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Air Pollution in Delhi: दिल्ली-एनसीआर में छाया स्मॉग, वायु प्रदूषण का स्तर बढ़ा, हालत गंभीर
Air Pollution in Delhi: तमाम प्रयासों और कोशिशों के बावजूद दिल्ली –एनसीआर भयानक वायु प्रदूषण की चपेट में है। दिल्ली पिछले कई सालों से बिना पटाखों के दिवाली मना रही है।
New Delhi: तमाम प्रयासों और कोशिशों के बावजूद दिल्ली –एनसीआर भयानक वायु प्रदूषण (air pollution) की चपेट में है। प्रदूषण पर नियंत्रण के चलते दिल्ली पिछले कई सालों से बिना पटाखों के दिवाली (Diwali 2022) मना रही है। इसबार भी ऐसा ही होने जा रहा। आज यानी सोमवार 24 अक्टूबर को दीपावली है और पटाखों को लेकर दिल्ली सरकार ने सख्त नियम कानून बनाए हैं। इन सबके बावजूद दिल्ली में स्मॉग छाया हुआ है। राष्ट्रीय राजधानी का एक्यूआई खराब श्रेणी में पहुंच चुका है।
हवा की गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान बताने वाली एजेंसी SAFAR के मुताबिक, दिवाली की पूर्व संध्या पर एयर क्वालिटी इंडेक्स 276 दर्ज किया गया। शनिवार को ये एक्यूआई 251 दर्ज किया गया था। दिल्ली में एयर क्वालिटी खराब होने के कारण कुछ हिस्सों में कोहरा छाया रहा, जिसके कारण विजिबिलिटी काफी कम रही और वाहनों की आवाजाही में लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
डीयू सबसे प्रदूषित इलाका
SAFAR के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी का दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) वाला इलाका लगातार दूसरे दिन वायु प्रदूषण में अव्वल रहा। रविवार शाम एक्यूआई 319 यानी बहुत खराब श्रेणी की दर्ज की गई। हालांकि, शनिवार के मुकाबले ये कुछ कम रही। शनिवार को डीयू क्षेत्र में एयर क्वालिटी इंडेक्स 327 था। वहीं, बात करें दिल्ली से सटे नोएडा की तो देर शाम यहां का एक्यूआई 309 दर्ज किया गया।
एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) का क्या है गणित
एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) वातावरण में वायु प्रदूषण के स्तर को जांचने का एक पैमाना है। शून्य से 50 के बीच एक्यूआई अच्छा होता है, 51 से 100 के बीच संतोषजनक, 101 और 200 पर मध्यम, 201 और 300 खराब, 301 और 400 बहुत खराब, 401 से 500 के बीच एक्यूआई को सबसे खराब और चिंताजनक माना जाता है।
दिल्ली सरकार ने सर्दियों में वायु प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए 15 प्वाइंट विंटर एक्शन प्लान की योजना बनाई है। इनमें धूल से होने वाले प्रदूषण पर नियंत्रण, पराली प्रबंधन, पटाखों पर अंकुश और खुले में कचरा जलाने पर पाबंदी सहित अन्य मुद्दे शामिल हैं। परिवहन मंत्री गोपाल राय का कहना है कि 39 प्रतिशत प्रदूषण की वजह लोकल है।