डेरे से गाडिय़ों में नकदी और सामान कहां गया, यह जांच रिपोर्ट में क्यों नहीं

Rishi
Published on: 6 Feb 2018 4:59 PM GMT
डेरे से गाडिय़ों में नकदी और सामान कहां गया, यह जांच रिपोर्ट में क्यों नहीं
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नीलमणि लाल नीलमणि लाल

चंडीगढ़ : हरियाणा में हिंसा के बाद हुई डेरा सच्चा सौदा सिरसा की जांच पर सवाल उठ गए हैं। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में कोर्ट मित्र अनुपम गुप्ता ने जांच करने वाले कोर्ट कमिश्नर की जांच पर सवाल उठाए हैैं। हाईकोर्ट ने भी कड़ा रुख अपनाते हुए कुछ मुद्दों पर जहां सरकार से जवाबतलब किया है, वहीं कोर्ट कमिश्नर को अपनी रिपोर्ट को री-एग्जामिन करने के निर्देश दिए हैं। यह रिपोर्ट दो सप्ताह में देने के लिए कहा गया है।

हरियाणा सरकार ने रिटायर्ड सेशन जज एकेएस पंवार की अगुवाई में डेरा सच्चा सौदा सिरसा में जांच कराई थी। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने ही पंवार को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया था। हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा कि डेरा सच्चा सौदा सिरसा के मुख्यालय से सामान और नकदी की दो-तीन गाडिय़ा निकलने की बात सामने आई है, वह कहां गई। जांच रिपोर्ट में ऐसा कोई उल्लेख नहीं किया गया है।

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कोर्ट मित्र ने आरोप लगाया कि जांच लचीले तरीके से की गई है। सुनवाई के दौरान डेरे की तरफ से दाखिल याचिका पर भी सवाल उठाए गए। पीठ ने कहा कि हमारा काम यह देखना है कि जांच सही हो। कोर्ट ने कहा कि अगर इस स्टेज पर हम जांच एजेंसी बदलते गए तो राज्य पर दबाव बढ़ेगा।

एडवोकेट जनरल ने पेश की विशेष जांच दल की रिपोर्ट

हाईकोर्ट में मौजूद हरियाणा के एडवोकेट जनरल बलदेव राज महाजन ने विशेष जांच दल की रिपोर्ट कोर्ट में पेश की। उन्होंने बताया कि 203 केस में चालान पेश कर दिया गया है। कुल केस 240 है। पीठ ने 25 अगस्त 2017 को घटना वाले दिन 25 गुमशुदा लोगों की पूरी जानकारी भी देने का विशेष जांच दल को आदेश दिया है।

आदित्य इंसा के गिरफ्तार नहीं होने पर पुलिस को फटकार

पीठ ने डेरे में क्षतिग्र्रस्त हालत में मिली 65 हार्डडिस्क से डाटा रिकवरी व इन हार्ड डिस्क को नष्ट करने पर भी सरकार से जवाब तलब किया गया। हिंसा के मुख्य अभियुक्त आदित्य इंसा के अभी तक भी गिरफ्तार न होने पर कोर्ट ने पुलिस को फटकार लगाई। हाईकोर्ट इस मामले में पहले भी तल्ख टिप्पणी कर चुका है।

सुनवाई के दौरान डेरा सच्चा सौदा में इमारतों के निर्माण और बिल्डिंग बाइलॉज के मुद्दे भी उठे और कहा गया कि इस मामले में उल्लंघन की बात सामने आई है। वहां कई निर्माण अवैध पाए गए। यह सुनकर पीठ ने टाउन एंड कंट्री प्लानिंग विभाग और स्थानीय निकाय विभाग के सचिव से पूछा कि डेरे में इन इमारतों को किस आधार पर नियमों में छूट मिली थी। इनके अलावा और किन संस्थाओं को इस तरह की छूट मिली है। अगर यह नियमों को दरकिनार कर बनी हैं तो दोषी अधिकारियों के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई है।

डेरे के अस्पताल में अवैध गतिविधियों को लेकर पीठ ने सिरसा के सिविल सर्जन को आदेश दिए कि वह अगली सुनवाई पर इस बारे में जांच कर अपनी रिपोर्टं पेश करें। इस दौरान पीठ को बताया गया कि डेरा में स्किन बैंक की भी जांच की गई थी और यह भी अवैध पाया गया।

सुनवाई में डेरे से बरामद नष्ट की गई पेन ड्राइव, हार्ड डिस्क व अन्य डिजिटल प्रमाणों लेकर भी सवाल हुए। कहा गया कि यह अहम तथ्य हो सकते हैं। इस पर पीठ ने नष्ट हुए डाटा को जल्द से जल्द रिकवर करने के निर्देश भी फोरेंसिक साइंस लैब को दिए और अगली सुनवाई पर रिपोर्ट देने को कहा गया।

मनी लांड्रिंग की जांच सीबीआइ को संभव

हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से भी पूछा है कि क्यों न डेरे के मनी लांड्रिंग मामले की जांच सीबीआइ की आर्थिक अपराध शाखा को दे दी जाए। केंद्र से इस पर अगली सुनवाई पर जवाब मांगा गया है। इस दौरान पीठ के सामने यह बात लाई गई कि डेरा मुखी गुरमीत राम रहीम द्वारा बनाई गई फिल्मों में मनी लांड्रिंग से जुटाए पैसे लगाए जाते थे। बाद में फिल्म रिलीज होने पर खुद ही टिकट खरीद कर अपने समर्थकों को फिल्म दिखा दी जाती थी।

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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