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Delhi MCD Results: धुआंधार प्रचार के बावजूद इस कारण हारी भाजपा, ब्रांड केजरीवाल और हुआ मजबूत

Delhi MCD Results: दिल्ली एमसीडी पर भाजपा का पिछले 15 वर्षों से कब्जा रहा है मगर इस बार के चुनाव में केजरीवाल ने यह किला ढहा दिया है। इतने प्रचार प्रसार के बाद भी आखिर क्या ऐसी कमी रह गई?

Anshuman Tiwari
Published on: 7 Dec 2022 8:13 AM GMT
Delhi MCD Results
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Delhi MCD Results ( Image: Social Media) 

Delhi MCD Results: दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के चुनावों में आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपनी ताकत दिखा दी है। दिल्ली एमसीडी पर भाजपा का पिछले 15 वर्षों से कब्जा रहा है मगर इस बार के चुनाव में केजरीवाल ने यह किला ढहा दिया है। चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा के पास अपनी उपलब्धियों को गिनाने के लिए ज्यादा कुछ नहीं था। भाजपा नेता अपनी उपलब्धियों के नाम पर मतदाताओं को जो कुछ बता रहे थे, वह मतदाताओं के गले के नीचे पूरी तरह नहीं उतर सका।

दूसरी ओर आम आदमी पार्टी ने दिल्ली की गंदगी,आवारा पशु, एमसीडी की खस्ता हालत और कूड़े के पहाड़ को मुद्दा बनाकर भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। इन मुद्दों पर पार्टी को मतदाताओं का विशेष समर्थन हासिल हुआ। दिल्ली के कई इलाकों में गंदगी की समस्या गंभीर बनी हुई है मगर भाजपा इस समस्या का ठोस समाधान नहीं कर सकी। कई वार्डों में भाजपा की हार के पीछे इसे बड़ा कारण माना जा रहा है। दिल्ली एमसीडी में मिली इस जीत के बाद ब्रांड केजरीवाल को और मजबूती मिली है।

केजरीवाल के कद का नेता नहीं

दिल्ली में भाजपा के सामने एक बड़ी समस्या यह भी है कि पार्टी के पास अरविंद केजरीवाल के कद वाला कोई नेता नहीं है। राष्ट्रीय स्तर पर तो पार्टी के पास कई कद्दावर नेता हैं मगर पार्टी की दिल्ली यूनिट में केजरीवाल जैसा दमदार नेता नहीं है। दिल्ली में भाजपा के नेता मनोज तिवारी को केजरीवाल जैसा समर्थन नहीं हासिल है जबकि दिल्ली में भाजपा के अध्यक्ष आदेश गुप्ता का दिल्ली के विभिन्न वार्डों में कोई जनाधार नहीं दिखता।

इसे इसी बात से समझा जा सकता है कि आदेश गुप्ता अपने इलाके में भी कमल खिलाने में कामयाब नहीं हो सके। गौतम गंभीर और हंसराज हंस जैसे चेहरे केवल सेलिब्रिटी माने जाते हैं। दूसरी ओर अरविंद केजरीवाल लगातार दिल्ली के मतदाताओं से संपर्क बनाए रखते हैं। दिल्ली के मतदाताओं पर उनकी पकड़ लगातार मजबूत होती जा रही है।

मतदाताओं को साधने में मिली कामयाबी

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मतदाताओं को यह समझाने में कामयाब रहे कि दिल्ली को डबल इंजन की सरकार की दरकार है। वे हमेशा कहते रहे हैं कि एमसीडी में बहुमत मिलने के बाद दिल्ली का और तेजी से विकास किया जाएगा। सियासी जानकारों का मानना है कि केजरीवाल की ओर से दिया गया यह भरोसा भी आप की मजबूती और भाजपा की हार का बड़ा कारण बना है।

राजधानी होने के बावजूद दिल्ली के लोग रोजमर्रा की जिंदगी में तमाम समस्याओं का सामना कर रहे हैं। केजरीवाल ने व्यवसायियों को भी उनकी समस्याएं सुलझाने का भरोसा दिया है। इसके साथ ही उन्होंने दिल्ली के लोगों को कूड़े के ढेर और गंदगी से निजात दिलाने का भी वादा किया है। भाजपा इन समस्याओं का समाधान करने में कामयाब नहीं हुई थी और ऐसे में केजरीवाल लोगों का समर्थन हासिल करने में कामयाब रहे।

ब्रांड केजरीवाल को मिली और मजबूती

दिल्ली एमसीडी के नतीजों से ब्रांड केजरीवाल को और मजबूती मिली है। केजरीवाल मतदाताओं से संपर्क साधने में अपनी और पार्टी की कट्टर ईमानदार छवि का दावा करते रहे हैं। मतदाताओं से उनका कहना था कि दिल्ली सरकार पूरी ईमानदारी से दिल्ली के लोगों का जीवन स्तर सुधारने की कोशिश में लगी हुई है और एमसीडी चुनाव में जीत मिलने पर पूरी ईमानदारी के साथ और मजबूती से काम होगा।

अब दिल्ली के मतदाताओं ने एमसीडी के चुनाव में भी आप को विजयी बनाकर केजरीवाल के हाथ और मजबूत कर दिए हैं। दो राष्ट्रीय दलों भाजपा और कांग्रेस को हराकर केजरीवाल ने जिस तरह यह जीत हासिल की है,उससे ब्रांड केजरीवाल को और मजबूती मिली है।

एमसीडी की खस्ता हालत को भुनाया

पिछले 15 वर्षों के दौरान भाजपा एमसीडी की समस्याओं का भी समाधान नहीं कर सकी। एमसीडी कर्मचारियों को वेतन न मिलना और उनकी हड़ताल भी भाजपा के पतन का बड़ा कारण मानी जा रही है। दिल्ली के विभिन्न इलाकों में सड़कों की खस्ता हालत और एमसीडी स्कूलों की बदहाली भी भाजपा के खिलाफ गई है।

आप की ओर से इन मुद्दों को प्रमुखता से उठाया जाता रहा है। आप नेता गली-गली में कूड़े के ढेर और एमसीडी से जुड़े अन्य मुद्दों को लेकर भाजपा पर हमेशा हमलावर रहे हैं। माना जा रहा है कि इस कारण मतदाता इस बार बदलाव के मूड में दिखा और उसने आम आदमी पार्टी को व्यापक तौर पर समर्थन दिया है।

Snigdha Singh

Snigdha Singh

Leader – Content Generation Team

Started career with Jagran Prakashan and then joined Hindustan and Rajasthan Patrika Group. During her career in journalism, worked in Kanpur, Lucknow, Noida and Delhi.

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