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नोटबंदी के बाद मार्च 2018 तक करीब 1.5 अरब मूल्य के पुराने नोट किये गये नष्ट: रिपोर्ट
नीमचः भारतीय रिजर्व बैंक ने सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत बताया है कि इस साल मार्च तक नोटबंदी के बाद वापस आए कुल 15,310.73 अरब रुपये मूल्य के पुराने नोटों को नष्ट कर दिया है। लेकिन केंद्रीय बैंक ने आरटीआई कानून के एक प्रावधान का हवाला देते हुए यह बताते से मना कर दिया है कि 500और 1,000 रुपये के बंद हो चुके नोटों को नष्ट करने में सरकारी खजाने ने कितनी रकम खर्च की है।
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मध्य प्रदेश के नीमच निवासी आरटीआई कार्यकर्ता चंद्रशेखर गौड़ ने ये आरटीआई डाली थी। चंद्रशेखर गौड़ ने बताया कि उन्होंने नोटबंदी के बाद पुरानें नोटों को नष्ट करने में खर्च हुई सरकारी रकम और कुल वापस हुए नोटों के मूल्यों की जानकारी मांगी थी।
आरबीआई के मुद्रा प्रबंध विभाग से 29 अक्टूबर को चंद्रशेखर को एक पत्र मिला,जिससे विमुद्रित बैंक नोटों को नष्ट किए जाने के बारे में जानकारी मिली। गौड़ के मुताबिक उनकी आरटीआई अर्जी पर आरबीआई के एक आला अधिकारी ने जवाब दिया कि मुद्रा सत्यापन एवं प्रसंस्करण प्रणाली सीवीपीएस की मशीनों के जरिये 500एवं 1,000 रुपये के बंद किए गए बैंक नोटों को नष्ट किया गया। यह प्रक्रिया मार्च के अंत तक खत्म हुई।
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आरटीआई के तहत यह भी बताया गया कि आठ नवंबर, 2016 को जब नोटबंदी की घोषणा की गई, तब आरबीआई के सत्यापन और मिलान के मुताबिक 500 और 1,000 रुपये के कुल 15,417.93 अरब रुपये मूल्य के नोट चलन में थे। नोटबंदी के बाद इनमें से 15,310.73 अरब रुपये मूल्य के नोट बैंकिंग प्रणाली में लौट आए।
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आरटीआई के जवाब से इस खबर की पुष्टि हो गई कि नोटबंदी के बाद केवल 107.20 अरब रुपये मूल्य केपुराने नोट बैंकों के पास वापस नहीं आ सके।