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ट्रैक्टर रैली क्यों: किसानों के नेताओं के पास नहीं जवाब, तैयारी में जुटे हैं सब
मीडिया में आ रही रिपोर्टों में किसानों का कहना है कि ट्रैक्टर रैली का फैसला हमने तीन हफ्ते पहले से ले लिया था। हम शांतिपूर्वक रैली निकालने पर अटल है। यह रैली शांतिपूर्वक होगी।
रामकृष्ण वाजपेयी
लखनऊ: पूरा देश क्या पूरा विश्व इस बार गणतंत्र दिवस परेड के साथ किसानों का ट्रैक्टर रैली के जरिये शक्ति प्रदर्शन देखेगा। पंजाब, बीकेयू (उग्राहन) और किसान मजदूर संघर्ष समिति के 32 किसान संघों के ट्रैक्टर दिल्ली के लिए रवाना हो गए हैं। 50 हजार से अधिक ट्रैक्टर दिल्ली की तरफ बढ़ रहे हैं। क्या देश की दुनिया भर में बदनामी कराने का कोई औचित्य है। यह सही है कि गणतंत्र दिवस मनाने की सबको आजादी है। सब मिलकर मनाएं लेकिन स्वतंत्रता दिवस या गणतंत्र दिवस को तो विरोध प्रदर्शन से परे रखा ही जाना चाहिए। वरना सीएए का विरोध करते हुए दिल्ली में शाहीन बाग में प्रदर्शन करने वालों और देश के माटी के पुत्रों में फर्क क्या रह जाएगा।
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किसानों को गुमराह किया जा रहा है
अब तो ये स्पष्ट रूप से लगने लगा है कि किसानों को गुमराह किया जा रहा है। इसके लिए केंद्र सरकार भी कम जिम्मेदार नहीं है। उसके मंत्रियों ने शुरुआत से ही असल मुद्दे पर बात न करके किसानों की खिल्ली उड़ाने, उनके धरने को राजनीतिक बताने, दो राज्यों के किसानों का प्रदर्शन बताने, प्रदर्शनकारियों को खालिस्तान का समर्थक बताने और अलगाववादी ताकतों का इस प्रदर्शन के पीछे हाथ होने जैसी तमाम बातें कहीं। दिल्ली सरकार ने अपने स्वार्थों की खातिर दिल्ली सीमा पर किसानों का भरपूर समर्थन किया।
tractor rally (PC: social media)
कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और आम आदमी पार्टी किसानों के प्रदर्शन में अपनी रोटियां सेकने के लिए इसे बढ़ावा दे रही हैं। लेकिन एक सवाल का जवाब प्रदर्शन कर रहे किसान संगठन नहीं दे पा रहे हैं कि ट्रैक्टर रैली से उन्हें हासिल क्या होगा। वह यह रैली निकाल ही क्यों रहे हैं। अब तो ये लगने लगा है कि 26 जनवरी के इस ट्रैक्टर रैली इवेंट के बाद किसानों का जोश ठंडा पड़ जाएगा और आंदोलन अपनी मौत खुद मर जाएगा।
ट्रैक्टर रैली का फैसला हमने तीन हफ्ते पहले से ले लिया था
मीडिया में आ रही रिपोर्टों में किसानों का कहना है कि ट्रैक्टर रैली का फैसला हमने तीन हफ्ते पहले से ले लिया था। हम शांतिपूर्वक रैली निकालने पर अटल है। यह रैली शांतिपूर्वक होगी। हम किसी सरकारी संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। गणतंत्र दिवस परेड में कोई गतिरोध पैदा नहीं करेंगे। रैली में सिर्फ ट्रैक्टर रहेंगे, ट्राली नहीं।
ट्रैक्टर रैली को किसान शक्ति प्रदर्शन कहने से भी कतरा रहे हैं। उनका कहना है हमने पंजाब में शक्ति प्रदर्शन किया है। दिल्ली में दो महिने से बैठे हुए हैं। हमारा शक्ति प्रदर्शन दुनिया जानती है।
दिल्ली में 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर रैली पर फिलहाल कुछ भी साफ नहीं है। किसान नेता कह रहे हैं पुलिस ने रैली की इजाजत दे दी है, जबकि पुलिस का कहना है कि उसे किसानों के लिखित रूट का इंतजार है।
tractor rally (PC: social media)
26 जनवरी को किसान परेड होगी
स्वराज इंडिया पार्टी के संस्थापक योगेंद्र यादव ने दावा किया है कि 26 जनवरी को किसान परेड होगी। 26 जनवरी के दिन दुनिया इसे देखेगी। पंजाब, हरियाणा और यूपी के अलग-अलग इलाकों में भी किसानों से 26 जनवरी की ट्रैक्टर परेड में आने की अपील की जा रही हैं।
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जगह जगह से ट्रैक्टरों का जत्था दिल्ली के लिए कूच कर रहा है। जिस तरह से किसान नेता दावे कर रहे हैं उससे लगता है क्या दिल्ली को ट्रैक्टरों से पाट देने का इरादा है। कुल मिलाकर किसानों का यह रुख आम आदमी और कानून व्यवस्था के लिए लिए कहीं न कहीं चुनौती खड़ी कर रहा है। गणतंत्र दिवस पर सुरक्षा एजेंसियों के लिए किसानों की ट्रैकटर रैली किसी बड़े इम्तिहान से कम नहीं है।
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