TRENDING TAGS :
Delhi University: डीयू में ग्रेजुएशन की पढ़ाई हुई महंगी, अब छात्रों को इन सुविधाओं के लिए देनी होगी बढ़ी फीस
इस बार स्नातक कोर्स के दौरान छात्रों को पहले से बढ़ी फीस देनी होगी। यह फीस दिल्ली विश्वविद्यालय के विकास शुल्क, सर्विस चार्ज के रूप में बढ़ाई है। नई दरें मौजूदा सत्र से लागू होंगी।
DU UG Courses Fees Increased : क्या आपने भी कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (Common University Entrance Test) या CUET दिया है? और दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) के अंडर ग्रेजुएट कोर्सेज (Delhi University UG Courses) में दाखिला लेना चाहते हैं, तो ये खबर आपके लिए ही है। डीयू कई मदों की फीस बढ़ाने जा रहा है। जिससे आने वाले समय में दिल्ली यूनिवर्सिटी में स्नातक पाठ्यक्रम महंगी हो जाएगी।
यह नियम नए अकादमिक सत्र (Academic Session 2022-23) से लागू होगा। इस बार स्नातक कोर्स के दौरान छात्रों को पहले से बढ़ी फीस देनी होगी। यह फीस दिल्ली विश्वविद्यालय के विकास शुल्क तथा सर्विस चार्ज (DU Development Fees and Service Charge) के रूप में बढ़ाई गई है। नई दरें मौजूदा सत्र से लागू होंगी।
जानें किन मदों में DU ने बढ़ाया शुल्क
आपको बता दें कि, ऐसा पहली बार हो रहा है जब शारीरिक रूप से विकलांग (Physically Handicapped) विद्यार्थियों के लिए बने कोष के तहत 100 रुपए शुल्क लिया जा रहा है। इसके अलावा, छात्रों को नए सत्र में विश्वविद्यालय सुविधा और सेवा शुल्क (University Facility and Service Charge) के रूप में 500 रुपए देने होंगे। ज्ञात हो कि, डीयू ने इस बारे में सभी कॉलेजों को पहले ही सूचित कर दिया है। मौजूदा सत्र में एडमिशन लेने वाले छात्रों से नई व्यवस्था के अनुसार ही फीस लिए जाएंगे।
कहां कितना शुल्क बढ़ा?
दिल्ली यूनिवर्सिटी (Delhi University) का कहना है कि ट्यूशन फीस (DU Tuition Fees) में किसी तरह की कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है। डीयू, कॉलेज डेवलपमेंट फंड (College Development Fund) के तहत पहले हर स्टूडेंट से 600 रुपए लेता था। अब उसे बढ़ाकर 900 रुपए कर दिया गया है। आपको बता दें कि, पहली बार दिल्ली विश्वविद्यालय ने कमजोर वर्ग सहायता कोष (Weaker Section Support Fund) बनाया है। इस मद में भी छात्रों को 100 रुपए जमा करने होंगे।
DU में कुल मिलाकर कितनी फीस बढ़ी :
मोटे तौर पर कहा जाए तो पहले विभिन्न मदों में स्टूडेंट्स से 900 रुपए लिए जाते थे, जो अब बढ़कर 1600 रुपए हो गया है। इसी तरह, पहले विकास शुल्क (Development Fee) के रूप में 600 रुपए, एनरोलमेंट के लिए 200 रुपए तथा एनएसएस (NSS) के लिए 50 रुपए और कल्चर शुल्क (Culture Fee) के रूप में 20 रुपए लिए जाते थे।