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डीजल में फिर 1.25 रु./लीटर का इजाफा, महंगाई में और उछाल की आशंका

Rishi
Published on: 15 Jun 2016 6:53 PM GMT
डीजल में फिर 1.25 रु./लीटर का इजाफा, महंगाई में और उछाल की आशंका
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नई दिल्लीः थोक और खुदरा महंगाई दरों में उछाल के ताजा आंकड़ों के बीच डीजल की कीमत में 1 रुपए 25 पैसे प्रति लीटर की और बढ़ोतरी रोजमर्रा की चीजों की कीमतों में और आग लगा सकती है। पेट्रोल की कीमत में सिर्फ 5 पैसे की बढ़ोतरी को भले ही आम आदमी खुद के लिए राहत समझे, लेकिन डीजल की कीमत में एक और इजाफा बाजार जाने पर लोगों की जेब और ढीली कराने वाला हो सकता है।

डीजल की कीमत और बढ़ती महंगाई का रिश्ता

-4 अप्रैल से अभी तक डीजल की कीमत में 5 बार बढ़ोतरी हो चुकी है।

-इस दौरान प्रति लीटर डीजल 8 रुपए 69 पैसे महंगा हो चुका है।

-महंगाई की खुदरा और थोक दरों में भी मई में ही बढ़ोतरी हुई है।

कितनी बढ़ी है थोक महंगाई दर?

-मई के महीने में थोक महंगाई दर में 0.79 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

-अप्रैल में ये दर 0.34 फीसदी ही थी। इससे पहले लगातार 17 महीने ये दर नेगेटिव रही थी।

-मई में खाद्य पदार्थों की थोक महंगाई दर 7.88 फीसदी रही, इससे पहले ये 4.32 फीसदी थी।

कितनी बढ़ी है खुदरा महंगाई दर?

-मई में खुदरा महंगाई दर 21 महीने के सबसे ऊंचे स्तर पर आ गई है।

-खुदरा महंगाई दर 5.76 फीसदी दर्ज की गई, अप्रैल में ये 5.47 फीसदी थी।

-खाद्य पदार्थों की खुदरा महंगाई दर मई में 7.5 फीसदी रही, अप्रैल में ये 6.4 फीसदी थी।

क्या हैं महंगाई बढ़ने की वजह

-दाल की कीमत में जबरदस्त इजाफा हुआ है।

-इसके अलावा टमाटर, आलू, चाय और चीनी भी महंगी हुई है।

-डीजल की कीमत में लगातार बढ़ोतरी से आम जरूरत की चीजों की ढुलाई भी महंगी हुई है।

कितनी बढ़ चुकी है डीजल की कीमत?

-1 जनवरी 2016 से डीजल की कीमत में 8 बार इजाफा हो चुका है।

-इस दौरान सिर्फ 4 बार डीजल की कीमत कम की गई है।

-अप्रैल से अब तक डीजल की कीमत 7 रुपए 44 पैसे प्रति लीटर बढ़ चुकी है।

Rishi

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आशीष शर्मा ऋषि वेब और न्यूज चैनल के मंझे हुए पत्रकार हैं। आशीष को 13 साल का अनुभव है। ऋषि ने टोटल टीवी से अपनी पत्रकारीय पारी की शुरुआत की। इसके बाद वे साधना टीवी, टीवी 100 जैसे टीवी संस्थानों में रहे। इसके बाद वे न्यूज़ पोर्टल पर्दाफाश, द न्यूज़ में स्टेट हेड के पद पर कार्यरत थे। निर्मल बाबा, राधे मां और गोपाल कांडा पर की गई इनकी स्टोरीज ने काफी चर्चा बटोरी। यूपी में बसपा सरकार के दौरान हुए पैकफेड, ओटी घोटाला को ब्रेक कर चुके हैं। अफ़्रीकी खूनी हीरों से जुडी बड़ी खबर भी आम आदमी के सामने लाए हैं। यूपी की जेलों में चलने वाले माफिया गिरोहों पर की गयी उनकी ख़बर को काफी सराहा गया। कापी एडिटिंग और रिपोर्टिंग में दक्ष ऋषि अपनी विशेष शैली के लिए जाने जाते हैं।

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