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Digital Arrest: हिट एंड रन के जरिये हो रहे डिजिटल अरेस्ट, हड़बड़ी के चलते होता है लाखों का नुकसान
Digital Arrest: डिजिटल अरेस्ट का शिकार करने के लिए आरोपी हिट एंड रन के फॉर्मूले को अपना रहे हैं।
Digital Arrest: डिजिटल अरेस्ट के जरिये आजकल लोगों से पैसे ठगे जा रहे हैं। इसका शिकार न सिर्फ इन्फ्लुएंसर बन रहे बल्कि आम नागरिक भी लगातार ठगे जा रहे हैं। अक्सर ऐसी घटनाएं देखी जा रही है कि आम नागरिकों को कॉल आ रहे है और उनसे कहा जा रहा है कि वो सीबीआई, नारकोटिक्स, कस्टम, पुलिस, ईडी आदि के अधिकारी हैं। और ऐसा कहने के बाद वो आम जनता को पूरी तरह से अपनी बातों में फंसा कर रखते हैं। उन्हें ऐसा बताते है कि उनके द्वारा नशीले पादर्शों के तस्करी का मामला सामने निकल के आया है और अब उनपर बड़ी कार्रवाई हो सकती है। जिस बाद आम लोग एकदम से भयभीत हो जाते हैं। और फिर ठग इस बात का फायदा उठा कर उनसे मनमानी रकम वसूलते हैं।
किन तरीकों से हो रही धोखाधड़ी
आजकल लोगों को तीन-चार तरीको से धोखाधड़ी का शिकार बनाया जाता है। उन्हें ज्यादातर कॉल कूरियर धोखाधड़ी, बैंक खाता धोखाधड़ी और लोन धोखाधड़ी से आते है। इसमें कॉल करने वाला आदमी अपनी बातों में लोगों को पूरी तरह फंसा कर रखता है। और जबतक पैसे नहीं मिल जाते वो कॉल पर लोगों को डराता रहता है।
डिजिटल अरेस्ट से कैसे बचें
डिजिटल अरेस्ट का शिकार काफी पढ़े लिखे लोग बन रहे हैं। इसीलिए इससे कैसे बचा जा सकता है इसका कोई फाइनल तरीका नहीं है। लेकिन अगर ऐसी कोई घटना आपके साथ हो रही है तो आप क्राइम सिक्योरिटी पोर्टल 1930 पर तुरंत शिकायत दर्ज करा सकते हैं। जिसकी जांच हमारी क्राइम सेक्योरिटी टीम करेगी। वैसे आपको बता दें कि डिजिटल अरेस्ट के मामलों की जांच करना भी आसान नहीं होता है। इनका नेटवर्क कई राज्यों के साथ खाड़ी देशाें तक है, जिसकी वजह से कई बार हड़पी गई रकम की बरामदगी नहीं हो पाती है। इस रकम को खाड़ी देशों में ट्रांसफर करने के बाद क्रिप्टो करेंसी में बदल दिया जाता है। और इस पैसों को ठग वाले फिर अपने अकाउंट में मांगकर बाँट लेते है जिससे अपराधी का पता नहीं चल पाता।