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Delhi-NCR Air Pollution : 'एक भी प्रावधान नहीं किया गया लागू', सुप्रीम कोर्ट ने CAQM को लगाई फटकार
Delhi-NCR Air Pollution : सुप्रीम ने शुक्रवार को दिल्ली-एनसीआर में बढ़ रहे वायु प्रदूषण के मामले को लेकर सुनवाई की।
Delhi-NCR Air Pollution : सुप्रीम ने शुक्रवार को दिल्ली-एनसीआर में बढ़ रहे वायु प्रदूषण के मामले को लेकर सुनवाई की। जस्टिस ओका ने सुनवाई के दौरान कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) को कड़ी फटकर लगाते हुए गंभीर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि CAQM ने अब तक एक भी नियम का पालन नहीं किया है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने बीते मंगलवार को दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए पराली जलाने पर अंकुश लगाने के लिए उठाए जा रहे कदमों पर सीएक्यूएम से रिपोर्ट मांगी थी।
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति अभय एस कोका और न्यायमूर्ति एजी मसीह की पीठ ने सुनवाई की। पीठ ने वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (CAQM) को कड़ी फटकार लगाई और कहा कि सीएक्यूएम को अस्तित्व में आए हुए लगभग तीन साल हो गए हैं, लेकिन अब तक जो अपेक्षित काम किया जाना था, उसे नहीं किया गया है।
पराली को लेकर अब तक क्या कार्रवाई हुई?
पीठ ने कहा कि जिन उद्देश्यों के लिए सीएक्यूएम का गठन किया गया था, उसे वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए अधिक सक्रिय होना चाहिए था। पीठ ने इस बात पर जोर दिया कि पराली जलाने पर रोक लगाने के लिए अब तक क्या कार्रवाई की गई है। पराली जलाने से बचने के लिए केंद्र सरकार की लागत पर जो उपकरण उपलब्ध कराए गए हैं, क्या जमीनी स्तर पर किसान उसका उपयोग कर रहे हैं या नहीं, इसे सुनिश्चित कराना चाहिए।
अगली सुनवाई तीन अक्टूबर को होगी
वहीं, सीएक्यूएम की ओर से पेश अतिरिक्त महाधिवक्ता (एएसजी) ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि अधिनियम-2021 के तहत गठित उपसमितियां हर तीन माह में बैठकें कर रही हैं और महत्वूर्ण कार्य भी सौंपे गए हैं। इस पर पीठ ने आश्चर्य व्यक्त किया और कहा कि तीन माह में सिर्फ एक बार बैठक करके उन कामों को कैसे पूरा कर रहे हैं? उन बैठकों में लिए गए निर्णयों और कार्यों का विवरण पेश करें। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले पर अगली सुनवाई तीन अक्टूबर को होगी।
हम खतरनाक मुहाने पर हैं, हर साल यही होता है
सुप्रीम कोर्ट ने सीएक्यूएम से कहा कि मुझे बताएं कि अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए कितने निर्देश जारी किए हैं, ये सब हवा में है या कुछ किया भी गया है। हमें आपके कागजों में कोई दिलचस्पी नहीं है, हमें एक भी निर्देश दिखाओ, जो जारी किया गया है। इसके जवाब में सीएक्यूएम ने कहा कि हमने समितियां बनाई हैं, इसके बाद 82 निर्देश और 15 परामर्श दिए हैं। हमने 19 हजार निरीक्षण किए और 10 हजार इकाइयों को बंद करने का आदेश दिया है। इस पर पीठ ने कहा कि क्या इससे समस्या का समाधान हो गया, जिसका हम रोज सामना कर रहे हैं। हम खतरनाक मुहाने पर हैं और हर साल यही होता है।
दिल्ली सरकार ने 21 सूत्रीय कार्यक्रम को किया लॉन्च
बता दें कि दिल्ली-एनसीआर सहित देश के अलग-अलग हिस्सों में हर साल अक्टूबर से दिसंबर तक वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर होता है, जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ता है। इस प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण पराली को माना जाता है। हालांकि दिल्ली सरकार ने बीते एक दिन पहले ही वायु प्रदूषण से निपटने के लिए 21 सूत्रीय कार्यक्रम को लॉन्च किया है। सरकार ने दिल्ली में ऑड-ईवन फॉर्मूला को लागू किया है। सड़कों की सफाई, फॉगिंग और धूल-रोधी अभियान सहित कई उपाय किए हैं।