरोड़ा ने पहले संजय सिंह के से मुलाकात की थी और बाद में उनके जरिए अरोड़ा की मुलाकात एक रेस्टोरेंट में मनीष सिसोदिया से हुई थी।
ईडी की चार्जशीट में यह भी बताया गया है कि आप सांसद संजय सिंह ने दिल्ली में पार्टी के लिए संजय अरोड़ा से फंड इकट्ठा करने को कहा था। संजय सिंह के कहने पर ही अरोड़ा ने मनीष सिसोदिया को पैसे देने की व्यवस्था की थी और उन्हें 32 लख रुपए का चेक भी सौंपा था। इसके बदले में संजय सिंह ने भी अरोड़ा की मदद की थी और आबकारी विभाग में उनके फंसे हुए एक मामले को सुलझाया था। चार्जशीट के मुताबिक संजय सिंह के जरिए ही अरोड़ा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी उनके आवास पर मुलाकात की थी।
अरविंद केजरीवाल से भी हो चुकी है पूछताछ
दिल्ली के शराब घोटाले के सिलसिले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी पूछताछ की जा चुकी है। सीबीआई ने अप्रैल महीने के दौरान मुख्यमंत्री केजरीवाल से दिल्ली सरकार की शराब नीति के संबंध में करीब 9 घंटे तक पूछताछ की थी। इस पूछताछ के दौरान सीबीआई ने यह जानने की कोशिश की कि नई नीति के तहत किस तरह शराब सिंडिकेट को लाभ पहुंचाने का प्रयास किया गया। हालांकि इसके बाद उन्हें पूछताछ के लिए फिर तलब नहीं किया गया है।
तीसरे बड़े नेता की गिरफ्तारी से गरमाई सियासत
डेढ़ साल के भीतर आम आदमी पार्टी के तीसरे बड़े नेता की गिरफ्तारी के बाद दिल्ली शराब घोटाले को लेकर सियासत भी गरमा गई है। भाजपा के नेता अब खुलकर इस मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का नाम ले रहे हैं। भाजपा नेताओं का आरोप है कि शराब घोटाले में सबसे बड़ी मछली अरविंद केजरीवाल खुद हैं और देर-सबेर इस घोटाले में उनकी गिरफ्तारी होना भी तय है।
ईडी ने मनी लांड्रिंग के मामले में पिछले साल 30 मई को आप नेता सत्येंद्र जैन को गिरफ्तार किया था। उसके बाद इस साल फरवरी में मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी हुई और अब बुधवार को आप के प्रमुख नेता संजय सिंह को भी गिरफ्तार कर लिया गया है। ईडी की टीम ने बुधवार की सुबह नॉर्थ एवेन्यू स्थित संजय सिंह के आवास पर छापेमारी की थी। दिन भर चली पूछताछ के बाद उन्हें पीएमएलए के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार कर लिया गया। अब इस मामले को लेकर आप और भाजपा के बीच घमासान छिड़ गया है।