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अभी-अभी शाहीन बाग में कश्मीरी पंडितों के साथ हुई जमकर हाथापाई, मची भगदड़

दक्षिणी दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ प्रदर्शन चल रहा है। रविवार को कुछ कश्मीरी पंडित भी शाहीन बाग पहुंचे और 'कश्मीरी पंडितों को न्याय दो' जैसे नारे लगाए।

Aditya Mishra
Published on: 19 Jan 2020 2:39 PM GMT
अभी-अभी शाहीन बाग में कश्मीरी पंडितों के साथ हुई जमकर हाथापाई, मची भगदड़
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नई दिल्ली: दक्षिणी दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ प्रदर्शन चल रहा है। रविवार को कुछ कश्मीरी पंडित भी शाहीन बाग पहुंचे और 'कश्मीरी पंडितों को न्याय दो' जैसे नारे लगाए। इस दौरान प्रदर्शनकारियों और कश्मीरी पंडितों के बीच हाथापाई हो गई।

घाटी से जबरन बेदखल करने के बाद, पिछले 30 वर्षों से अपनी खुद की दुर्दशा को उजागर करने और अपने लिए समर्थन जुटाने कश्मीरी पंडित रविवार को शाहीन बाग में जुटे।

एक कश्मीरी कार्यकर्ता सतीश महालदार ने मीडिया से बातचीत में कहा, "शाहीन बाग में सीएए को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों ने 'जश्न-ए-शाहीन' कार्यक्रम के आयोजन की घोषणा की है। इसी दिन 30 साल पहले कश्मीरी पंडितों को घाटी छोड़ने पर मजबूर किया गया था. हम यह सुनिश्चित करेंगे की यह कार्यक्रम न हो।"

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'गीतों के नाम एक शाम' का आयोजन

शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों से कश्मीरी पंडित अपने लिए समर्थन मांग रहे हैं। नागिरिकता संशोधन कानून के विरोध का जश्न मनाने के लिए प्रदर्शनकारियों की ओर से रविवार को 'जश्न-ए-शाहीन' कार्यक्रम की घोषणा की गई है, जिसमें कविता और गीतों के नाम एक शाम का आयोजन किया जाएगा। कश्मीरी पंडितों और ट्विटर के एक वर्ग ने इस आयोजन को 'कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार' के तहत मनाने की बात कही है।

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धरना-प्रदर्शन जारी

शाहीन बाग में पिछले एक महीने से धरना प्रदर्शन जारी है। दिल्ली पुलिस सीएए के खिलाफ शाहीन बाग में प्रदर्शन कर रही महिलाओं से सड़क खाली करने की अपील कर चुकी है।

मगर प्रदर्शनकारी महिलाएं हटने को तैयार नहीं हैं। शाहीन बाग के 13 नंबर रोड पर बैठे लोगों को उठाने के लिए पुलिस बीच का रास्ता निकालने में जुटी है। इसे लेकर शाहीन बाग थाने में स्पेशल सीपी इंटेलिजेंस प्रवीण रंजन और डीसीपी चिन्मय बिस्वाल भी पहुंचे।

एक मीटिंग की गई जिसमें विरोध प्रदर्शन से जुड़े बड़े लोगों को बुलाया गया। इसके बाद उनको समझाने की कोशिश की गई ताकि रोड पर बैठे लोग को उठाया जा सके.लेकिन पुलिस की यह कवायद नाकाम रही।

Aditya Mishra

Aditya Mishra

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