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Delhi Air Pollution: दिल्ली एनसीआर में छाया घना कोहरा, दिवाली के पहले ही प्रदूषण की चपेट में NCR
Delhi Air Pollution: देश की राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्र और एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। नोएडा के कई क्षेत्रों में घना कोहरा छाया है।
Fog in New Delhi: देश की राजधानी दिल्ली और उसके आसपास के क्षेत्र और एनसीआर में वायु प्रदूषण ( Air pollution) का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। नोएडा के कई क्षेत्रों में घना कोहरा छाया है। एनसीआर के शहरों में सबसे खराब स्थिति गाजियाबाद और गुरुग्राम की है, जहां पर बुधवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक 226 पहुंच गया। इसी तरह गुरुग्राम शहर में भी AQI 200 के पार ही पहुंचा हुआ है। जबकि अभी प्रकाश पर्व दिवाली अभी बाकी है।
राजधानी दिल्ली से सटे राज्यों हरियाणा और उत्तर प्रदेश के अलावा पंजाब में भी धान की पराली जलाने की घटनाएं ज्यादा होती हैं। इन तीनों राज्यों में पराली जलाने की वजह से आने वाले दिनों में इसका असर से दिल्ली-एनसीआर की हवा में दिखाई देता है और हवा जहरीली हो जाती है।
दिल्ली-एनसीआर में छाया घना कोहरा
पराली जलाने की घटनाओं से दिल्ली-एनसीआर (Air Quality Index of Delhi NCR) में लोगों की सेहत पर बुरा असर देखने को मिलता है। लोग अभी से अक्टूबर महीने में ही आंखों में जलन की शिकायत भी करने लगे हैं । इसके पीछे स्माग को बताया जा रहा है। दिल्ली-एनसीआर में स्माग के चलते विजिबिलिटी भी कम हो गई है। तेज धूप नहीं होने से स्माग का असर ज्यादा नजर आ रहा है।
बारिश थमने के साथ वायु प्रदूषण का स्तर 200 के करीब पहुंचा
बता दें कि दिल्ली-एनसीआर में बारिश की वजह से तापमान गिर गया है और इसीके साथ ठंड ने भी दस्तक दे दिया है। मानसून के जाते ही दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता सूचकांक में बढ़ोतरी शुरू हो गई है। दिल्ली-एनसीआर में आनंद विहार, धौला कुआं, आश्रम, लाजपतनगर, पीरागढ़ी, मधुबन चौक, वजीराबाद और बदरपुर बार्डर में वायु प्रदूषण का स्तर 200 के करीब पहुंच रहा है।
दिल्ली-एनसीआर में डीजल जनरेटर पर प्रतिबंध लगेगा
दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण पर रोकथाम के मद्देनजर ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (graded response action plan) लागू कर दिया है। इसके तहत कई चरणों में प्रतिबंध लगाए जाएंगे। दरअसल, AQI 300 के पार जाते ही दिल्ली-एनसीआर में डीजल जनरेटर पर प्रतिबंध लग जाएगा।
बीते साल बना था प्रदूषण का रिकार्ड
बता दें कि 2021 में नवंबर के बाद दिसंबर में भी दिल्ली के प्रदूषण ने नया रिकार्ड बनाया था। नवंबर जहां पिछले छह सालों में सर्वाधिक प्रदूषित रहा था वहीं दिसंबर में पिछले सात सालों के दौरान पहली बार ऐसा हुआ, जबकि दिल्ली वासियों को लगातार छह दिनों तक जहरीली हवा में सांस लेनी पड़ी।
साल के अगस्त महीने के 31 में से एक भी दिन साफ हवा नहीं मिली। औसत एक्यूआइ की बात करें तो 2015 में यह सबसे कम 298 रहा था और 2016 में 364 यानी सर्वाधिक। 2017 में यह 314, 2018 में 358, 2019 में 336, 2020 में 332 और 2021 में 336 रहा।