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POK News: POK में पाकिस्तान के खिलाफ बड़ा प्रदर्शन, भारत के साथ मिलाने की मांग, पाक हुकूमत पर दमन और शोषण का आरोप
POK News: पाकिस्तान की सरकार की भेदभावपूर्ण और दमनकारी नीतियों के खिलाफ यहां के लोगों ने विरोध का झंडा बुलंद कर दिया है। उनकी मांग है कि इस इलाके को भारत के केंद्र शासित क्षेत्र लद्दाख के साथ मिलाया जाए।
POK News: पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) के लोगों ने आर्थिक रूप से कंगाल हो चुके पाकिस्तान की हुकूमत की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। पीओके के सबसे उत्तरी इलाके गिलगित बालटिस्तान के लोग पिछले कई दिनों से लगातार पाकिस्तान के खिलाफ प्रदर्शन करने में जुटे हुए हैं। पाकिस्तान की सरकार की भेदभावपूर्ण और दमनकारी नीतियों के खिलाफ यहां के लोगों ने विरोध का झंडा बुलंद कर दिया है। उनकी मांग है कि इस इलाके को भारत के केंद्र शासित क्षेत्र लद्दाख के साथ मिलाया जाए।
गिलगित बालटिस्तान के लोगों का आरोप है कि पाकिस्तान की सरकार ने दशकों तक क्षेत्र के साथ भेदभाव किया है और उनकी समस्याओं को सुलझाने की कोई कोशिश नहीं की गई। सोशल मीडिया पर इस तरह के कई वीडियोज सामने आए हैं जिसमें गिलगित बालटिस्तान के लोग सड़कों पर उतर कर पाकिस्तान सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन कर रहे हैं। आर्थिक संकट के कारण पाकिस्तान पहले ही गहरी मुसीबतों में घिरा हुआ है और अब पीओके से उठी इस मांग ने पाकिस्तान सरकार की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।
लद्दाख के कारगिल जिले में शामिल करने की मांग
पाकिस्तान सरकार की नीतियों के खिलाफ गिलगित बालटिस्तान में पिछले कई दिनों से लगातार प्रदर्शन चल रहा है। इलाके के लोगों का आरोप है कि पाकिस्तान की हुकूमत ने उनकी जमीनों पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया है। उनकी मांग है कि इन कब्जों को तत्काल खाली किया जाए। इसके साथ ही क्षेत्र के प्राकृतिक संसाधनों का दोहन रोकने की भी मांग की गई है। उनका आरोप है कि बेतहाशा महंगाई के कारण वे रोजमर्रा की चीजें और खाने-पीने के सामान खरीदने में असमर्थ हैं। इसलिए पाकिस्तान की सरकार की ओर से उन्हें सब्सिडी मुहैया कराई जानी चाहिए।
गिलगित बालटिस्तान के लोगों ने हाल में एक बड़ी रैली का आयोजन भी किया। इस रैली में वक्ताओं ने मांग की कि भारत के साथ व्यापार के लिए कारगिल की सड़क को फिर से खोला जाए और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के कारगिल जिले में इस इलाके को फिर से शामिल किया जाए। इस रैली में काफी संख्या में लोगों ने हिस्सा लिया। रैली में मौजूद लोगों के तेवर से साफ है कि इलाके में पाकिस्तान की सरकार के खिलाफ लोगों में भारी गुस्सा है।
जमीनों पर कब्जे को लेकर जबर्दस्त नाराजगी
जानकारों का कहना है कि गिलगित बालटिस्तान के लोगों में प्राकृतिक संसाधनों के दोहन और जमीनों पर अवैध कब्जे को लेकर जबर्दस्त नाराजगी है। पाकिस्तानी सेना की ओर से इलाके की जमीनों पर कब्जे की बात पहले भी सामने आती रही है। जमीनों पर कब्जे को लेकर स्थानीय लोगों और पाकिस्तान की सरकार के बीच लंबे समय से टकराव बना हुआ है। स्थानीय लोगों की ओर से जमीनों पर दावेदारी जताई जा रही है जबकि पाकिस्तान सरकार का तर्क है कि जो जमीन किसी को नहीं दी गई है, वह पाकिस्तान सरकार की है।
पाकिस्तान सरकार और सेना के खिलाफ इलाके में पिछले साल के अंत में ही प्रदर्शन का दौर शुरू हो गया था और अभी भी लगातार पाकिस्तान की हुकूमत के खिलाफ प्रदर्शन हो रहा है। पाकिस्तान सरकार की ओर से इलाके की जमीन गुपचुप तरीके से चीन को सौंपने की तैयारी की जा रही है। खनिजों के मामले में इस इलाके को काफी संपन्न माना जाता रहा है। जानकारों का कहना है कि चीन की ओर से इलाके में खनन का काम शुरू किया जा सकता है और इस कारण भी लोगों में भारी नाराजगी दिख रही हो।
पाकिस्तान सरकार के लिए नई मुसीबत
पाकिस्तान का आर्थिक संकट भी इलाके के लोगों के लिए बड़ी मुसीबत बन गया है। पाकिस्तान में महंगाई बेतहाशा बढ़ चुकी है और रोटी, दाल, चीनी और चाय पीना भी मुहाल हो गया है। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर का इलाका भी इस समस्या से अछूता नहीं है। कीमतों के आसमान पर पहुंच जाने के कारण स्थानीय लोग भी परेशान हैं और पाकिस्तान सरकार के खिलाफ गुस्सा जता रहे हैं।
इलाके के लोगों का मानना है कि इस इलाके में इमरान खान की पार्टी पीटीआई की सत्ता है। इसलिए देश की शहबाज शरीफ सरकार की ओर से इलाके के लोगों के साथ सौतेला बर्ताव किया जा रहा है। इलाके के लोगों की नाराजगी लगातार बढ़ती जा रही है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में पाक अधिकृत कश्मीर का यह इलाका पाकिस्तान की हुकूमत के लिए और बड़ी समस्या बन जाएगा।