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Delhi Narela Fire: मुंडका के बाद नरेला अग्निकांड से दहली राजधानी, दमकल की 10 गाड़ियां मौजूद

Delhi Narela Fire: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के नरेला में चप्पल फैक्ट्री में भीषण आग लग गई है, जिससे मौके पर हड़कंप मच गया।

Krishna Chaudhary
Report Krishna ChaudharyPublished By Shreya
Published on: 16 May 2022 10:08 PM IST (Updated on: 16 May 2022 10:54 PM IST)
Delhi Narela Fire: मुंडका के बाद नरेला अग्निकांड से दहली राजधानी, दमकल की 10 गाड़ियां मौजूद
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नरेला के चप्पल फैक्ट्री में आग (कॉन्सेप्ट फोटो साभार- सोशल मीडिया) 

Delhi Narela Fire: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली (Delhi) एक बार फिर अग्निकांड से दहल गई है। मुंडका (Mundka) के बाद अब नरेला (Narela) की चप्पल फैक्ट्री में भीषण आग लग गई है, जिससे मौके पर हड़कंप मच गया। फिलहाल मौके पर आग बुझाने की पूरी कोशिश की जा रही है, जिसके लिए दमकल की 10 गाड़ियां घटनास्थल पर मौजूद हैं। बता दें कि अभी दो दिन पहले ही नरेला में एक प्लास्टिक फैक्ट्री में भीषण आग लग गई थी।

देश की राजधानी दिल्ली इन दिनों फायर कैपिटल बनती जा रही है। इस साल मार्च माह से लेकर अब तक छोटी-बड़ी अनगिनत अगलगी की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। दिल्ल अभी मुंडका भीषण अग्निकांड से उबरी भी नहीं थी कि अब नरेला इंड्रस्टियल एरिया में एक फुटवियर फैक्ट्री में आग लग गई। आग बुझाने की कोशिश जारी है। फिलहाल आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है।

नरेला में बीते दो दिनों में अगलगी की ये दूसरी घटना है। इससे पहले 14 मई को प्लास्टिक दाना फैक्ट्री में आग लगने से हड़कंप मच गया था। स्थिति इतनी भयावह हो चुकी थी कि दमकल विभाग की 27 गाड़ियों को आग बुझाने के लिए आना पड़ा।

केजरीवाल सरकार पर उठ रहे सवाल

दिल्ली मॉडल का पूरे देश में ढोल पीटने वाली अरविंद केजरीवाल सरकार (Arvind Kejriwal Government) दिल्ली को फायर कैपिटल बनने से नहीं रोक पा रही है। भलस्वा डंपिंग यार्ड से लेकर मुंडका और फिर अब नरेला में अगलगी की घटनाएं थमती नजर नहीं आ रही हैं। ऐसे में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी सरकार पर सवाल खड़े होने लगे हैं।

विपक्ष सवाल पूछ रहा है कि मुंडका में आग लगने के तकरीबन एक घंटे के बाद दिल्ली सरकार के नियंत्रण वाले अग्निशमन विभाग की गाड़ियां क्यों पहुंची? अग्निशमन विभाग को आधुनिक यंत्र मुहैया कराने के दावे खोखले निकले, घटना वाल दिन बहुमंजिला इमारत में आग बुझाने के लिए गए कर्मचारियों के पास क्रेन नहीं थी, जिसके कारण लोगों को बाहर निकालने में दिक्कत हुई। दिल्ली में जेनरेटर चलाने पर रोक के बावजूद आखिर कैसे इमारतों में इसका प्रयोग हो रहा है। इमारतों और फैक्ट्रीयों को अग्निशमन विभाग सारे नियम कायदे ताक पर रखकर अनापति प्रमाण जारी कर रहा है, जिसके कारण लगातार ऐसे भयानक हादसे सामने आ रहे हैं।

आग से निपटने का कोई ब्लूप्रिंट नहीं

अपने आप को देश का सबसे एक्टिव सरकार बताने वाली केजरीवाल सरकार दिल्ली में इतनी आग के घटनाओं के बावजूद अब तक इससे निपटने का कोई ब्लूप्रिंट सामने नहीं ला पाई है। अगर साल समय रहते जागी होती और दिल्ली में लगातार सामने आ रहे अगलगी घटनाओं से सचेत होती तो आज मुंडका में निर्दोष 27 आदमी जलकर मरे नहीं होते। दिल्ली सरकार को अब भी राजधानी के सभी व्यावसायिक इमारातों और फैक्ट्रियों में फायर सेफ्टी की जांच करनी चाहिए, ताकि भविष्य ऐसी घटनाओं की पुनरावृति न हो।

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