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Delhi MCD Election 2022: गढ़ बचाएंगे या गुजरात में जोर लगाएंगे केजरीवाल, एमसीडी चुनाव बढ़ाएगा आप नेता की दिक्कत

Delhi MCD Election 2022: गुजरात के विधानसभा चुनाव में केजरीवाल ज्यादा सक्रिय नजर आ रहे हैं। ऐसे में एमसीडी चुनाव का एलान उनकी मुश्किलें बढ़ाने वाला साबित होगा।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 4 Nov 2022 7:56 AM GMT
Delhi MCD Election 2022: गढ़ बचाएंगे या गुजरात में जोर लगाएंगे केजरीवाल, एमसीडी चुनाव बढ़ाएगा आप नेता की दिक्कत
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Delhi MCD Election 2022: हिमाचल प्रदेश के बाद गुजरात में भी विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। इस बीच आज एमसीडी (Delhi MCD Election) के चुनाव के ऐलान की संभावना जताई जा रही है। जानकारों का कहना है कि चुनाव आयोग की ओर से आज शाम बुलाई गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में एमसीडी के चुनाव की तारीखों का ऐलान किया जा सकता है। एमसीडी के चुनावों का ऐलान दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप के मुखिया अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) की दिक्कतें बढ़ाएगा।

दरअसल, केजरीवाल ने हिमाचल प्रदेश के साथ ही गुजरात के विधानसभा चुनाव में जोर लगा रखा है। विशेष रूप से गुजरात में वे ज्यादा सक्रिय नजर आ रहे हैं। पार्टी के अन्य नेताओं के साथ वे लगातार गुजरात का दौरा करने में जुटे हुए हैं। ऐसे में एमसीडी चुनाव का ऐलान उनकी मुश्किलें बढ़ाने वाला साबित होगा कि वे दिल्ली में अपना गढ़ बचाने के लिए जोर लगाएं या गुजरात के विधानसभा चुनाव पर फोकस करें। वैसे सियासी जानकारों की नजर में आप के लिए गुजरात से ज्यादा महत्वपूर्ण चुनाव दिल्ली का माना जा रहा है।

गुजरात चुनाव में लगा रखी है पूरी ताकत

पिछले कुछ महीनों के दौरान केजरीवाल गुजरात के सियासी अखाड़े में काफी सक्रिय रहे हैं। पंजाब में बड़ी जीत हासिल करने के बाद अब उनकी नजर गुजरात पर टिकी हुई है और चुनावी बाजी जीतने के लिए उन्होंने गुजरात के लोगों से तमाम बड़े वादे कर डाले हैं। गुजरात चुनाव की अहमियत उन्हें पता है और इसी कारण वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को उनकी सियासी पिच पर ही चुनौती देने की कोशिश में जुटे हुए हैं। पंजाब की तरह ही गुजरात में भी वे पार्टी के सीएम चेहरे का ऐलान करने वाले हैं।

गुजरात में केजरीवाल की चुनावी रैलियां और रोड शो में भीड़ उमड़ने से पार्टी चुनाव को लेकर काफी उत्साहित नजर आ रही है। पार्टी की ओर से लगातार भाजपा को चुनौती दी जा रही है। पार्टी के कुछ नेताओं का मानना है कि यदि आप भाजपा को पछाड़ने में कामयाब नहीं हुई तो भी वह कांग्रेस से आगे निकल सकती है। इसके बाद पार्टी को अपने इस दावे को पुष्ट करने में मदद मिलेगी कि आप ही भाजपा का विकल्प बनने में सक्षम है।

एमसीडी चुनाव में अपेक्षित सफलता नहीं

ऐसे में एमसीडी का के चुनाव की घोषणा आप नेताओं के लिए बड़ी दिक्कत पैदा करने वाली साबित हो सकती है। दिल्ली में एमसीडी का चुनाव आप के लिए काफी अहम माना जा रहा है। दिल्ली में हुए पिछले तीन विधानसभा चुनाव में आप ने जोरदार प्रदर्शन किया है मगर लोकसभा और एमसीडी के चुनाव में पार्टी को अभी तक अपेक्षित सफलता नहीं मिल सकी है।

इसी कारण पार्टी की ओर से एमसीडी में भी भाजपा को पछाड़ने की कोशिश की जा रही है। पार्टी की ओर से दिल्ली में नारा दिया गया है कि एमसीडी में भी केजरीवाल। पार्टी के लिए इस बार एमसीडी का चुनाव काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

एमसीडी चुनावों की घोषणा से बढ़ेगी दिक्कत

एमसीडी के चुनावों की घोषणा के बाद भाजपा की अपेक्षा आप की दिक्कतें बढ़ जाएंगी। भाजपा के पास नेताओं की लंबी चौड़ी फौज और संसाधन हैं। इसलिए भाजपा कई राज्यों में एक साथ चुनाव लड़ने में पूरी तरह सक्षम है जबकि आप के साथ ऐसी स्थिति नहीं है। आप के चुनाव प्रचार के लिए सबसे बड़ा चेहरा अरविंद केजरीवाल खुद हैं।

एमसीडी चुनाव का ऐलान केजरीवाल के लिए दिक्कत पैदा करने वाला होगा कि वह अपना गढ़ बचाने में ताकत लगाएं या गुजरात में भाजपा को सत्ता से बेदखल करने पर फोकस करें। हालांकि पार्टी सूत्रों की ओर से दावा किया जा रहा है कि पार्टी गुजरात और हिमाचल के साथ ही दिल्ली में भी पूरी दमदारी के साथ चुनाव लड़ने के लिए तैयार है।

Shashi kant gautam

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