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Dhirendra Krishna Shastri Kon hai: कौन हैं बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री, जानें इनके जीवन के बारे में सबकुछ
Dhirendra Krishna Shastri Profile: बाबा बागेश्वर धाम सरकार के महाराज पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के जीवन को लकेर कई विवाद और कहानियां है। जानें उनसे जुड़ें सभी जानकारी।
Dhirendra Krishna Shastri biography
Dhirendra Krishna Shastri Kon hai: आज पीएम नरेंद्र मोदी मध्य प्रदेश के छतरपुर के दौरे पर हैं। जहाँ दोपहर में वो बाबा बागेश्वर धाम पहुंचेंगे। आज पीएम मोदी पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से मुलाक़ात करेंगे। अपने मध्य प्रदेश दौरे पर पीएम मोदी 100 बेड वाले कैंसर हॉस्पिटल की नींव भी रखेंगे। जैसे ही ये खबर आई कि पीएम मोदी पंडित धीरेन्द्र से मुलाक़ात करेंगे वैसे ही हर कोई उनके बारे में जाने के लिए उत्सुक हो गया। इस आर्टिकल के माध्यम से जानिए कौन है धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री और क्या है इनके जीवन से जुड़े हुए विवाद।
पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का जन्म 4 जुलाई 1996 में हुआ था। वर्तमान में इन्हे लोग बागेश्वर धाम सरकार या महाराज के नाम से जानते हैं। पंडित धीरेन्द्र शास्त्री इस समय मध्य प्रदेश जिले में एक तीर्थ स्थल बागेश्वर धाम सरकार के पीठधीश हैं। यहाँ पंडित धीरेन्द्र शास्त्री कथा वाचन करते हैं। जिसे सुनने के लिए भक्त बहुत दूर दूर से आते हैं। लोगों के मन में इनके लिए अपार श्रद्धा और विश्वास है। कुछ लोग धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री पर लोगों को बरगलाने के लिए मानसिकता का इस्तेमाल करने के आरोप लगते रहे हैं।
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का प्रारंभिक जीवन
धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री का जन्म छतरपुर जिले के गढ़ा गांव में गर्ग(ब्राम्हण) में हुआ था। इनका पूरा बचपन इसी गाँव में बीता। ये काफी गरीब परिवार से ताल्लुख रखते हैं। इनकी शुरुआती पढाई इनके गाँव के एक सरकारी स्कूल से ही हुई है। ये अपने बचपन में आस-पास के गाँवों में वे दान मांगकर,रामचरितमानस और सत्यनारायण कथा सुनाकर जीवन यापन करते थे। वर्तमान में तो धीरेंद्र शास्त्री अविवाहित है। लेकिन अपने कथाओं में ऐसा कई बार कहते सुना है कि ये जल्द ही विवाह करने के बारे में सोच रहे हैं। उन्होंने ये भी बताया की जयाकिशोरी उनकी बहन है। और उनके और जयाकिशोरी के विवाह की खबर अफवाह मात्र है।
इनका आध्यात्मिक जीवन
धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के पिता एक पुजारी हैं। धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के बारे में कहा जाता है कि इन्हे भगवान हनुमान ने बागेश्वर धाम सरकार के पीठाधीश्वर बनने और समाज सेवा के लिए काम करने का निर्देश दिया था। इनको कई बार ऐसा कहते हुए सुना गया है कि ये न किसी देवता के अवतार है और न ही कोई तांत्रिक है। ये मात्र एक साधारण मानव हैं। जिन्हे हनुमान जी और सन्यासी बाबा से सिद्धियां प्राप्त हैं। जानकारी के लिए बता दें कि पंडित धीरेंद्र शास्त्री के द्वारा बागेश्वर धाम की सेवा 3 पीढ़ियों से की जा रही है।
धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की संपत्ति
अपनी संपत्ति के बारे में बताते हुए धीरेन्द्र शास्त्री ने कहा कि उनके निजी संपत्ति के रूप में सिर्फ़ एक मोटर साइकिल है। बाकी उन्हें और जो कुछ भी दक्षिणा प्राप्त होता है वो उसे भक्तों की सेवा में लगा देते हैं। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने यह भी बताया है कि उन्होंने नौ एकड़ की जमीन खरीदी है जिसपर कैंसर अस्पताल का निर्माण चल रहा है।
धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री से जुड़े विवाद
धीरेंद्र शास्त्री उस समय चर्चा में आए जब नागपुर की अखिल भारतीय अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के श्याम मानव ने उनकी आध्यात्मिक शक्तियों को चुनौती दी और अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगाया। विवाद बढ़ने पर शास्त्री जी ने मानव को अपने दरबार में आमंत्रित कर खुली चर्चा की पेशकश की। इस दौरान उन्हें कई हिंदू संगठनों और नेताओं का समर्थन मिला। 22 जनवरी 2023 को विभिन्न हिंदू संगठनों ने शास्त्री जी के पक्ष में आवाज उठाई। 25 जनवरी 2023 को नागपुर पुलिस ने उनकी जांच के बाद अंधविश्वास फैलाने के आरोपों को खारिज कर दिया। पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने कहा कि जांच में ऐसा कोई प्रमाण नहीं मिला जो महाराष्ट्र के अंधविश्वास विरोधी कानून के तहत कार्रवाई योग्य हो। इस निर्णय के बाद शास्त्री जी को कानूनी राहत मिली, और उनके समर्थकों ने इसे सच्चाई की जीत बताया।
जगद्गुरु रामभद्राचार्य के शिष्य है धीरेन्द्र शास्त्री
पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री जगद्गुरु रामभद्राचार्य के शिष्य हैं। जो इस समय छतरपुर जिले में एक हिंदू तीर्थ स्थल बागेश्वर धाम सरकार के पीठाधीश्वर और लोग की सेवा कर रहे हैं। इन्होने अपने धाम में अन्नपूर्णा रसोई की स्थापना की है जहाँ भक्तों को निःशुल्क भोजन प्रसाद के तौर पर दिया जाता है। पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री गरीब और बेसहारा लड़कियों की शादी भी करवाते है। जिसका आयोजन साल में एक बार होता है। इन सब के आलावा धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री वैदिक अध्ययन और संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए गुरुकुल की भी स्थापन कर रहे हैं। ऐसा यह भी कहा जाता है कि धीरेन्द्र शास्त्री ने 2021 में एक घर वापसी कार्यक्रम चलाया था। जहाँ ईसाई धर्म में परिवर्तित 300 हिंदू लोगों को वापस हिंदू धर्म दिलाया गया था।