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INDIA Meet: पीएम चेहरा, सीट शेयरिंग और साझा रैलियां…भाजपा के खिलाफ 2024 की जंग में विपक्ष ने लिए बड़े फैसले

INDIA Meet: इंडिया गठबंधन में शामिल दलों के नेताओं की चौथी बैठक आज दिल्ली में हुई। बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीएम चेहरे के तौर पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम प्रस्तावित किया।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 19 Dec 2023 9:06 PM IST
PMs face in India alliance meeting, seat sharing and joint rallies, big decisions taken against BJP in Lok Sabha elections
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इंडिया गठबंधन की मीटिंग में पीएम चेहरा, सीट शेयरिंग और साझा रैलियां, लोकसभा चुनाव में भाजपा के खिलाफ लिए बड़े फैसले: Photo- Social Media

INDIA Meet: इंडिया गठबंधन में शामिल दलों के नेताओं की चौथी बैठक आज दिल्ली में हुई। बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पीएम चेहरे के तौर पर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम प्रस्तावित किया। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप मुखिया अरविंद केजरीवाल ने इसका समर्थन किया। इस दौरान सपा मुखिया अखिलेश यादव पूरी तरह चुप्पी साधे रहे। अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश में बीजेपी को हराने और उसे दिल्ली की सत्ता से बेदखल करने का ऐलान किया। बाद में खड़गे ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि पीएम चेहरा घोषित करने से पहले हमारे लिए जीत हासिल करना जरूरी है और हम इसी दिशा में काम करेंगे।

बैठक में एनडीए के खिलाफ अगले साल 30 जनवरी से साझा रैलियां आयोजित करने का फैसला किया गया। भाजपा के खिलाफ चुनाव अभियान के तहत पूरे देश में 8-10 रैलियां आयोजित की जाएंगी। बैठक में 28 दलों के नेताओं ने हिस्सा लिया। बैठक में फैसला किया गया कि गठबंधन में शामिल दलों के बीच राज्य स्तर पर सीट शेयरिंग की जाएगी। पंजाब और दिल्ली जैसे जटिल राज्यों में सीट शेयरिंग के मुद्दे पर बाद में विचार किया जाएगा।

राज्य स्तर पर होगी सीट शेयरिंग

बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इंडिया गठबंधन में शामिल दलों के बीच राज्य स्तर पर सीट शेयरिंग की जाएगी। अगर कहीं इस फार्मूले में सफलता नहीं मिली तो हम सब मिलकर फैसला करेंगे। उन्होंने कहा कि दिल्ली और पंजाब जैसे राज्यों का मसला सुलझाने पर बाद में फैसला किया जाएगा। दिल्ली और पंजाब जैसे जटिल राज्यों का मामला बाद में आपसी बातचीत के जरिए सुलझाया जाएगा।

बैठक में तृणमूल कांग्रेस की ओर से कहा गया कि विभिन्न राज्यों में सीटों के बंटवारे पर बातचीत इस साल 31 दिसंबर तक पूरी कर ली जानी चाहिए। हालांकि यह काम काफी मुश्किल माना जा रहा है क्योंकि अब सिर्फ 11 दिन ही बचे हैं।

साझा रैलियों का होगा आयोजन

विपक्षी गठबंधन इंडिया की ओर से अगले साल 30 जनवरी से साझा रैलियों के जरिए बड़ा चुनाव अभियान शुरू किया जाएगा। इन रैलियों के जरिए भाजपा की अगुवाई वाले एनडीए को विपक्ष की ओर से चुनौती पेश की जाएगी।

विपक्षी दलों की ओर से पूरे देश में 8-10 रैलियां आयोजित की जाएंगी। खड़गे ने कहा कि आने वाले दिनों में पूरे देश में विपक्षी गठबंधन इंडिया की 8 से 10 मीटिंग होगी। गठबंधन के लोग अगर एक मंच पर नहीं आएगे तो लोगों को विपक्ष की ताकत के बारे में कैसे पता चलेगा। इन रैलियों के जरिए हम भाजपा को अपनी ताकत दिखाएंगे।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी: Photo- Social Media

पीएम चेहरे से ज्यादा जरूरी जीत हासिल करना

तृणमूल कांग्रेस की मुखिया ममता बनर्जी की ओर से पीएम चेहरे को लेकर रखे गए प्रस्ताव पर खड़गे ने कहा कि पहले हमें सीट जीतने पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारी सबसे बड़ी प्राथमिकता पहले चुनाव जीतकर आने की है। यदि हमारे पास सांसद नहीं होंगे तो फिर पीएम चेहरे की बात का क्या मतलब रह जाता है।

हम पहले संख्या बढ़ाने के लिए एक साथ लड़कर बहुमत हासिल करने की कोशिश करेंगे। पीएम मोदी को घमंड आ गया है कि मेरे सिवा कोई नहीं रह गया है। ऐसे में सबसे पहले उनका घमंड तोड़ना और जीत हासिल करना जरूरी है।

उन्होंने कहा कि 28 दलों की बैठक के दौरान सभी नेताओं ने गठबंधन के काम करने के तरीकों पर अपनी-अपनी बात रखी है। हमने सभी दलों के साथ गहराई से चर्चा की है। विपक्षी सांसदों के निलंबन के मुद्दे पर 22 दिसंबर को विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।

सांसदों के निलंबन के खिलाफ होगी लड़ाई

संसद की सुरक्षा में चूक के मामले का जिक्र करते हुए खड़गे ने कहा कि हम इस मामले में प्रधानमंत्री या गृह मंत्री से सदन में आने और बयान देने की मांग कर रहे हैं। हम शुरू से ही यह बात कर रहे हैं कि इन दोनों नेताओं को इस मुद्दे पर सदन में बयान देना चाहिए मगर वे इस मुद्दे पर सहमत नहीं है। वे दूसरे कार्यक्रमों में व्यस्त हैं मगर संसद नहीं आ सकते। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ।

खड़गे ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में घूम रहे हैं मगर उन्हें संसद आने की फुर्सत नहीं है। लोकतंत्र की हत्या करते हुए विपक्ष के 151 सांसदों को निलंबित कर दिया गया है। हम इसके खिलाफ एकजुट होकर मजबूत लड़ाई लड़ेंगे।

समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव: Photo- Social Media

भाजपा को यूपी में हारने का अखिलेश का दावा

समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने कहा कि 2024 की सियासी जंग के लिए सभी दल बहुत जल्दी टिकट बांटकर चुनावी अखाड़े में उतरने के लिए तैयार हैं। सीटों के बंटवारे का काम बहुत जल्द पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों के नेता बहुत जल्द जनता के बीच दिखाई देंगे। उन्होंने कहा कि हम उत्तर प्रदेश में अपनी ताकत दिखाने के लिए तैयार हैं। उन्होंने प्रदेश की सभी 80 लोकसभा सीटों पर भाजपा को पराजित करने का दावा किया।

राज्य स्तर की पार्टियों को मिले नेतृत्व का मौका

तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन ने सीट बंटवारे को लेकर कहा कि हर राज्य में जो बड़ी पार्टी है, उसे ही नेतृत्व करना चाहिए। राज्य स्तर की पार्टियां भी लोकसभा चुनाव में अपनी ताकत दिखाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।

झारखंड मुक्ति मोर्चा की नेता महुआ मांझी ने कहा कि बैठक के दौरान सीट शेयरिंग पर भी चर्चा हुई है कई दलों के नेताओं का मानना था कि सीट शेयरिंग का काम एक जनवरी से पहले समाप्त कर लिया जाना चाहिए ताकि विभिन्न दलों को चुनावी तैयारी करने का पूरा मौका मिल सके।

सपा को मंजूर नहीं बसपा का साथ

बैठक के दौरान समाजवादी पार्टी के नेता रामगोपाल यादव ने एक महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि हम लोगों को एक बात सुनने को मिल रही है कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस बहुजन समाज पार्टी के साथ गठजोड़ करने पर चर्चा कर रही है। समाजवादी पार्टी को बहुजन समाज पार्टी का साथ किसी भी सूरत में मंजूर नहीं है।

रामगोपाल यादव के बयान से साफ हो गया है कि बसपा को उत्तर प्रदेश में अकेले ही चुनावी अखाड़े में उतरना होगा। बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती भी अकेले चुनावी जंग में उतरने का संकेत देती रही हैं। वे भाजपा के साथ विपक्षी दलों पर भी तीखे हमले करने में जुटी हुई हैं।

सीट शेयरिंग पर ठोस फैसला नहीं

सियासी जानकारी का कहना है कि सीट शेयरिंग के मुद्दे पर आज भी कोई ठोस फैसला नहीं लिया जा सका। हालांकि कई दलों के नेताओं की ओर से यह मुद्दा उठाया गया है। टीएमसी का कहना है कि 31 दिसंबर तक इस काम को पूरा कर लिया जाना चाहिए ताकि विभिन्न दलों को चुनावी तैयारी करने का पूरा मौका मिल सके। दूसरे दलों के नेताओं के बयानों से संकेत मिला है कि यह काम जनवरी से पहले पूरा होना काफी मुश्किल है। कई राज्यों में सीट शेयरिंग को लेकर पेंच फंसा हुआ है और इस मुद्दे को सुलझाना भी आसान नहीं होगा।

Shashi kant gautam

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