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'जो भगवान राम का अस्तित्व नहीं मानते थे, वो आज...,नेहरू के मुकाबले मोदी अतुलनीय PM', बोले सुधांशु त्रिवेदी

Sudhanshu Trivedi: राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने राज्यसभा में अयोध्या और राम से जुड़ी स्थानों पर भाजपा को मिली हार पर और तीसरी बार केंद्र में भाजपा सरकार बनाने के बाद भी विपक्ष द्वारा मिले जनाधार पर उठाए जा रहे सवालों पर जोरदार तरीके से जवाब दिया। हालांकि दोनों सदन सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई हैं।

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Newstrack Network
Published on: 28 Jun 2024 3:33 PM IST (Updated on: 28 Jun 2024 10:13 PM IST)
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राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्वात पर चर्चा करते हुए राज्यसभा में भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी

Sudhanshu Trivedi: 18वीं लोकसभा के पहले सत्र में पांचवे दिन शुक्रवार को लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदन में चर्चा शुरू हुई। सबसे पहले सदनों में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पेश किया गया। उसके बाद निम्न सदन लोकसभा और उच्च सदन राज्यसभा में चर्चा हुई। हालांकि सदन आज पूरे दिन नहीं चल पाया। नीट के मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग को लेकर विपक्ष दोनों सदनों में हंगामा करता रहा। हंगामें के बीच पहले लोकसभा की कार्यवाही 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दी। फिर सदन शुरू होते ही विपक्षी सदस्य हंगामा करने लगे, जिसके बाद दोनों सदनों की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। चर्चा शुरू होते की कुछ ही घंटों खत्म हुई सदन की कार्यवाही से एक बात साफ हो गई है विपक्ष अपना पुराना वाला रवैया 18वीं लोकसभा में अपनाया हुआ है और सार्थक चर्चा के मूड में नहीं देख रहा। चर्चा के पहले दिन बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने सदन में विपक्ष को कई मुद्दों पर घेरा।

अयोध्या में मिली हार का भाजपा ने कुछ ऐसा दिया जवाब

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने राज्यसभा में अयोध्या और राम से जुड़ी स्थानों पर भाजपा को मिली हार पर और तीसरी बार केंद्र में भाजपा सरकार बनाने के बाद भी विपक्ष द्वारा मिले जनाधार पर उठाए जा रहे सवालों पर जोरदार तरीके से जवाब दिया। सुंधाशु ने कहा कि अयोध्या में जब हमें वांछित सफलता नहीं मिली तो विरोधी बता क्या रहे हैं, चित्रकूट से लेकर रामेश्वर तक राम से जुड़ी सीटें गिना रहे हैं, जो कभी भगवान राम का अस्तित्व नहीं मानते थे। भगवान राम क्या लगता है, हमें हरवाने के लिए आए थे? नहीं बल्कि भगवान राम अपना अस्तित्व मनवाने के लिए आए थे। चुनाव में उन्होंने (राम) विपक्ष को अपना अस्तित्व मनवा दिया।

तपस्या में कोई कमी रह गई हो

उन्होंने कहा कि एक बार यूपी में भी ये नारा लगा था कि मिले मुलायम कांशीराम, हवा में उड़ गए जयश्रीराम.. हमने सरकार बनाकर दिखा दी थी. हमारे लिए राम चुनावी हार-जीत का विषय नहीं है. हम दो सीट पर भी वैसे ही खड़े थे, आज भी वैसे ही खड़े हैं। हो सकता है तपस्या में कोई कमी रह गई हो।

संविधान खतरे के मुद्दे पर BJP का करार प्रहार

भाजपा द्वारा संविधान को खतरा बताए जाने पर सुधांशु त्रिवेदी कांग्रेस पर जमकर बरसे और कांग्रेस से समय संविधान पर किए बदलाव का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि इन लोगों ने अपने समय में संविधान के साथ क्या किया? तीन उदाहरण से बताना चाहता हूं. नाजी फिल्म का उदाहरण देते हुए इंदिरा इज इंडिया और इंडिया इज इंदिरा का नारा याद दिलाया, जजों को लेकर हिटलर के बयान का जिक्र करते हुए उन्होंने आपातकाल में वैसा ही कदम इंदिरा की ओर से उठाए जाने के साथ संविधान के 39वें और 40वें संशोधन याद दिलाए। 42वां संविधान संशोधन ऐसा संशोधन था जिसमें संविधान की आत्मा को बदल दिया गया। ये जब जब सत्ता में आए, संविधान खतरे में रहा। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी की सरकार ने न्यायालय का आदेश रोककर शरिया को संविधान से ऊपर कर दिया. 1992 में पीवी नरसिम्हाराव के जमाने में ढांचा गिरने पर यूपी सरकार बर्खास्त कर दी गई। हमारी सारी सरकारें बर्खास्त कर दी गईं। मनमोहन सिंह की सरकार आई, यूनियन कैबिनेट के ऊपर नेशनल एडवाइजरी काउंसिल बनाई। 2006 में सोनिया गांधी को ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के केस में इस्तीफा देना पड़ा था क्योंकि वह पद असंवैधानिक था। कैबिनेट के निर्णय को फाड़कर फेक दिए जाते थे। मार्च 2006 में केरल की विधानसभा में स्पेशल सेशन बुलाया जाता है और कोयंबटूर हमले के आरोपी को रिहा करने के प्रस्ताव पर सभी विधायक वोट करते हैं। दो नेता जेल चल गए तो उन्हें लगाता है, संविधान खतरे में हैं।

नेहरूजी के मुकाबले मोदीजी अतुलनीय हैं

सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री बने हैं। नेहरू की बराबरी हो गई है। नेहरू और मोदी में कोई तुलना नहीं हो सकती। सुधांशु त्रिवेदी ने एक किताब का संदर्भ देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के लिए नेहरूजी को शून्य वोट मिले थे और एक मोदीजी हैं जिन्हें सर्वसम्मति से नेता माना गया है। एक नेहरू हैं जिन्हें उनकी पार्टी ने नेता नहीं माना, एक तरफ मोदीजी हैं जिन्हें सर्वसम्मति से नेता माना गया। सुधांशु त्रिवेदी ने पीएम मोदी को सर्वोच्च नागरिक सम्मान देने वाले देशों के नाम भी गिनाए और दूसरे दलों के नेताओं को दिए गए सम्मान गिनाए। उन्होंने कहा कि एक मोदीजी जिन्होंने सबको भारत रत्न दिया और एक नेहरूजी हैं जिन्होंने खुद को भारत रत्न दे दिया। नेहरूजी के मुकाबले मोदीजी अतुलनीय हैं. दोनों में जमीन आसमान का अंतर है। वह जवाहरात के लाल थे, मोदीजी गुदड़ी के लाल हैं।

Viren Singh

Viren Singh

पत्रकारिता क्षेत्र में काम करते हुए 4 साल से अधिक समय हो गया है। इस दौरान टीवी व एजेंसी की पत्रकारिता का अनुभव लेते हुए अब डिजिटल मीडिया में काम कर रहा हूँ। वैसे तो सुई से लेकर हवाई जहाज की खबरें लिख सकता हूं। लेकिन राजनीति, खेल और बिजनेस को कवर करना अच्छा लगता है। वर्तमान में Newstrack.com से जुड़ा हूं और यहां पर व्यापार जगत की खबरें कवर करता हूं। मैंने पत्रकारिता की पढ़ाई मध्य प्रदेश के माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्विविद्यालय से की है, यहां से मास्टर किया है।

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