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चाहे नोटबंदी हो या जीएसटी, मोदी के मंत्री हमेशा गोलपोस्ट बदलते रहे

Gagan D Mishra
Published on: 21 Nov 2017 12:02 PM GMT
चाहे नोटबंदी हो या जीएसटी, मोदी के मंत्री हमेशा गोलपोस्ट बदलते रहे
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नई दिल्ली: तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद डेरेक ओब्रायन ने कहा है कि चाहे वह आधार हो या नोटबंदी, मोदी सरकार के मंत्री जब कभी भी बाधा आती है तो गोलपोस्ट बदलते रहे हैं। अपनी हालिया किताब 'इनसाइड पार्लियामेंट' में तृणमूल सांसद ने प्रसंगों व उनकी जटिलताओं के बारे में लिखा है, जिसके वह गवाह रहे हैं और वह देश के सबसे बड़े लोकतंत्र के मदिर में अक्सर भाग लेते हैं।

अपनी किताब के एक अध्याय में उन्होंने हैरानी जताई है कि किस तरह से केंद्रीय मंत्रियों ने अपने (अपनी सरकार के) पहले के बयान से यू-टर्न ले लिया, इसमें नोटबंदी व निजता के अधिकार जैसे मुद्दे शामिल हैं।

उन्होंने कहा है कि राजनेता धोखाधड़ी वाले तथ्यों को फैलाने के लिए किसी तरह के दंड का सामना नहीं करते हैं।

उन्होंने कहा, "सर्वोच्च अदालत द्वारा निजता के अधिकार को मूल अधिकार ठहराए जाने के कुछ घंटों बाद इलेक्ट्रॉनिक्स व आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने ट्वीट किया कि यह भाजपा सरकार के विचार के अनुरूप है।"

ओब्रायन ने लिखा, "उन्होंने इसे बाद में एक संवाददाता सम्मेलन में भी दोहराया।"

उन्होंने कहा, "मैं हक्का-बक्का रह गया था। यह भारत सरकार के रुख से पूरी तरह विपरीत था। मामले की सुनवाई में महान्यायवादी ने भारत सरकार का पक्ष रखा था। न्यायमूर्ति रोहिंटन फली नरीमन ने अपना विचार रखते हुए कहा था कि महान्यायवादी ने संविधान सभा के विवरण का हवाला देते हुए कहा कि संविधान के निर्माताओं ने निजता के अधिकार को खारिज कर दिया था।"

उन्होंने लिखा, "तो क्या मंत्री प्रसाद अदालत में सरकार की हार को एक मोड़ देने का प्रयास कर रहे थे? मैं कहूंगा कि वह सच्चाई के ठीक विपरीत रहे।"

उन्होंने कहा कि इस मामले के पीछे का कारण सरकार का वह तर्क था, जिसमें कहा गया था कि निजता कोई मौलिक अधिकार नहीं है।

--आईएएनएस

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