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धर्म नगरी पर सांप्रदायिक हिंसा की काली छाया, अवैध संबंधों के चलते युवक की हत्या

Newstrack
Published on: 13 Oct 2017 11:06 AM GMT
धर्म नगरी पर सांप्रदायिक हिंसा की काली छाया, अवैध संबंधों के चलते युवक की हत्या
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ऋषिकेश: धर्मनगरी ऋषिकेश पर भी सांप्रदायिक उन्माद का दाग लग गया है। यहां दो दिनों तक उपद्रवियों ने जमकर हंगामा किया। अवैध संबंधों की वजह से एक युवक की हत्या के बाद यह मामला भडक़ा क्योंकि युवक और युवती अलग-अलग संप्रदाय के थे। जिस युवक की हत्या की गयी वह दूसरे संप्रदाय के व्यक्ति के मुर्गी फार्म हाउस में काम करता था। पहले से शादीशुदा इस युवक के मुर्गी फॉर्म मालिक की बेटी से संबंध बन गए। इसका पता चलने पर उसे नौकरी से निकाल दिया गया, लेकिन वह लडक़ी से मिलता रहा। परिवार वालों ने लडक़ी की शादी तय कर दी तो पिछले मंगलवार को सगाई के दिन युवक लडक़ी के घर पहुंचकर हंगामा करने लगा। इस पर लडक़ी के भाई और पिता ने उसकी पिटाई की जिससे युवक की मौत हो गई। बाद में लाश को रेलवे ट्रैक पर फेंक दिया गया।

हत्या के बाद हंगामा

पुलिस ने अगले दिन ही मामले का खुलासा कर दिया और दोनों हत्यारोपियों को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन अगले दिन इस मामले ने साम्प्रदायिक रंग ले लिया। गुरुवार को ऋषिकेश के रायवाला इलाके में तोडफ़ोड़ और आगजनी शुरू हो गई और यह उपद्रव शुक्रवार को और तेज हो गया। लोगों ने आरोपियों को पकडऩे में हीलाहवाली बरतने का आरोप लगाते हुए पुलिस प्रशासन के खिलाफ भी उग्र प्रदर्शन किया। भीड़ की ओर से की गई पत्थरबाजी में एक महिला और एक युवक जख्मी हो गए। तोडफ़ोड़ व आगजनी का प्रयास कर रहे लोगों को पुलिस ने बल प्रयोग कर खदेड़ा।

रायवाला बाजार व अन्य संवेदनशील जगहों पर पीएसी की तीन प्लाटून तैनात की गई। आसपास के थानों से भी पुलिस बल रायवाला में तैनात किया गया। हंगामा, आगजनी और मारपीट के मामले में एक समुदाय से जुड़े कई लोगों पर मुकदमे दर्ज किए गए हैं। विधानसभा अध्यक्ष और स्थानीय विधायक प्रेमचंद अग्रवाल ने रायवाला थाने पहुंचकर पुलिस अधिकारियों को कानून व्यवस्था को लेकर निर्देशित किया। उन्होंने प्रदर्शन कर रहे लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की।

निर्दोष लोगों पर कार्रवाई का आरोप

आरोपी पिता और बेटे की गिरफ्तारी के बाद हिन्दू संगठन सक्रिय हो गए। इन लोगों ने हत्याकंाड में अन्य लोगों के शामिल होने का शक जाहिर किया और सभी की तत्काल गिरफ्तारी की मांग करते हुए धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। पुलिस ने शहर में आगजनी, तोडफ़ोड़ और मारमीट के मामले में जिन लोगों पर कार्रवाई की, हिन्दू संगठन उनके पक्ष में आ खड़े हुए। हिन्दू जागरण मंच ने पुलिस पर निर्दोष लोगों के खिलाफ कार्रवाई का आरोप लगाया। मंच ने इस मुद्दे को लेकर प्रदर्शन भी किया और मामले में लोगों पर संगीन धाराओं में दर्ज मुकदमों को तत्काल वापस लेने और एसएसपी के तबादले की मांग की।

मंच कार्यकर्ताओं ने नगर पालिका परिसर से हरिद्वार रोड होते हुए कोतवाली तक जुलूस निकाला। इस दौरान उन्होंने पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी की। कोतवाली पहुंचकर उपजिलाधिकारी हर गिरि के माध्यम से मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को ज्ञापन दिया। हिन्दू संगठनों का कहना है कि वे शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे,लेकिन पुलिस ने इसे हिंसक विरोध प्रदर्शन दिखाया। संगठनों ने देहरादून की एसएसपी निवेदिता कुकरेती पर तानाशाही रवैया अपनाने का आरोप भी लगाया।

छात्र को फंसाने का आरोप

आगजनी और तोडफ़ोड़ की घटना के मामले में पुलिस पर एक छात्र को फंसाने का आरोप लगा। छात्र के परिजनों का कहना है कि जब आगजनी की घटना हुई उस समय उनका पुत्र लालतप्पड़ स्थित इंस्टीट्यूट में था, लेकिन पुलिस ने उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उसे कोर्ट में पेश कर दिया। उन्होंने सीओ को इंस्टीट्यूट के प्रिंसिपल का लिखित पत्र सौंपकर छात्र का नाम उक्त केस से हटाने की मांग की है। छात्र रवीन्द्र नवाड़ी की मां लक्ष्मी देवी नगर पालिका के सभासद विकास तेवतिया के साथ कोतवाली में प्रशिक्षु आईपीएस व सीओ मंजूनाथ टीसी से मिली।

व्यापार प्रतिनिधिमंडल की मुकदमे वापस लेने की मांग

ऋषिकेश के नगर उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल ने इस मामले में हिन्दू जागरण मंच का समर्थन किया है। प्रतिनिधिमंडल के अध्यक्ष जयदत्त शर्मा ने कहा कि पुलिस ने बिना किसी तहरीर के मुकदमे दर्ज कर लिए। व्यापार प्रतिनिधिमंडल ने लोगों पर दर्ज मुकदमों को वापस लेने की मांग की। ऐसा नहीं करने पर प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि रायवाला में युवक की हत्या के मामले में उपद्रव मचाने वालों के खिलाफ कार्रवाई होगी। इस मामले में कानून अपना काम करेगा।

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