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Pension Scheme: जानिए क्या है पुरानी और नई पेंशन स्कीम
Pension Scheme: नयी पेंशन योजना में कर्मचारी द्वारा पेंशन फण्ड में मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 10 प्रतिशत योगदान और सरकार द्वारा समान योगदान शामिल है। ये योगदान अनिवार्य है।
Pension Scheme: पुरानी पेंशन स्कीम यानी ओपीएस के तहत मुख्य रूप से केंद्र और राज्य सरकारों के नियमित कर्मचारी शामिल थे। ये लोग नौकरी के दौरान पेंशन के लिए कोई योगदान नहीं करते थे और रिटायर होने पर आखिरी वेतन के आधे के बराबर पेंशन पाते थे। इसके अलावा, उनको महंगाई भत्ता भी मिलता था। यानी तनख्वाह की तरह पेंशन भी बढ़ती जाती थी। इस योजना की डिजाइन का मतलब था कि इसका लाभ देने वाले संस्थानों के पेंशन बिल को उनके मौजूदा राजस्व से वित्त पोषित किया गया था।
आज सरकार द्वारा भुगतान की जाने वाली न्यूनतम पेंशन 9,000 रुपये प्रति माह है, और अधिकतम 62,500 रुपये है (केंद्र सरकार में उच्चतम वेतन का 50 प्रतिशत, जो कि 1,25,000 रुपये प्रति माह है)। पिछले तीन दशकों में केंद्र और राज्यों के लिए पेंशन देनदारियां कई गुना बढ़ गई हैं। 1990-91 में केंद्र का पेंशन बिल 3,272 करोड़ रुपये था, और सभी राज्यों का कुल खर्च 3,131 करोड़ रुपये था। 2020-21 तक केंद्र का बिल 58 गुना बढ़कर 1,90,886 करोड़ रुपये हो गया था; जबकि राज्यों के लिए यह 125 गुना बढ़कर 3,86,001 करोड़ रुपये हो गया।
नई पेंशन योजना
नयी पेंशन योजना में कर्मचारी द्वारा पेंशन फण्ड में मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 10 प्रतिशत योगदान और सरकार द्वारा समान योगदान शामिल है। ये योगदान अनिवार्य है। जनवरी 2019 में सरकार ने अपने योगदान को मूल वेतन और महंगाई भत्ते के 14 प्रतिशत तक बढ़ा दिया। कर्मचारियों को विकल्प दिया गया कि वे कम जोखिम से लेकर उच्च जोखिम, और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों और वित्तीय संस्थानों के साथ-साथ निजी कंपनियों द्वारा प्रोमोट किये गए पेंशन फंड मैनेजरों की योजनाओं में से किसी को चुन सकते हैं।
न्यू पेंशन स्कीम या एनपीएस के तहत योजनाएं नौ पेंशन फंड मैनेजरों द्वारा पेश की जाती हैं - एसबीआई, एलआईसी, यूटीआई, एचडीएफसी, आईसीआईसीआई, कोटक महिंद्रा, अदिता बिड़ला, टाटा और मैक्स। एसबीआई, एलआईसी और यूटीआई द्वारा शुरू की गई एनपीएस योजना के लिए 10 साल का रिटर्न 9.22 प्रतिशत; 5 साल का रिटर्न 7.99 फीसदी और 1 साल का रिटर्न 2.34 फीसदी है। उच्च जोखिम वाली योजनाओं पर रिटर्न 15 फीसदी तक हो सकता है।
पिछले वर्षों में, एनपीएस ने एक मजबूत ग्राहक आधार बनाया है, और प्रबंधन के तहत इसकी संपत्ति में वृद्धि हुई है। 31 अक्टूबर, 2022 तक, केंद्र सरकार के पास 23,32,774 ग्राहक और राज्यों में 58,99,162 ग्राहक थे। कॉर्पोरेट क्षेत्र में 15,92,134 ग्राहक और असंगठित क्षेत्र में 25,45,771 ग्राहक थे। एनपीएस स्वावलंबन योजना के तहत 41,77,978 ग्राहक थे। इन सभी ग्राहकों की प्रबंधनाधीन कुल संपत्ति 31 अक्टूबर, 2022 तक 7,94,870 करोड़ रुपये थी।